चीनी मीडिया भारत पर फिर गुर्राया

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 11 जनवरी 2017, 8:22 PM (IST)

बीजिंग। चीन अब भारत-वियतनाम के मजबूत होते संबंधों से बिफर गया है। चीन के सरकारी मीडिया ने बुधवार को कहा कि चीन का मुकाबला करने के लिए यदि वियतनाम के साथ भारत अपने सैन्य संबंध मजबूत करने का कोई कदम उठाता है तो इससे क्षेत्र में गडबडी पैदा होगी और चीन हाथ पर हाथ धरकर नहीं बैठेगा। भारत की वियतनाम को सतह से हवा में मार करने वाली आकाश मिसाइल को बेचने की योजना की खबरों के बाद चीन की यह प्रतिक्रिया सामने आई है।

आकाश मिसाइल प्रणाली की आपूर्ति की खबरों पर चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में छपे एक लेख में कहा गया है, यदि भारत सरकार रणनीतिक समझौते या चीन के खिलाफ प्रतिशोध की भावना से वियतनाम के साथ असल में अपने सैन्य संबंधों को मजबूत करती है तो इससे क्षेत्र में गडबडी पैदा होगी और चीन हाथ पर हाथ धरे नहीं बैठेगा। यह भी कहा गया कि मिसाइलों की आपूर्ति सामान्य हथियार बिक्री के रूप में होनी है जिसे भारतीय मीडिया में अब तक चीन के खतरे से निपटने के लिए एक जवाब के रूप में बताता रहा है ।

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ग्लोबल टाइम्स ने यह बात इन खबरों का हवाला देते हुए कही कि भारत का यह कदम चीन द्वारा भारत को परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) का सदस्य बनने से रोकने तथा जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी मूसद अजहर पर संयुक्त राष्ट्र से प्रतिबंध लगाने के भारत के प्रयासों में चीन द्वारा अडंगा लगाए जाने के जवाब में है।

याद रहे, वियतनाम, फिलीपींस, मलेशिया, ब्रूनेई और ताइवान जैसे देश चीन का साउथ चाइना सी में दावे पर सवाल खडा कर रहे हैं। चीन वियतनाम को कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चीन और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ वियतनाम के बीच भाईचारे का हवाला देकर फुसलाने की कोशिश कर रहा है। अखबार लिखता है,भारत का एक ब़डी ताकत बनने का सपना है लेकिन, मौजूदा अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों में अपने दम पर ऎसा कर पाना मुश्किल लगता है। भारत को दूसरे देशों के साथ और व्यवहारिक संबंध बनाने की जरूरत है।

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ग्लोबल टाइम्स लिखता है,चीन हमेशा भारत के साथ मजबूत संबंधों का पक्षधर रहा है। उम्मीद है कि भारतीय मीडिया में आई खबरें सरकार के रूख का प्रतिनिधत्व नहीं करती हों। चीन और भारत को अभी कई मुद्दों पर आगे बढना है।

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