नई दिल्ली।राहुल
गांधी ने बीजेपी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उनकी फिलॉसफी डरा कर शासन करने
की है जबकि कांग्रेस की फिलॉसफी सबको एक साथ लेकर चलते हुए किसी को डराने
की नहीं है। उन्होंने आश्वासन देने के लहजे में कहा कि कांग्रेस के रहते
किसी को डरने की जरूरत नहीं है।
उन्होंने कहा कि हर धर्म के चिन्ह में कांग्रेस का ही निशान है। शिवजी के
फोटो में कांग्रेस का निशान है. हम सभी को साथ लेकर चलने की बात करते हैं
लेकिन बीजेपी लोगों को डराकर शासन करना चाहती है। उन्होंने मीडिया से
मजाकिया लहजे में कहा कि डरने की जरूरत नहीं है। किसानों को संबोधित करते
हुए कहा कि डरो मत। नोटबंदी पर पीएम मोदी से सवालिया लहजे में पूछा कि
बताइए कि इस फैसले के बाद कितना काला धन वापस आया।
राहुल ने पीएम मोदी की स्टाइल को भी निशाने पर लिया। उन्होंने पीएम मोदी की
स्टाइल में ही -मित्रों- शब्द अपने संबोधन में बोलकर पीएम मोदी की नकल
उतारी और कार्यकर्ताओं से वाहवाही लूटी। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र
मोदी अपने भाषण में अक्सर -मित्रों- शब्द का इस्तेमाल करते हैं। यह शब्द
उनका ट्रेडमार्क बन गया है। एक एफएम चैनल पर तो इसे लेकर व्यंग्यात्मक
डायलॉग भी चल पडा है। लेकिन बुधवार को -मित्रों- शब्द बोलकर राहुल ने पीएम
मोदी की नकल उतारी। राहुल ने अमिताभ बच्चन की फिल्म नमकहलाल के गीत "राम
नाम जपना..." की पंक्ति के जरिए नोटबंदी पर तंज कसा।
भाजपा और आरएसएस पर तीखा प्रहार करते हुए राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि ये
लोगों में भय का माहौल पैदा कर रहे हैं, साथ ही जोर दिया कि कांग्रेस इनकी
विचारधारा को परास्त कर देगी और भाजपा को सत्ता से उखाड फेंकेगी। इसे दो
विचारधाराओं के बीच का संघर्ष करार देते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि
उनकी पार्टी का दर्शन लोगों को भयमुक्त होने को कहता है जबकि भाजपा का
दर्शन लोगों में भय और डर पैदा करने वाला है।
राहुल ने भाषण में एक दर्जन
बार "डरो मत" जुमला बोला।
राहुल ने कहा, यह दो दर्शन के बीच की लडाई है। यह कोई नई लडाई नहीं है। यह
लडाई हजारों वर्षो पुरानी है। कांग्रेस पार्टी का दर्शन कहता है कि भयभीत न
हों। दूसरा दर्शन कहता है कि भयभीत करो,डराओ। कांग्रेस नेता ने कहा, आप
भाजपा की नीतियों को देखें। पूरा मकसद देश के लोगों को डराने का है।
आतंकवाद, माओवाद, नोटबंदी से डराओ, मीडिया को डराओ। पिछले दो-तीन महीने में
पूरे देश में ऎसा डर फैल गया है।
राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी जहां मजदूरों और किसानों को भयमुक्त
होकर आगे आने को कहती है, उन्हें 100 दिनों के रोजगार की गारंटी देने की
बात करती है, यह भी कहती है कि बाजार मूल्य से कम कीमत पर किसी की जमीन
नहीं ली जायेगी, वहीं नरेन्द्र मोदी उनसे पैसा और जमीन छीन रहे हैं।
उन्होंने कहा कि झारखंड, छत्तीसगढ और मध्यप्रदेश जैसे राज्यों में जहां
आदिवासी अपनी जमीन, जल और वन अधिकारों के लिए खडे हो रहे हैं, उनका दमन
किया जा रहा है।
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा, ये लोग (भाजपा और आरएसएस) सोचते हैं कि वे
लोगों के बीच भय और घृणा फैला कर शासन कर सकते हैं। कांग्रेस पार्टी इन्हें
परास्त करेगी और सत्ता से हटा देगी। हम उनसे (भाजपा और आरएसएस) से घृणा
नहीं करते हैं लेकिन हम उनकी विचारधारा को परास्त कर देंगे। उन्होंने कहा
