आप लोग क्या-क्या नहीं करते हैं अपनी उम्र को छिपाने के लिये तरह-तरह की
क्रीमस का यूज किया जाता है। लेकिन आपको एक ऎसे आलू के बारे में बातये जो
आपकी की बढती उम्र को कम कर सकता है हैरान तो हो रहे होगें आप ये सुनकर और
थोडी खूशी भी हो रही होगी जी हां, आज हम जिस आलू के बारे में आपको बताने जा
रहे हैं उसको खाने ने बुढापा देरी से आता है और कई बीमारीयों से फायदा भी
मिलता है।
आप जानते हैं कि एक आलू भी हमारे बुढापे को कंट्रोल कर
सकता है। इस आलू में विटामिन सी की मात्रा तीन गुना ज्यादा और ऑक्सीकरण
निरोधक तत्व चार गुना अधिक ये ऑक्सीकरण निरोधक तत्व ही बुढापे की प्रक्रिया
को रोकते हैं। बीमारियों से बचाने के लिए आलू की इन किस्मों को शुरू में
टेस्ट-ट्यूब में तैयार किया जाता है और बाद में उनकी पौध को खेतों में
लगाते हैं सामान्य आलू के मुकाबले इस नए आलू में अरारोट बहुत कम होता है,
इसीलिए इसका रंग जामुनी हो गया ना जाने कितनी ही खाने की प्रजातियां
वैज्ञानिकों ने मानव हित के लिए बनाई हैं, जो हमारी रक्षा के साथ-साथ हमारी
ताकत व जवानी बरकार रखने में सक्षम होती हैं।
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इस पूरी फसल का
इस्तेमाल फिर से बीज के रूप में करते है इसके बाद इसकी जितनी मांग होगी,
उतना ही बीज बनाने की कोशिश की जाएगी। अब ऎसी ही एक और प्रजाति का आलू
वैज्ञानिकों द्वारा मानव हित के लिए आया है जो हमें बुढापे से बचाएगा। रूस
के उराल प्रदेश के येकातेरिनबुर्ग नगर के कृषि-वैज्ञानिकों ने आलू की एख
अनूठी किस्म, जामुनी आलू का विकास किया है। देखने में यह आलू चुकंदर की तरह
लगता है। लेकिन जब इसे खाते हैं तो आलू का वही असली स्वाद आता है।
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जामुनी रंग का यह आलू जंगली आलू और सामान्य आलू के संकरण से पैदा किया गया है। जब इस आलू को उबाला जाता है तो भी इसका रंग वैसे ही चमकदार जामुनी बना रहता है।
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बीमारियों से बचाने के लिए आलू की इन किस्मों को शुरू में टेस्ट-ट्यूब में तैयार किया जाता है और बाद में उनकी पौध को खेतों में लगा दिया जाता है। इस तरह की तीन-चार फसलें लेने के बाद वह अच्छे बीज में बदल जाता है। पिछले 50 साल में रूस के उराल प्रदेश का यह कृषि अनुसंधान संस्थान रूस का एक प्रमुख कृषि-संस्थान बन गया है। यहां खोजी गई आलू की किस्में रूस के अलग-अलग कई इलाकों में बोई जाती हैं।