संगीतमय अमृत कथा में भक्ति से सराबोर हुए श्रोता

www.khaskhabar.com | Published : सोमवार, 02 जनवरी 2017, 1:13 PM (IST)

बीकानेर। यहां गंगाशहर में बस स्टेण्ड के पीछे स्थित होटल मिलेनियम के प्रेक्षागृह में आयोजित तीन दिवसीय बाबा रामदेव की अमृतमयी 24 पर्चों की कथा व जीवन का संगीतमय कार्यक्रम बाबा की आरती व जोत के बाद संपन्न हुआ। जोत व आरती कथा के आयोजक रामदेव अग्रवाल रंगवाला व उनकी पत्नी श्रीमती सरलादेवी अग्रवाल, मधुसुदन, नरेश, संगीता, रितीका, मंजू अग्रवाल आदि ने कराई। इस मौके पर बीकानेर में नए वर्ष पर उन्नति व प्रगति की कामना की गई। लोकदेवता बाबा रामदेव की दिव्य तीन दिवसीय संगीतमय अमृत कथा के अंतिम दिन कोलकाता के पं. जय प्रकाश महाराज ने बाबा रामदेवजी के बाबा के विवाह के प्रसंगों को लोकगीत ‘विनायक, बाजै रे बाजै नोबत बाजै, आज आंगणै पधारो, बिरद, बधाओं, तोरण, घोड़ी, बनावो’ सुनाएं तब उपस्थित महिला श्रद्धालुओं ने भी स्वर-में स्वर मिलाकर तथा नृत्य कर भक्ति वातावरण को बढ़ा दिया। उन्होंने कहा कि ‘म्हैतो कोरा राम पीर कहावा, थैतो पीरा रा पीर कहावो, थानै हिन्दू मुस्लिम धावै।’ उन्होंने चार पीर की कथा के माध्यम से कहा कि बाबा रामदेव ने साम्प्रदायिक सौहाद्र्र व आपसी भाईचारे तथा अछूत-छूत का भेद मिटाकर समानता व समता का संदेश दिया। छह शताब्दी से उनके संदेश आज भी प्रासंगिक हंै, इसलिए बाबा देव के रूणिचा व अन्य धाम पर भादवा व माघ मेले में ही नहीं पूरे वर्ष श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। सच्चे मन से बाबा की स्तुति वंदना व पूजा अर्चना करने वालों के बाबा कार्य सिद्ध करते हंै। कार्यक्रम में सूरत के पूर्व विधायक धीरू भाई गजेरा भी शामिल हुए।

[@ साल 2016 में गूगल पर सबसे ज्यादा सर्च हुए टाॅप 10 टाॅपिक्स]