कि कांग्रेस पार्टी भय को समाप्त करने के लिए खडा होगी। भारत एक मजबूत देश
है और यहां के लोगों को किसी से भी डरने की जरूरत नहीं है।
उन्होंने कहा कि उनकी राजनीति और ढांचे का आधार भय को गुस्से में बदलने का
है। यह पिछले ढाई वर्ष में नहीं हो रहा है। लेकिन वे (भाजपा और आरएसएस) ऎसा
करते रहे हैं। यह विचारधारा ऎसा ही करती है।
राहुल गांधी ने कहा कि
कांग्रेस पार्टी में भयमुक्त होकर आगे बढने का दर्शन है और यह महात्मा
गांधी, जवाहर लाल नेहरू से लेकर देखा गया है जो अंग्रेजों से भयभीत नहीं
होने की बात कहता था। हरित क्रांति के दौरान किसानों को भयमुक्त होने को
कहा गया, बैंकों के राष्ट्रीयकरण के दौरान और संप्रग सरकार के समय खाद्य
सुरक्षा कानून और भूमि अधिग्रहण कानून के समय लोगों को भयमुक्त होने का
संदेश दिया गया।
इससे पहले आज सुबह फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर हमला बोला। राहुल
राजधानी दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में कांग्रेस के जनवेदना सम्मेलन को
संबोधित कर रहे थे। राहुल गांधी इसकी अध्यक्षता कर रहे हैं। इस मंच से मोदी
सरकार की विभिन्न योजनाओं की आलोचना करते हुए राहुल ने कहा कि कांग्रेस
2019 में सत्ता में लौटेगी और अच्छे दिन लेकर आएगी। राहुल ने नोटबंदी से
लेकर योग तक के मुद्दे पर पीएम नरेंद्र मोदी का मजाक उड़ाया। हालांकि,
बीजेपी ने राहुल पर जवाबी हमला करते हुए उन्हें पार्ट टाइम राजनेता करार
दिया और कहा कि वह तुरंत ही छुट्टियों से लौटे हैं। अगर उन्हें जनता की
परवाह होती तो वह छुट्टियों पर नहीं जाते।
राहुल ने कहा कि पीएम मोदी ने
नोटबंदी का अपरिपक्व फैसला लिया। आरबीआई गवर्नर की बातों को नजरअंदाज किया
गया। अब स्थिति उनसे संभल नहीं रही। अब पीएम अपने ‘होम मेड इकॉनमिस्ट’
रामदेव और बोकले जी के पीछे छुप रहे हैं। नोटबंदी को सभी अर्थशास्त्रियों
ने गलत बताया है। राहुल ने आरोप लगाया कि बीजेपी लोकतांत्रिक संस्थाओं को
कमजोर कर रही है। बीजेपी के ‘अच्छे दिन आने वाले हैं’ नारे पर राहुल ने कहा
कि जब 2019 में कांग्रेस आएगी तब अच्छे दिन आएंगे।
देश जानता है कांग्रेस ने 70 साल में क्या किया
[@ साल 2016 में गूगल पर सबसे ज्यादा सर्च हुए टाॅप 10 टाॅपिक्स]
राहुल गांधी ने भाजपा और प्रधानमंत्री को यह कहने की आदत हो गई है कि 70
साल में कांग्रेस ने क्या किया। देश के लोग जानते हैं कि हमने क्या किया।
लोग जानते हैं कि कैसे हमारे नेताओं ने देश के लिए खून और आंसू बहाए।
उन्होंने कहा कि इस देश के लोगों को पता है कि कांग्रेस ने खून और आंसू
बहाए हैं। मैं सिलसिलेवार उन राज्यों के नाम गिना सकता हूं जहां कांग्रेस
के नेताओं ने अपना खून-पसीना बहाया। राहुल गांधी ने कहा कि पीएम को गरीबों
और किसानों के साथ समय बिताने की जरूरत है। यह जानने की जरूरत है कि क्यों
लोग गांव छोड़ रहे हैं।
भाजपा देश की आत्म को मार रही है
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सम्मेलन में राहुल ने नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान पर चुटकी लेते
हुए कहा कि ढाई साल पहले नरेंद्र मोदी आए और कहा कि हिंदुस्तान को साफ कर
दूंगा। इसके बाद क्या था, सबको झाड़ू पकड़ा दिया। तब झाड़ू पकड़ा फैशन शो
था, 3-4 दिन यह फैशन चला, फिर भूल गए।
पीएम मोदी से नहीं लगा पद्मासन
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राहुल ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने लोगों से योगा
