ठिठुर गया रेगिस्तान, दस वर्षों में चौथी बार आई ऐसी सर्दी

www.khaskhabar.com | Published : शुक्रवार, 13 जनवरी 2017, 08:40 AM (IST)

जोधपुर। सूर्यदेव दक्षिणायण हैं और हिमालय क्षेत्र में बर्फबारी के साथ चल रही उत्तरी पूर्वी हवाओं से मौसम में कंपकंपी बढ़ रही है। इसके साथ ही तापमान लगातार कम हो रहा है और सर्द हवाएं मौसम में सर्दी घोल रही हंै। शुक्रवार की सुबह मौसम बर्फ सा हो गया, पानी इतना सर्द हो गया कि घरों में पीने के पानी को गर्म करना पड़ गया। गुरुवार की सांझ ढलते ही कोहरे की परत सी छा गई और न्यूनतम तापमान 4.3 डिग्री पर पहुंच गया। जानकारों के अनुसार पिछले दस वर्ष में जनवरी में ऐसा चार बार ही हुआ है। उत्तरी हवाओं की वजह से पारा पांच डिग्री के नीचे गया है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार अगले दो दिनों तक तापमान उतरने की संभावना है। जोधपुर शहर का न्यूनतम तापमान बुधवार को 5.9 डिग्री सेल्सियस था। सुबह 11:30 बजे हवाओं का रुख पूर्वी हो गया तथा फिर दक्षिणी हवाएं चलने लगीं। शाम के बाद जब उत्तरी पूर्वी हवाएं चलीं तो शहर में ठिठुरन बढ़ गई। शुक्रवार को भी मौसम में ठंडक से तापमान में गिरावट रहने का अनुमान जताया जा रहा है ।

यहां जायका है जिंदगी

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जोधपुर पत्थरों का शहर भी है और यहां की जिंदगी एक कहावत से भी जुड़ी है कि ये शहर खंडे और खावणखंडों का है। हर बार की तरह इस सर्दी में ज्यादा ठंडक हुई तो अब यहां गर्म दूध का चलन बढ़ गया। पूरी रात दूध को बड़े बर्तन में गर्म किया जाता है और फिर उसमे एक चुटकी हल्दी डालकर पिया जाता है। ये दूध इतना गाढ़ा हो जाता है कि शरीर में प्रवेश करते ही सर्दी छूमंतर हो जाती है। सर्दी में गली-गली दूध के भण्डार लग जाते हैं। जहाँ दूध को अच्छी तरह गर्म करके पिया जाता है। डॉ. नरेंद्र छंगाणी मानते हैं कि दूध की तासीर सर्दी को दूर भगाने में सहायक होती है। गर्म दूध के साथ हल्दी बच्चों को हैल्दी बनाता है और सर्दी में ऐसे दूध से बच्चों की सेहत दुरस्त रहती है।

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