रंजन शर्मा
जयपुर। राज्य में लोग सबसे ज्यादा ग्रामीण एवं पंचायतीराज विभाग की
सेवाओं से दुखी है। इसके बाद राजस्व, जलदाय और पुलिस की सेवाओं से परेशान
है। नगरपालिकाओं की सेवाएं भी संतोषजनक नहीं है। पीडब्लूडी औऱ चिकित्सा
विभाग भी लोगों को संतोषजनक सेवाएं नहीं दे पा रहे हैं। शिक्षा और खाद्य
विभाग की कार्यप्रणाली भी सही नहीं है। बिजली कंपनियों में सबसे ज्यादा
शिकायते जोधपुर, अजमेर और जयपुर डिस्कॉम की आई है। राज्य में रवीन्द्र मंच
और जवाहर कला केन्द्र, ऐसे सरकारी संस्थान रहे जिनके खिलाफ मात्र एक ही शिकायत मिली।
राजस्थान
संपर्क पोर्टल पर एक साल ( 1 जनवरी से 22 दिसंबर तक) में आई शिकायतों से
यह तथ्य मिला है। इसके अनुसार ग्रामीण एवं पंचायती राज विभाग में सबसे
ज्यादा 1 लाख 86 हजार शिकायतें मिली। इसमें से 69 हजार लोगों को राहत मिली
जबकि एक लाख शिकायतों को रिजेक्ट कर दिया गया। इसी तरह राजस्व विभाग के
खिलाफ 1 लाख शिकायतें मिली लेकिन रिलीफ 33 हजार को ही मिल पाया, 58 हजार
शिकायतों को रिजेक्ट कर दिया गया। लगभग ऐसी ही स्थिति जलदाय विभाग की रही।
इस विभाग के खिलाफ 86 हजार शिकायतें मिली जिसमें से 55 हजार को ही राहत मिल
पाई, 26 हजार 778 शिकायतों को रिजेक्ट कर दिया गया। पुलिस विभाग के खिलाफ
मिली 59 हजार 386 शिकायतों में से लगभग आधे को ही मदद मिल पाई। 22 हजार 674
शिकायतों को रिजेक्ट कर दिया गया।
सिंचाई विभाग के खिलाफ
18 हजार शिकायतें आई पर इसमें से 6 हजार को ही राहत मिल पाई। ऊर्जा विभाग
के खिलाफ 17 हजार शिकायतें मिली जिसमें से 8 हजार 928 शिकायतों में ही
पीड़ितों को रिलीफ मिल सका। सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता के खिलाफ भी 13
हजार 384 शिकायतें आई जिसमें से 5 हजार 300 को ही राहत मिल सकी।
मुख्यमंत्री कार्यालय भी अछूता नहीं
शिकायतों
को दूर नहीं करने के मामले में मुख्यमंत्री कार्यालय भी अछूता नहीं रहा।
यहां 1674 शिकायतें आई जिसमें से 371 को ही रिलीफ मिल पाई। शेष जांच के बाद
रिजेक्ट कर दी गई। जयपुर विकास प्राधिकरण के विरुद्ध 4,447 शिकायतें आई
जिसमें से 1803 का ही निपटारा हो पाया। रोडवेज और ट्रांसपोर्ट विभाग के
खिलाफ 4 हजार शिकायतें आई जिसमें से 1500 को ही रिलीफ मिल पाई। प्रशासनिक
सुधार विभाग, उद्योग और देवस्थान विभाग भी शिकायतों को पूरी तरह नहीं निबटा
सके। इनके खिलाफ एक साल में एक हजार शिकायतें मिली जिसमें से 160 से 329
शिकायतों को राहत मिल सकी। शेष शिकायतें रिजेक्ट कर दी गई।
स्टांप
ड्यूटी, एपेक्स बैंक, वाणिज्यकर विभागों के खिलाफ शिकायतें मिली जिसमें से
दस प्रतिशत को ही रिलीफ मिल सकी। इसी तरह एसीबी के खिलाफ 474 पर्यटन विभाग
के खिलाफ 351, निर्वाचन विभाग के खिलाफ 340 शिकायतें मिली जिसमें से दस प्रतिशत को ही रिलीफ मिल सकी।
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