कराया, लेकिन उनसे पद्मासन नहीं लगा। राहुल ने कहा कि मैंने भी योगा किया
है और मुझे बताया गया कि जिससे पद्मासन नहीं लगता वह योगा नहीं कर सकता।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी विफलता छुपाने के लिए
नोटबंदी का सहारा लिया। इतना ही नहीं, नोटबंदी से अर्थव्यवस्था की रीढ की
हड्डी टूट गई है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी एक बहाना है। पीएम मोदी को पता
लग गया है कि योगा, स्किल इंडिया और मेक इन इंडिया के पीछे छिप नहीं
पाएंगे। हिंदुस्तान की रीढ की हड्डी उन्होंने तोड़ दी है। ऑटोमोबाइल सेक्टर
में 60 प्रतिशत गाडिय़ां कम बिकी हैं, हम 16 साल पहले की स्थिति में पहुंच
गए हैं। राहुल ने कहा कि रामदेव सरकार के अर्थशास्त्री हैं।
उन्होंने
कहा कि आज भाजपा ने सभी संस्थानों को कमजोर कर दिया है। राहुल गांधी ने कहा
कि जब मनमोहन सिंह पीएम थे, तब मीडिया के लोग खुलकर बोलते थे, आज कहते हैं
कि बोलेंगे तो फोन आ जाएगा और नौकरी चली जाएगी। राहुल ने कहा कि जो हमने
70 साल संस्थाओं, न्यायपालिका, भारतीय रिजर्व बैंक और प्रेस का सम्मान
किया, ये सब मोदीजी और आरएसएस ने ढाई साल में बंद कर दिया। तुम लोग कौन हो?
अब देश को सिर्फ नरेंद्र मोदी और मोहन भागवत चलाएंगे। हम देश को बताना
चाहते हैं कि हिंदुस्तान की जो संस्थाएं हैं, उनको हम बचाकर रखेंगे।
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि इतिहास में ऐसा पहली बार है जब भारत के पीएम
का मजाक उड़ाया जा रहा है।
मंच पर उनके साथ पूर्व पीएम मनमोहन सिंह,
गुलाम नबी आजाद, मल्लिकार्जुन खडग़े समेत कई नेता मौजूद हैं। इस सम्मेलन में
पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी हिस्सा नहीं ले रही हैं। सोनिया अभी पूरी तरह
स्वस्थ नहीं हैं। जन वेदना सम्मेलन के दौरान देशभर से आए 5000 से ज्यादा
प्रतिनिधियों को बुकलेट बांटी जाएगी, जिसमें मोदी सरकार के ढाई साल के
कार्यकाल की विफलताएं भी होंगी और केंद्र में नोटबंदी को रखा जाएगा। इस
दौरान बताने की कोशिश होगी कि किस तरीके से मोदी सरकार ने विदेशों से
कालाधथन लाकर 15 लाख रुपये देने का वायदा किया था, जो झूठ निकला। अब
नोटबंदी के जरिए देश की जनता को मुश्किल में डाल दिया। नोटबंदी का कांग्रेस
लगातार विरोध कर रही है। इस सम्मेलन में भी नोटबंदी के मुद्दे को देशभर
में जनता के सामने रखने की कोशिश करेगी और पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव
में इसको मुद्दा बनाएगी।
भाजपा का पलटवार, 2019 के सपने न देखें राहुल
यहां था पैदा होते ही बेटी को मार देने का रिवाज, अब बेटी ने ही किया नाम रोशन
राहुल गांधी के भाषण पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा प्रवक्ता
शाहनवाज हुसैन ने कहा कि वह (राहुल) पार्ट टाइम पॉलिटिक्स करते हैं। जब देश
परेशानी में था, तब वह छुट्टी मनाने विदेश चले गए। पीएम मोदी ने नोटबंदी
से काला धन रखने वालों की कमर तोड़ दी है। देश की जनता मोदीजी के साथ है।
सब जानते हैं कि मनमोहन सिंह के समय सरकार कौन और कैसे चला रहा था। मोदीजी
के समय में इकॉनमी पहले से ज्यादा मजबूत हुई है। राहुल को पहले देश का
मिजाज समझना चाहिए, फिर बयान देना चाहिए। राहुल को 2019 के सपने नहीं देखने
चाहिए। भ्रष्टाचारा के कारण उनकी पार्टी हर जगह चुनाव हार रही है।
लादेन के बाद अब बेटाUS के निशाने पर