हर बालिका को शिक्षा का सपना साकार करेगी ‘‘उड़ान’’

www.khaskhabar.com | Published : मंगलवार, 03 जनवरी 2017, 8:35 PM (IST)

चित्तौडग़ढ़। जिले में हर बालिका को शिक्षा से जोडऩे की पहल आगामी सन् 2018 तक हर स्कूल जाने के योग्य बालिका को शिक्षा से जोडऩे का लक्ष्य रखा गया हैं। जनप्रतिनिधि, समाज, प्रशासन व जन-जन की भागीदारी से नववर्ष 2017 के आरम्भ से ‘‘उड़ान’’ अभियान का आगाज चित्तौडग़ढ़ जिले में किया गया हैं।
जिला कलेक्टर इन्द्रजीत सिंह ने मंगलवार को मीडिया आमुखीकरण चर्चा के दौरान बताया कि इस अभियान मे आंगनवाड़ी से माध्यमिक विद्यालय स्तर तक गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा मुहैया कराने को लेकर समग्र प्रयास किए जाएंगे। अभियान में जनवरी से ही स्कूल वंचित बालिकाओं को जोडऩे के लिये डोर-टू-डोर सर्वे किया जाएगा। जो प्रवेशोत्सव की पूर्व तैयारी की ठोस कार्ययोजना होगा। इसके लिये प्रशासन, अधिकारी एवं सामाजिक तबके साझा प्रयासों की व्यूह रचना तैयार की गई है।
अभियान की सफलता के लिये एज्युकेट गल्र्स संस्था, अग्रणी स्वयंसेवी संस्थाओं, शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाने वाली संस्थाओं, संगठनों एवं सेवानिवृत अनुभवी षिक्षकों, गणमान्य लोगों के अभाव एवं सेवाओं को साझा किया जायेगा।
सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का रूप लेंगे विद्यालय
जिला कलेक्टर ने बताया कि विद्यालयों में बेहतरीन भौतिक एवं शैक्षिक सुविधाएं प्रदान कर इन्हें सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का रूप देने के प्रभावी प्रयास किये जा रहे हैं। आदर्श व उत्कृष्ट विद्यालयों सेे इसकी षुरूआत की जा रहीं है। जिले के सभी ब्लॉक्स में 65 करोड़ की लागत से आदर्श विद्यालयों की स्थापना के लक्ष्य को गुणवत्ता के साथ पूरे करने के प्रभावी प्रयास किये जा रहे हैं।
गुणात्मक शिक्षा के ठोस उपाय
शिक्षण संस्थाओं विशेषकर सरकारी विद्यालयों के शिक्षक समुदाय को सेमीनार, प्रशिक्षण आदि के माध्यम से बच्चों को रूचिवद्र्धक एवं गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने की दिशा में ठोस प्रयास किए जाएंगे। इसमें भी स्वयंसेवी संस्थाओं एवं जागरूक सामाजिक तबके का सहयोग लिया जायेगा। स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता के लिए भौतिक संसाधनों के साथ ही छात्र-शिक्षक अनुपात को संतुलित करने की दिशा से पूरा ध्यान दिया जाएगा। इसके लिए सरकारी एवं कॉर्पोरेट सोशल रेस्पोंसिबिलिटी के तहत गुणवत्ता लाने के भी समग्र प्रयास होंगे।
सामाजिक जागरूकता
बालिका शिक्षा के लिए सामाजिक तबके को जागरूक करने की दिशा में समाज के अग्रणी तबके एवं जनप्रतिनिधि गणमान्य लोग एंव प्रबुद्धजन की भूमिका को सर्वोच्च तरजीह दी जायेगी। इसके लिए सेवानिवृत प्रशासनिक अधिकारी, समाज के अग्रणी व्यक्तियों, पेंशनर समाज आदि से समन्वय स्थापित किया जा रहा है।

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