वर्ष 2016 की वे खबरें जो बनी पूरे विश्व में चर्चा का विषय

www.khaskhabar.com | Published : रविवार, 25 दिसम्बर 2016, 11:14 AM (IST)

हर वर्ष कुछ ऐसी घटनाएं घटती हैं जो कि पूरे विश्व में चर्चा का विषय बन जाती है। कुछ खबरें अच्छी होती हैं तो इनमें से कुछ खबरें दुखदायी भी होती हैं। इस वर्ष भी कुछ ऐसी घटनाएं घटी जो कि पूरे विश्व में मीडिया में हेडलान्स बनी। इनमें से भारत में नोटबंदी, अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप का राष्ट्रपति बनना, टाटा ग्रुप से साइरस मिस्त्री की छुट्टी,

तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता की मौत, भारत द्वारा सर्जिकल स्ट्राइक करना आदि प्रमुख है। तो आइए एक बार फिर से उन खबरों को अपने जहन में जिंदा करते हुए, उन घटनाक्रमों के बारे में जानते हैंं जो कि इस वर्ष सुर्खियों में रहीं।


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1. मोदी सरकार द्वारा नोटबंदी:
साल 2016 का सबसे बडा कदम मोदी सरकार द्वारा कालेधन,भ्रष्टाचार, जाली नोट व आतंकवाद पर लगाम लगाने के लिए नोटबंदी का फैसला लेना है। भारत सरकार की ओर से 8 नवंबर की रात को नोटबंदी कर दी गई। इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संदेश देते हुए कहा कि आज मध्य रात्रि यानि 8 नवंबर 2016 की रात्रि 12 बजे से वर्तमान में जारी 500 रुपये और 1,000 रुपये के करेंसी नोट लीगल टेंडर नहीं रहेंगे यानि ये मुद्राएं कानूनन अमान्य होंगी। केंद्र सरकार की तरफ से दावा किया गया कि यह निर्णय पूरी तरह गोपनीय था और इस निर्णय की घोषणा से पूर्व इसके बारे में सिर्फ प्रधानमंत्री, वित्तमंत्री समेत भारतीय रिजर्व बैंक और वित्त मंत्रालय के कुछ ही अधिकारियों को मालूम था।


वित्त मंत्री अरूण जेटली ने मीडिया को बताया कि 8 नवंबर को शाम 6 बजे आरबीआई का प्रस्ताव आया, शाम 7 बजे कैबिनेट की बैठक बुलाई गई, जिसमें मोदी ने मंत्रियों को ब्रीफ किया और रात 8 बजे प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए घोषणा कर दी।
इसके बाद बैंकों के बाहर पैसा जमा करवाने व पैसा निकलवाने के लिए लोग घंटों कतार में लगे रहे। एटीएम के बाहर भी लंबी लंबी लाइनें नजर आई। संसद में विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। संसद के दोनों सदनों में गतिरोध जारी रहा। पं. बंगाल की सीएम ममता बनर्जी व दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने सडक़पर विरोध प्रदर्शन भी किया। नोटबंदी के दौरान करीब 780 करोड रुपए का कालाधन जब्त किया गया।

वहीं अमान्य हुए 500 और 1000 के करीब 13 लाख करोड रुपए लोगों ने बैंकों में जमा कराए। लोगों को नोटबंदी के कारण कई समस्याओं का सामना भी करना पडा। जैसे लोगों को कैश की किल्लत का सामना करना पडा। इतना ही नहीं कैश के लिए लोगों को एटीएम और बैंकों के बाहर लंबी लाइनों में लगना पडा। हांलाकि सरकार ने लोगों को आश्वासन दिया है कि 31 दिसंबर के बाद समस्याएं कम होंगी। वहीं सरकार लोगों को कैशलेस और डिजिटल ट्रांजेक्शन के लिए प्रोत्साहित कर रही है।

इतना ही नहीं लोगों को कैशलेस ट्रांजेक्शन के लिए प्रोत्साहित करने हेतु भारत सरकार ने एक योजना भी शुरू की, जिसमें कैशलेस ट्रांजेक्शन करने वालों के लिए ईनाम की भी घोषणा की गई। लेकिन सरकार और रिजर्व बैंक द्वारा नोटबंदी को लेकर बार बार नियम बदलने से लोग काफी परेशान भी रहे। हांलांकि परेशानियों के बावजूद लोगों ने मोदी सरकार का समर्थन किया।



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2. तमिलनाडु सीएम जयललिता की मौत:
तामिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता ने पांच नवंबर को अपनी अंतिम सांस ली। जयललिता का अपोलो अस्पताल में ईलाज चल रहा था। इस दौरान कार्डिएक अटैक के कारण उनका निधन हो गया। इसके बाद का अंतिम संस्कार मेरीना बीच में कर दिया गया। एमजीआर समाधिस्थल के पास जयललिता का शव दफनाया गया। उन्हें राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई राजनीतिक और गैर राजनीतिक हस्तियों ने श्रद्धांजलि दी।

जयललिता के पार्थिव शरीर को लाल और सफेद रंग वाले अन्नाद्रमुक के झंडे में लपेटा गया था, इस ताबूत पर तमिल भाषा में पुरातची थलैवी सेलवी यानी क्रांतिकारी नेता लिखा था। जयललिता की अंतिम यात्रा में लाखों की संख्या में समर्थक पहुंचे।
छह बार तमिलनाडु की मुख्यमंत्री रहीं जयललिता का पार्थिव शरीर शीशे के बक्से में रखा गया, यह बक्सा राजाजी हॉल की सीढिय़ों पर रखा गया है। जय ललिता को समर्थक अम्मा के रूप में जानते थे। अम्मा कैंटीन के चलते प्रदेश के लोगों को सस्ता खाना मुहैया करवाने की अनूठी पहल की थी।

