यहां था पैदा होते ही बेटी को मार देने का रिवाज, अब बेटी ने ही किया नाम रोशन

www.khaskhabar.com | Published : मंगलवार, 27 दिसम्बर 2016, 11:07 PM (IST)

जैसलमेर। पर्यटन नगरी के नाम से पूरी दुनिया में विख्यात है जैसलमेर जिला, मगर इस जिले को बेटी मारने वाले जिले के नाम से भी जाना जाता था। आज हालात बदल गए हैं और जिले की बेटियों ने भारत ही नहीं, अपितु पूरी दुनिया में जैसलमेर का नाम रोशन किया है। जैसलमेर जिले की एक दलित परिवार की बेटी प्रेम धनदेव ने जिले की पहली महिला आरपीएस बनकर पूरे जैसलमेर जिले को गौरवान्वित किया है।

छह बेटियों का धनदेव परिवार बना मिसाल

जैसलमेर का एक ऐसा ही दलित परवार अपने आप में जैसलमेर जिले की पहचान बन गया है और वह है जिले के चेलक गांव का धनदेव परिवार। कांग्रेस के लीडर और पीसीसी सचिव रूपाराम धनदेव के परिवार में 6 बेटियां हैं। सभी अपने-अपने फील्ड में नाम रोशन कर रही हैं। सबसे बड़ी बेटी अंजना मेघवाल जैसलमेर जिले की जिला प्रमुख हैं, बाकी तीन बेटियां डॉक्टर हैं। एक बेटी अमेरिका में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही है। इन्हीं छह बेटियों में एक बेटी प्रेम धनदेव इन दिनों पूरे राजस्थान में अपने नाम का परचम लहरा रही है। प्रेम जैसलमेर जिले की पहली महिला आरपीएस है और अभी अंडर ट्रेनिंग हैं। गर्व की बात तो ये है कि अभी हाल ही जयपुर में हुई पुलिस परेड में उसने छह प्लाटून में से एक प्लाटून का परेड में नेतृत्व कर जिले को गौरवान्वित कर दिया। प्रेम इसके लिए अपने मां-बाप को श्रेय देती है कि उनकी ही वजह से आज वह इस मुकाम तक पहुंच पाई है।

पिता रूपाराम को अपनी बेटियों पर है गर्व


[@ अनोखी शादी: दूल्हा और दूल्हन क्रिकेट खेलकर शादी के बंधन में बंधे]

प्रेम के पिता रूपाराम धनदेव का कहना है कि बेटी होना अभिशाप नहीं है। लोग मुझे कहते थे की आपके छह बेटियां हैं और अब क्या होगा, क्योंकि मां-बाप को बेटी होते ही उसके दहेज और शादी की चिंता सताती है, मगर मैंने इन सबको दरकिनार कर अपनी बेटियों को पढ़ाया-लिखाया और समाज की धरा के विपरीत जाकर इनको इस काबिल बनाया है कि लोग आज इनकी मिसाल देते हैं तथा अपनी बेटियों को भी इनकी तरह बनने की प्रेरणा देते हैं।

छह बहनों के एक मात्र भाई को है गर्व

छह बहनों के एक मात्र भाई हरीश का कहना है कि लोगों का बेटियों के प्रति अब नजरिया बदलना चाहिए, क्योंकि अब वे हर क्षेत्र में सबसे आगे निकल रही हैं और मुझे गर्व है की मेरी बहन जैसलमेर जिले की पहली महिला आरपीएस हैं।

बेटी पैदा होते ही मार देने का था रिवाज
जैसलमेर एक पर्यटन नगरी है और पूरे देश दुनिया के सैलानी यहां इसकी खूबसूरती निहारने हर साल आते हैं। जिस तरह सिक्के के दो पहलु होते हैं, वैसे ही इस जैसलमेर के भी दो पहलु हैं। एक ओर जहां ये पूरी दुनिया में स्वर्ण नगरी के नाम से जाना जाता है, वहीं दूसरी तरफ ये जिला बेटी को पैदा होते ही मारने के रिवाज पर कुख्यात भी रहा है। यहां के एक गांव में तो 150 साल बाद कोई बारात आई थी। लोग इस जिले को बड़ी हेय दृष्टि से भी देखते हैं। वक्त बदला तो इंसान भी बदले और आज-कल यहां की बेटियां पूरे देश में अपना और अपने परिवार का नाम रोशन कर रही हैं।

[@ खास खबर Inside Story: सपा का एक विधायक ऐसा भी..]