वे फिल्में जिन्होंने बॉक्स ऑफिस पर ढहाया कहर, बना रिकॉर्ड

www.khaskhabar.com | Published : शुक्रवार, 20 अक्टूबर 2017, 11:38 AM (IST)

दक्षिण भारत के कुछ सितारों ने असफलता के बाद पुन: स्वयं को सफलता की पटरी पर पाया, वहीं कुछ ऐसी असफलताएं हाथ लगीं जिनमें बडे सितारे, बडा निर्देशक निर्माता था। इन नामी सितारों की फिल्मों को दर्शकों ने सिरे से नकार दिया। ये वे सितारे हैं जिनके चेहरे को पोस्टर पर देखकर सिनेमाघरों के बाहर लंबी कतारें लग जाती हैं। इस सूची में सबसे ऊपर हैं महेश बाबू और पवन कल्याण, जिनकी ब्रह्मोत्सव और सरदार गब्बर सिंह ने असफलता का नया रिकॉर्ड बनाया।

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सरदार गब्बर सिंह
पवन कल्याण द्वारा लिखी, निर्मित और अभिनीत की गई ‘सरदार गब्बर सिंह’ उनकी पिछली फिल्म ‘गब्बर सिंह’ का सीक्वल थी। इस फिल्म में पवन कल्याण के साथ शरद केलकर और काजल अग्रवाल ने अभिनय किया था। प्रदर्शन के पहले दिन 24 करोड का कारोबार करने वाली इस फिल्म को समीक्षकों ने सिरे से नकार दिया था। दूसरे दिन से फिल्म के कारोबार में गिरावट आना शुरू हुई। 50 करोड के बजट में बनी इस फिल्म को पवन कल्याण के नाम पर 100 करोड में बेचा गया था परन्तु फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह से पिटी। इस असफलता ने पवन कल्याण के करियर को बडा झटका दिया है।

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ब्रह्मोत्सव
दक्षिण के नामी सितारों में शामिल महेश बाबू की फिल्म ‘ब्रह्मोत्सव’ इस वर्ष की दूसरी सबसे बडी असफल फिल्म थी। कमजोर कथा पटकथा के साथ लचर निर्देशन ने इस फिल्म की कमर तोड कर रख दी। प्रदर्शन के चंद दिनों बाद ही महेश बाबू ने इस फिल्म की असफलता का सारा श्रेय अपने ऊपर लिया। उन्होंने कहा कि इस फिल्म की असफलता की पूरी जिम्मेदारी मेरी है। इसमें निर्देशक का कोई दोष नहीं है। फिल्म का निर्माण सब मिलकर करते हैं, ऐसे में उसकी असफलता के लिए किसी एक को दोष देना सही नहीं है। निर्देशक को लेने का फैसला मेरा था और मुझे लगता है कि मेरा निर्णय गलत था। कथा पटकथा और निर्देशन की कमजोरी के साथ ही इस फिल्म की असफलता के कुछ और कारण भी थे। कुछ विवादों के कारण यह फिल्म बेंगलूरू में प्रदर्शित नहीं हो सकी।

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थोदारी
पहली एक दूसरे के विपरीत नजर आने वाले अभिनेता धनुष और क्रीथ सुरेश अभिनीत और प्रभु सोलोमन निर्देशित यह फिल्म इस वर्ष की तीसरी सबसे बडी असफल फिल्म थी। समीक्षकों ने इस फिल्म को पूरी तरह से नकार दिया था। यह फिल्म एक ट्रेन में यात्रा कर रहे दो लोगों के बारे में थी। इस फिल्म की असफलता में सबसे बडा कारण इसकी दोषपूर्ण पटकथा थी। लेकिन फिल्म को कुछ अन्य मुद्दों की वजह से भी नुकसान उठाना पडा था। जिन दिनों इस फिल्म का प्रदर्शन किया था उन दिनों तमिलनाडु और कर्नाटक के मध्य कावेरी विवाद जोरों पर था, जिसके चलते बंद जैसे कदम उठाए गए थे। इन राजनीतिक कदमों के कारण फिल्म का प्रभावित होना स्वाभाविक था। कावेरी विवाद के चलते फिल्म को बेंगलूरू में प्रदर्शित नहीं किया गया था।

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नायकी
डत्रिशा अभिनीत हॉरर कॉमेडी फिल्म नायकी का प्रदर्शन सितंबर में हुआ था। प्रदर्शन पूर्व ही यह फिल्म विवादों में आ गई थी। त्रिशा ने इस फिल्म के प्रमोशन में भाग नहीं लिया था। यह त्रिशा के प्रशंसकों के लिए आश्चर्य के समान था। जब उनसे इसका कारण पूछा गया तो उन्होंने कहा कि नायकी का प्रमोशन न करने का मेरे पास वाजिब कारण है। निर्माता ने मुझे अभी तक मेरा पारिश्रमिक नहीं दिया है, जिसके चलते मैंने फिल्म को प्रमोट नहीं किया। इसके चलते फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर खासा नुकसान उठाना पडा, लेकिन इसमें निर्माता को कोई घाटा नहीं हुआ क्योंकि उसने पहले ही त्रिशा के नाम के सहारे फिल्म को वितरकों में महंगे दामों में बेच दिया था। पूरा का पूरा नुकसान वितरकों का हुआ।

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ऐसा नहीं है कि इन चारों सितारों महेश बाबू, पवन कल्याण, काजल अग्रवाल और त्रिशा के करियर को असफलता से कोई फर्क पडने वाला है। इन चारों की आगामी वर्ष कुछ और बडी फिल्में आ रही हैं जिनके बारे में कहा जा रहा है यह उन्हें एक बार फिर से दर्शकों के मध्य सफल बनाने में सहायक होंगी।

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