बोपन्ना-जीवन ने जीता चेन्नई ओपन का खिताब

www.khaskhabar.com | Published : सोमवार, 09 जनवरी 2017, 11:22 AM (IST)

चेन्नई। रोहन बोपन्ना और जीवन नेदुनचेझियन की भारतीय जोड़ी ने 447480 डॉलर की पुरस्कार राशि वाले चेन्नई ओपन टेनिस टूर्नामेंट में पुरुष युगल का खिताब अपने नाम कर लिया। उन्होंने रविवार को खेले गए फाइनल में भारत के ही पूरव राजा और दिविज शरण की जोड़ी को सीधे सेटों में 6-3, 6-4 से मात दी। बोपन्ना-जीवन ने पहली बार इस खिताब पर कब्जा जमाया।

मुकाबला एक घंटा छह मिनट चला। चार साल बाद चेन्नई ओपन के युगल खिताब में भारत की भागीदारी दिखी है। इससे पहले लिएंडर पेस ने सर्बिया के जांको टिप्सारेविच के साथ वर्ष 2012 में खिताब जीता था। बोपन्ना दूसरी बार यहां फाइनल खेल रहे थे। वर्ष 2006 में प्रकाश अमृतराज के साथ बोपन्ना ने रनरअप की ट्रॉफी चूमी थी। पेस वर्ष 2015 में रावेन क्लासेन के साथ खेलते हुए फाइनल में हारे थे।

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चेन्नई ओपन के इतिहास में यह 7वां मौका है जब भारतीय खिलाड़ी ने यह खिताब जीता है। बोपन्ना-जीवन ने शानदार प्रदर्शन किया और पूरव-दिविज के स्वप्निल अभियान को फाइनल में थाम दिया। 36 वर्षीय बोपन्ना के करिअर का यह 15वां खिताब है जबकि 28 वर्षीय चेन्नई के जीवन ने पहला खिताब जीता।

रॉबटरे बाउतिस्ता आगुट बने चैंपियन


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चेन्नई। स्पेन के टेनिस खिलाड़ी रॉबटरे बाउतिस्ता आगुट ने रविवार को यहां एसडीएटी स्टेडियम में हुए एयरसेल चेन्नई ओपन के पुरुष एकल वर्ग के फाइनल मुकाबले में रूस के डेनिल मेदवेदेव को 6-3, 6-4 से हराकर खिताब जीत लिया। 14वीं विश्व वरीयता प्राप्त आगुट को खिताब जीतने के लिए 99वीं विश्व वरीयता प्राप्त गैर वरीय रूसी खिलाड़ी मेदवेदेव को हराने में एक घंटा 13 मिनट का समय लगा।

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आगुट ने पहली बार चेन्नई ओपन का खिताब जीता है। आगुट इससे पहले 2013 में भी चेन्नई ओपन के फाइनल में पहुंचे थे, लेकिन तब उन्हें सर्बिया के यांको टिपसारेविक से हार झेलनी पड़ी थी। मेदवेदेव ने दूसरे सेट में थोड़ा संघर्ष जरूर किया और स्कोर 4-4 से बराबरी पर ले आए। लेकिन आगुट ने यहां उनकी सर्विस ब्रेक करते हुए दोबारा मैच पर नियंत्रण कायम कर लिया।

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मेदवेदेव को दूसरे सेट के दौरान पैर में खिंचाव की शिकायत भी हुई और उन्हें अपने ट्रेनर की मदद लेनी पड़ी। इसके बाद उनका खेल धीमा हो गया। दूसरी ओर आगुट अपनी लय में खेलते रहे और अंतत: मैच अपने नाम करते हुए चेन्नई ओपन जीतने वाले स्पेन के पहले खिलाड़ी भी बने। खिताब जीतने के बाद आगुट ने कहा, तकनीकी तौर पर मैंने अच्छा मैच खेला। मेरा खेल दमदार रहा और जब चाहा मैंने आक्रामक शॉट लगाए। मेरी रणनीति थी कि मैं मेदवेदेव को कोर्ट पर घुमाता रहूं।

(IANS)

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