कांग्रेस-सपा गठबंधन का ऐलान जल्द

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 11 जनवरी 2017, 11:39 AM (IST)

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव एक तरफ अपनी ही पार्टी में मचे घमासान में फंसे हुए हैं, तो दूसरी तरफ वह चुनावों पर भी नजरें लगाए हुए हैं। पार्टी में घमासान के चलते चुनाव में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच गठबंधन की औपचारिक घोषणा अभी भले न हुई हो, लेकिन दोनों पार्टियों ने मंगलवार को संकेत दिए कि इस सप्ताह के अंत तक दोनों पार्टियां संयुक्त चुनाव प्रचार शुरू कर सकती हैं। इसमें अखिलेश यादव और डिंपल यादव के साथ राहुल गांधी और प्रियंका गांधी भी शामिल होंगी। बताया जा रहा है कि दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन का ऐलान प्रियंका गांधी की मौजूदगी में किया जाएगा जो इस बात का भी इशारा है कि इस बार प्रियंका यूपी चुनाव में काफी सक्रिय रहने वाली हैं।

अखिलेश खेमे के बड़े नेता जैसे रामगोपाल यादव पार्टी में मचे बवाल और चुनाव चिह्न को लेकर चुनाव आयोग में चल रहे मसले पर ध्यान केंद्रित किए हुए हैं, तो दूसरी तरफ अखिलेश यादव कांग्रेस के साथ सीटों के फैसलों पर विचार-विमर्श में लगे हुए हैं। सीटों के बंटवारे को लेकर अखिलेश राहुल और प्रियंका गांधी से सीधे संपर्क में भी हैं। राहुल गांधी के छुट्टी से लौटने के साथ ही इस गठबंधन की खबरों में तेजी आई गई है।

सूत्रों के मुताबिक, शुरूआत में कांग्रेस ने 140 और रालोद ने 50 सीटों की मांग रखी थी, लेकिन पर्दे के पीछे चल रही बातचीत के अनुसार दोनों पार्टियां कुछ सीटें कम करने को तैयार हुई हैं। अभी तक कोई आखिरी मुहर नहीं लगी है, लेकिन माना जा रहा है कि सपा 300, कांग्रेस 78-80 और बाकी सीटें रालोद को दी जाएंगी।

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इस घटनाक्रम की पुष्टि करते हुए सूत्रों ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि समाजवादी पार्टी में चल रही वर्चस्व की लड़ाई के चलते गठबंधन की घोषणा में देरी हो रही है, क्योंकि अखिलेश चाहते हैं कि पहले यह तय हो जाए कि समाजवादी पार्टी और उसके चुनाव चिह्न साइकिल पर उनका अधिकार है या नहीं। समाजवादी पार्टी के दोनों खेमे पार्टी पर अपना हक जताते हुए चुनाव आयोग गए हैं और उम्मीद है कि 13 जनवरी तक आयोग अपना फैसला सुना देगा। सूत्रों ने बताया कि अगर फैसला अखिलेश के पक्ष में आता है, तो उसी दिन कांग्रेस से गठबंधन का ऐलान कर दिया जाएगा।
कांग्रेस महासचिव गुलाम नबी आजाद ने मंगलवार को ‘सेक्युलर ताकतों’ से आग्रह किया कि वे एकजुट हों। आजाद के इस बयान को कांग्रेस-सपा के संभावित गठबंधन के संकेत के तौर पर ही देखा जा रहा है। यहां तक कि यूपी में कांग्रेस की ओर से घोषित की गईं सीएम पद की उम्मीदवार शीला दीक्षित ने भी यह संकेत दिए हैं कि वह युवा अखिलेश और राहुल के लिए पीछे हटने को तैयार हैं।

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दोनों तरफ से चल रही तैयारियां यही इशारा करती हैं कि गठबंधन को लेकर दोनों पार्टियां उत्सुक हैं। पिता मुलायम सिंह के साथ विवाद की शुरुआत के साथ ही अखिलेश ने इसकी तैयारियां शुरू कर दी थीं। अखिलेश ने शुरुआती बातचीत प्रियंका गांधी के साथ दिसंबर में की थी। उस बातचीत में दोनों पक्षों की ओर से चुनाव में गठबंधन की इच्छा जाहिर की गई थी। राहुल छुट्टियां बिताकर स्वदेश लौट चुके हैं और माना जा हा है कि इस सप्ताह के आखिर तक गठबंधन पर मुहर लग जाएगी।
बता दें कि कांग्रेस के गठबंधन को लेकर अखिलेश और मुलायम एकमत नहीं हैं। अखिलेश को लगता है कि कांग्रेस से गठबंधन चुनाव में मदद करेगा जबकि मुलायम ऐसा नहीं मानते। अखिलेश तो यहां तक दावा कर चुके हैं कि अगर कांग्रेस के साथ गठबंधन होता है तो चुनाव में 300 से ज्यादा सीटें जीती जा सकती हैं।
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