‘राष्ट्रीय महत्व की परियोजना घोषित हों परवन एवं पूर्वी राजस्थान नहर जल परियोजनाएं’

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 04 जनवरी 2017, 10:40 PM (IST)

जयपुर। उद्योग मंत्री राजपाल सिंह शेखावत ने राजस्थान की परवन बहुउद्देेशीय सिंचाई परियोजना एवं पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को राष्ट्रीय महत्व की परियोजना घोषित करने की मांग की है, ताकि राजस्थान में सिंचाई एवं पेयजल की समस्याओं का त्वरित निदान किया जा सके। शेखावत बुधवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में केन्द्रीय वित मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में आयोजित पूर्व बजट बैठक में राजस्थान का पक्ष रखते हुए बोल रहे थे। इस अवसर पर राज्य के प्रमुख वित्त सचिव पी.एस.मेहरा भी मौजूद थे।

शेखावत ने केन्द्र सरकार से आग्रह किया कि राज्य की परवन नहर परियोजना एवं पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को राष्ट्रीय महत्व की परियोजना घोषित किया जाए। परवन नहर परियोजना से राज्य के झालावाड़, बारां और कोटा जिलों के करीब 800 गांवों को पेयजल की उपलब्धता के साथ-साथ 2.06 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई सुविधा मिल सकेगी। उन्होंने कहा कि परवन नहर परियोजना के अंतर्गत 462 मिलियन क्यूबिक पानी की क्षमता वाले 2435.93 करोड़ की लागत से बनने वाले बांध की स्वीकृति केन्द्र सरकार द्वारा वर्ष 2013 में प्रदान कर दी गई थी, जिसके कार्य को राष्ट्रीय महत्व की घोषणा होने पर गति दी जा सकेगी। शेखावत ने राज्य की पूर्वी नहर परियोजना को भी राष्ट्रीय महत्व की परियोजना का दर्जा प्रदान करने की मांग रखते हुए कहा कि राजस्थान जैसे भौगोलिक विविधताओं वाले राज्य में इंटर बेसिन जल अंतरण के कार्य को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

उन्होंने बताया कि उक्त संकल्पना के तहत ही पूर्वी राजस्थान की चंबल नदी बेसिन के अतिरिक्त पानी को पश्चिमी राजस्थान के जल अभाव वाले जिलों तक पहुचाने के लिए बहुप्रतीक्षित पूर्वी राजस्थान नहर बनाने का कार्य किया जाना है, इसके लिए केन्द्र सरकार द्वारा राज्य को सहयोग प्रदान करते हुए राष्ट्रीय महत्व की परियोजना घोषित किया जाना चाहिए।

रतलाम-डूंगरपुर रेलवे लाइन की पूर्ण लागत वहन करे केंद्र सरकार


[@ खास खबर Inside Story: सपा का एक विधायक ऐसा भी..]

शेखावत ने बैठक में केन्द्र सरकार से आग्रह किया कि जैसलमेर-बाड़मेर-गांधीधाम-मूंदड़ा पोर्ट तक बनाई जाने वाली करीब 338 किमी लंबी रेलवे लाइन एवं रतलाम-डूंगरपुर रेलवे लाइन के निर्माण की संपूर्ण लागत केन्द्र सरकार द्वारा उठाने की घोषणा आगामी केंद्रीय वित्त बजट में की जानी चाहिए। इससे दक्षिणी राजस्थान में रेल सुविधाओं को बढ़ावा देने में सहयोग मिलेगा।

केन्द्र प्रवर्तित परियोजनाओं का बकाया केन्द्रीय अंश जल्द जारी हो
शेखावत ने केन्द्र प्रवर्तित परियोजनाओं के सुगम कार्यान्वयन के लिए बकाया केन्द्रीय हिस्सा जल्द जारी करने का आग्रह किया। उन्होंने सर्वशिक्षा अभियान का बकाया केन्द्रीय हिस्सा 2426 करोड़ रुपए जल्द जारी करने की मांग रखते हुए कहा कि सर्वशिक्षा अभियान और मनरेगा जैसी केन्द्र प्रवर्तित परियोजनाओं के संचालन के लिए केन्द्रीय हिस्से के देरी से भुगतान के कारण राज्य पर लगातार अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ रहा है, इसलिए उक्त परियोजनाओं के बकाया केन्द्रीय वित्तीय अंश जल्द जारी किया जाना उचित होगा।

[@ खास खबर EXCLUSIVE: सांसद सुरेन्द्र नागर ने समाजवादी विवाद पर तोड़ी चुप्पी]