रात-दिन मेहनत करके इतना धन तो अर्जित किया जा सकता है कि अपना और अपने
परिवार का अच्छी तरह भरण-पोषण हो जाए परन्तु लाखों-करोडों की दौलत तो केवल
भाग्य से ही मिलती है। अनेक अतियोग्य, मेधावी और मेहनती व्यक्ति जीवन भर
छोटी-मोटी नौकरी ही करते रहते हैं, छोटा सा मकान बनाने तक का उनका सपना
पूरा नहीं हो पाता।
दूसरी तरफ अनेक मूर्ख और अयोग्य व्यक्ति लाखों
रूपए प्रतिमाह अर्जित कर रहे हैं और इसका एकमात्र कारण यही है कि धन की
देवी लक्ष्मीजी की उन पर भरपूर कृपा है। भगवती लक्ष्मी की कृपा और भरपूर धन
प्राप्त करने हेतु अनेक टोने-टोटके, गंडे-तावीज, अंगूठियां और रत्न ही
नहीं बडी-बडी तांत्रिक साधनाएं तक प्राचीनकाल से ही संपूर्ण विश्व में
प्रचलित रही हैं। हमारे धर्म में दीपावली पूजन के साथ ही कई प्रकार के
यन्त्रों, पूजाओं और मंत्रों की साधना प्राचीनकाल से होती रही है, तो
इस्लाम में भी इस प्रकार के अनेक नक्श और तावीज हैं। इनमें से पूर्ण
प्रभावशाली और साधना में एकदम आसान कुछ टोने-टोटके और यन्त्र-मन्त्र इस
प्रकार हैं।
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[@ ऐसे करें पूजा, घर में कभी नहीं आएगी धन की कमी]
शक्तिशाली टोटके---
दान करने से धन घटता नहीं ,बल्कि जितना देते हैं उसका दस गुना ईश्वर हमें देता है।
आयुर्वेद में वर्णित "त्रिफला" का एक घटक "बहेडा" सहज सुलभ फल है।
इसका
पेड बहुत बडा, महुआ के पेड जैसा होता है। रवि-पुष्य के दिन इसकी जड और
पत्ते लाकर उनकी पूजा करें, तत्पश्चात् इन्हें लाल वस्त्र में बांधकर
भंडार, तिजोरी या बक्स में रख दें। यह टोटका भी बहुत समृद्धिशाली है।
पुष्य-नक्षत्र
के दिन शंखपुष्पी की जड घर लाकर, इसे देव-प्रतिमाओं की भांति पूजें और
तदनन्तर चांदी की डिब्बी में प्रतिष्ठित करके, उस डिब्बी को धन की पेटी,
भण्डार घर अथवा बक्स-तिजोरी में रख दें। यह टोटका लक्ष्मीजी की कृपा कराने
में अत्यन्त समर्थ प्रमाणित होता है।
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धन प्रापि्त के लिए दस नमस्कार मंत्र--
इनमें
से किसी भी एक मंत्र का चयन करके सुबह, दोपहर और रात्रि को सोते समय
पांच-पांच बार नियम से उसका स्तवत करें। मातेश्वरी लक्ष्मीजी आप पर परम
कृपालु बनी रहेंगी।
ओम धनाय नम:
ओम नारायण नमो नम:
ओम धनाय नमो नम:
ओम नारायण नम:
ओम लक्ष्मी नम:
ओम प्राप्ताय नम:
ओम लक्ष्मी नमो नम:
ओम प्राप्ताय नमो नम:
ओम लक्ष्मी नारायण नम:
ओम लक्ष्मी नारायण नमो नम:
[@ इन 4 बातों से आती हैं गरीबी, भूलकर भी नहीं करे ये काम]
धन प्राप्ति हेतु तावीज
यहां
चार आसान यंत्र हैं। इनमें से किसी भी एक को कागज पर स्याही से अथवा
भोजपत्र पर अष्टगंध से अंकित करके धूप-दीप से पूजा करें। चांदी के तावीज
में यंत्र रखकर मातेश्वरी का ध्यान करते हुए इसे गले में धारण करें और ऊपर
दिए गए किसी मंत्र का नियम से स्तवन भी करते रहें।
संसार में सभी
व्यक्ति भरपूर धन चाहते हैं और यही कारण है कि मातेश्वरी लक्ष्मी की कृपाएं
प्राप्त करने के लिए बडे-बडे अनुष्ठान करते ही रहते हैं। बडे भाग्य से
मिलती हैं लक्ष्मीजी की कृपाएं। यही कारण है कि इन सामान्य यंत्रों ओर
यंत्रों के पश्चात् आगे परम शक्तिशाली मंत्र, यंत्र और तांत्रिक प्रयोग इस
अध्याय में दिए जा रहे हैं।
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धनप्राप्ति के नौ सुगम मंत्र
1.
ओं लक्ष्मी वं, श्री कमला धरं स्वाहा। इस मंत्र की सिद्धि एक लाख बीस हजार
मंत्र जप से होती है। इसका शुभारम्भ वैशास मास में स्वाति नक्षत्र में
करें तो उत्तम रहेगा। जप के बाद हवन भी करें।
2. ओं सचि्चदा एकी ब्र ह्नीं सचि्चदीक्रीं ब्र। इस मंत्र के एक लाख जप से लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।
3.
