बेटियों ने बढ़ाया देश विदेश में प्रदेश का मान, अब ज्वाॅइन की आर्मी

www.khaskhabar.com | Published : शनिवार, 31 दिसम्बर 2016, 6:25 PM (IST)

चंडीगढ़। बलवंत तक्षक। हरियाणा की बेटियों ने बीते साल 2016 में हरियाणा को देश विदेश में रोशन करने में कोई कमी नहीं छोड़ी है। रियो ओलंपिक में भी पदक के लिए तरस रहे भारत को हरियाणा की बेटियों ने जश्न मनाने का मौका दिया था। साक्षी मलिक और पैराओलंपिक में दीपा मलिक ने बेहतरीन प्रदर्शन कर पदक तालिका में भारत के आगे लिखा शून्य हटवाया। ये भी सच है कि साक्षी और दीपा ने ही पदक हासिल कर हरियाणा को देश में गौरवान्वित करने और देश को दुनिया में स्थापित किया है।

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आप कह सकते हैं कि जिद, जोश और जज्बे का नाम साक्षी मलिक है। रियो ओलंपिक में जब एक के बाद एक खिलाड़ी हार रहे थे और भारत पदक की आस लगभग छोड़ चुका था। तब कुश्ती में हरियाणा की महिला पहलवान साक्षी ने ही देश को पहला कांस्य पदक दिलवा कर सम्मान बढ़ाया। साक्षी ने अंतिम क्षणों में जीत दर्ज कर देश के लोगों के चेहरे पर मुस्कान लाने का काम किया। दीपा मलिक ने भी कोई कम इतिहास नहीं रचा। रियो पैराओलंपिक में गोला फेंक स्पर्धा में सिल्वर मेडल जीतकर देश के लोगों को एक बार फिर मुस्कराने का मौका दे दिया। पैराओलंपिक में पदक जीतने के साथ ही उन्होंने ऐसी पहली भारतीय महिला होने का गौरव भी हासिल कर लिया। पुरुष-महिला अनुपात में तेजी से बढ़ रहे अंतर को देखते हुए ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान को गति देने में लगी मनोहर सरकार ने भी देश-विदेश में हरियाणा की इज्जत बढ़ाने वाली इन बेटियों के सम्मान में कोई कोर-कसर नहीं रखीं। इनाम के तौर पर इन्हें करोड़ों रुपए की राशि दी गई। तो किसी परिवार में तीसरी बेटी जन्म के जन्म लेने पर उसे भी लाडली योजना के तहत सभी लाभ दिए जाने का ऐलान कर दिया। 

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अब हरियाणा की मिट्टी में कितनी ताकत है, इसे देश के लोगों ने फिल्म ‘दंगल’ के मार्फत महसूस किया है। कुश्ती कोच महावीर फोगाट के जीवन संघर्ष पर बनी ‘दंगल’ के जरिए अभिनेता आमिर खान ने लोगों को दिखाया कि अंतर्राष्टीय फलक पर देश को चमकाने के पीछे गीता और बबीता की कितनी मेहनत छुपी है। भले ही फिल्म में गीता और बबीता के संघर्ष का चित्रण हो, लेकिन जल्द ही लोगों के सामने यह भी साफ हो जाएगा कि उनकी दो और बहनें रितु व संगीता भी देश-विदेश में हरियाणा का नाम रोशन करने वालों की सूची में शामिल होने में किसी से पीछे नहीं रहेंगी। आमिर खान के ‘दंगल’ फिल्म में बोले गए डायलॉग ‘म्हारी छोरियां छोरों से कम हैं को झज्जर की तीन बहनों ने सही चरितार्थ कर दिखाया है। ये तीनों ने एक साथ आर्मी ज्वाॅइन की है। सेना के मेडिकल कोर में लेफ्टिनेंट के पद पर ज्वाॅइन करने वाली ये तीनों बहनें दीप्ती, प्रीति और ममता हैं। बेटियों की वजह से समाज में गर्व से सिर ऊंचा कर चल रहे किसान पिता प्रताप सिंह देशवाल का कहना है कि बेटियों के पढ़ने से जहां दो घर सुधरते हैं। वहीं परिवार का मान भी बढ़ता है। उन बेटियों में, जिन्होंने इस साल अपने परिवार को सिर ऊंचा करने का मौका दिया, सुनीता जाखड़ भी उनमें शामिल हैं। 
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झज्जर के ढाणा गांव की सुनीता, जो एक पूर्व सेना अधिकारी की बेटी हैं। ने मिसेज इंडिया प्रतियोगिता जीतकर हरियाणा का परचम फहराया। श्वेता सुहाग हरियाणा लोक सेवा आयोग की परीक्षा में कामयाबी हासिल कर एचसीएस के पद पर पहुंचने वाली एक सामान्य परिवार की बेटी है। जिसने अपनी मेहनत के बलबूते रोडवेज विभाग में क्लर्क के पद पर कार्यरत पिता को समाज में सिर ऊंचा करके चलने का मौका दिया है।
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