ओं ह्रीं ह्रीं ह्रीं श्रीं श्रीं श्रीं क्रीं क्री क्रीं स्थिरां स्थिरां
ओं। इसकी सिद्धि 110 मंत्र नित्य जपन से 41 दिनों में संपन्न होती है।
माला मोती की और आसन काले मृग का होना चाहिए। साधना कांचनी वृक्ष के नीचे
करनी चाहिए।
4. ओम नमो ह्नीं श्रीं क्रीं श्रीं क्लीं क्लीं श्रीं
लक्ष्मी ममगृहे धनं चिंता दूरं करोति स्वाहा। प्रात: स्नानादि से निवृत्त
होकर एक माला (108 मंत्र) का नित्य जप करें तो लक्ष्मी की सिद्धि होती है।
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5.
ओम नमो पद्मावती पद्यनतने लक्ष्मीदायिनी वांछ भूत प्रेत विन्ध्यवासिनी
सर्व शत्रुसंहारिणीदुर्जन मोहिनी ऋद्धि सिद्धि वृद्धि कुरू-कुरू स्वाहा। ओम
नम: क्लीं श्रीं पद्मावत्यै नम:।
इस मंत्र को सिद्ध करने के लिए साधना
के समय लाल वस्त्रों को प्रयोग करना चाहिए और पूजा में प्रयुक्त होने वाली
सभी पूजन-सामग्री को रक्त वर्ण का बनाना होता है। इसकी साधना अर्द्धरात्रि
के समय करनी पडती है। इसका शुभारम्भ शनिवार या रविवार से उपयुक्त रहता है।
108 बार नित्यप्रति जप करें। छारछबीला, गोरोचन, कपूर, गुग्गुल और कचरी को
मिलाकर मटर के बराबर छोटी-छोटी गोलियां बना लें। जप के बाद नित्यप्रति इन
गोलियों से 108 आहुतियां देकर हवन करना चाहिए। इस साधना को 22 दिन तक
निरन्तर करना चाहिए। तभी लक्ष्मीजी की कृपा प्राप्त होती है।
[@ सोते समय सिरहाने नहीं रखें ये 5 चीजें]
6. ओम नमो पद्मावती पद्मनेत्र बज्र बज्रांकुश प्रत्यक्ष भवति।
इस
मंत्र की सिद्धि के लिए लगातार 21 दिन तक साधना करनी होती है। इस साधना को
आधी रात के समय करना आवश्यक है। साधना के समय मिट्टी का दीपक बनाकर जलाएं।
जप के लिए मिट्टी के मनकों की माला बनाएं और नित्यप्रति एक माला अर्थात्
108 मंत्र का श्रद्धापूर्वक जप किया जाए तो लक्ष्मी देवी प्रसन्न होकर
आशीर्वाद देती है।
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7. ओम नम: भगवते पद्मद्मात्य ओम पूर्वाय दक्षिणाय पश्चिमाय उत्तराय अन्नपूर्ण स्थ सर्व जन वश्यं करोति स्वाहा।
प्रात:
काल स्नानादि सभी कार्यो से निवृत्त होकर 108 मंत्र का जप करें और अपनी
दुकान अथवा कारखाने में चारों कोनों में 10-10 बार मंत्र का उच्चारण करने
हुए फंूक मारें। इससे व्यापार की परिस्थितियां अनुकूल हो जाएंगी और हानि के
स्थान पर लाभ की दृष्टि होने लगेगी।
[@ काली मिर्च के दाने संवार देंगे आपकी किस्मत]
8. ओम नम: काली कंकाली महाकाली मुख सुन्दर जिये व्याली चार बीर भैरों चौरासी बात तो पूजूं मानए मिठाई अब बोली कामी की दुहाई।
इस
मंत्र को सिद्ध करने के बाद प्रात: काल स्नान, पूजन, अर्जन आदि से निवृत्त
होकर पूर्व की ओर मुख करके बैठें और सुविधा अनुसार 7, 14, 21, 28, 35, 42
अथवा 49 मंत्रों का जप करें। इस प्रक्रिया से थोडे दिनों नौकरी अथवा
व्यापार के शुभारम्भ की व्यवस्था हो जाएगी।
[@ शनि करेंगे धनु में प्रवेश, कुछ राशियों के खुलेंगे भाग्य, कुछ पर भारी]
9. ओम नम: भगवती पद्मावती सर्वजन मोहिनी सर्वकार्य वरदायिनी मम विकट संकटहारिणीय मम मनोरथ पूरणी मम शोक विनाशिनी नम: पद्मावत्यै नम:।
इस
मंत्र की सिद्धि करने के बाद मंत्र का प्रयोग किया जाए तो नौकरी अथवा
व्यापार की व्यवस्था हो जाएगी। उसमें आने वाले विघ दूर हो जाएंगे। धूप-दीप
आदि से पूजन करके प्रात: दोपहर और सायंकाल तीनों संख्याओं मे एक-एक माला का
मंत्र जप करें।