गौरतलब है कि जयललिता को बुखार, निर्जलीकरण और फिर संक्रमण की समस्या के चलते 22 सितंबर को अपोलो अस्पताल में भर्ती किया गया था, उनके स्वास्थ्य में सुधार हुआ था लेकिन पांच नवंबर को देर रात उन्हें दिल का दौरा पडा और कल रात साढे ग्यारह बजे उनका निधन हो गया। वे 15 वर्ष की आयु में कन्नड फिल्मों में मुख्य अभिनेत्री की भूमिकाएं करने लगी थीं।

उन्होंने 1984 से 1989 के दौरान तमिलनाडु से राज्यसभा के लिए राज्य का प्रतिनिधित्व भी किया। 24 जून 1991 से 12 मई 1996 तक राज्य की पहली निर्वाचित मुख्यमंत्री और राज्य की सबसे कम उम्र की मुख्यमंत्री रहीं। वहीं लोग अपनी सीएम को इतना प्यार करते थे कि उनकी मौत के सदमें करीब 589 लोगों की मौत हो गई। जयललिता के बाद उनके करीबी पनीरसेल्वम ने तमिलनाडु के सीएम की कुर्सी संभाली।


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3. डोनाल्ड ट्रंप बने अमेरिका के नए राष्ट्रपति:
इस साल अमेरिका को अपना 45 वां राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के रूप में मिला। ट्रंप ने कांटे के चुनावी मुकाबले में अनुभवी नेता हिलेरी क्लिंटन को मात दे दी। अमेरिका की पहली महिला राष्ट्रपति बनने का सपना संजोये चुनावी मैदान में उतरी डेमोक्रेटिक उम्मीदवार हिलेरी की उम्मीदें टूट गई। ट्रंप ने निर्वाचन मंडल के 288 मत हासिल करके शानदार जीत हासिल की, वहीं हिलेरी को 215 मत मिले।

चुनाव जीतने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि आप सभी का शुक्रिया। हिलेरी ने अभी फोन कर हमें जीत पर बधाई दी है, और मैंने उन्हें शानदार मुकाबले के लिए मुबारकबाद दी। उन्होंने गजब का मुकाबला किया। ट्रंप ने कहा कि मैं सभी से वादा करता हूं कि मैं आप सभी का राष्ट्रपति बनूंगा और ये मेरे लिए बेहद अहम चीज है। राष्ट्रपति ने कहा कि हर अमरीकी को अपनी काबिलियत का पूरा इस्तेमाल करने का मौका मिलेगा।

राष्ट्रपति पद का चुनाव जीतने के लिए उम्मीदवार को निर्वाचन मंडल के 538 मतों में से 270 मत हासिल करने की आवश्यकता होती है. 70 वर्षीय ट्रंप ने पेनसिल्वेनिया, ओहायो, फ्लोरिडा, टेक्सास और उत्तर कैरोलिना जैसे राज्यों में शानदार प्रदर्शन करके चुनाव सर्वेक्षकों को गलत साबित कर दिया और जीत पर कब्जा कर लिया।

इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति को टाइम्स पर्सन ऑफ द ईयर भी चुना गया। इस बार ट्रंप के अलावा इस दौड़ में नरेंद्र मोदी, पुतिन, फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग, तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगन, यूके इंडिपेंडेंट पार्टी के के नेता निजेल फैरेज, अमेरिकी जिमनास्ट और ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता सिमोन बिल्स और गायिका बेयोंस शामिल हैं।


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4. कश्मीर: उरी अटैक-
18 सितंबर को उरी में बीस सालों में अब तक का सबसे बड़ा आतंकवादी हमला किया गया। जम्मू और कश्मीर के उरी सेक्टर में एलओसी के पास स्थित भारतीय सेना के स्थानीय मुख्यालय पर आतंकी हमला हुआ। इस हमले में 18 जवान शहीद हो गए। सैन्य बलों की कार्रवाई में सभी चार आतंकी मारे गए।

उरी हमले में सीमा पार बैठे आतंकियों का हाथ बताया गया है। इनकी योजना के तहत ही सेना के कैंप पर फिदायीन हमला किया गया। हमलावरों के द्वारा निहत्थे और सोते हुए जवानों पर ताबड़तोड़ फायरिंग की गई, ताकि ज्यादा से ज्यादा जवानों को मारा जा सके।

इस हमले में आतंकियों की पहली योजना थी कि निहत्थे और सोते हुए जवानों पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर ज्यादा से ज्यादा जवानों को मारा जाए। इसके बाद बटालियन हैडक्वाट्र्स के प्रशासनिक ब्लॉक में मेडिकल एड युनिट में घुसकर वहां खूनखराबा किया जाए और इसके बाद अंत में ऑफिसर्स मेस में घुसकर खुद को उड़ा लेना।

उरी हमले ने न केवल भारत को बल्कि विदेशों को भी दंग किया। अमेरिका ने उड़ी हमले को आतंकवादी हमला करार दिया। लेकिन स्पेशल फोर्सेज ने आतंकवादियों को प्रशासनिक ब्लॉक में ही सीमित कर दिया और तेज़ी से किए ऑपरेशन में खत्म कर दिया। कुछ ही घंटों के अंदर ही चारों आतंकियों को मार गिराया गया।


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5. उरी अटैक का जवाब सर्जिकल स्ट्राइक:
उरी हमले का जवाब देने के लिए भारत ने पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक कर 38 आतंकवादियों को मार गिराया वहीं आतंकवादी शिविर भी ढ़ेर कर दिए। इस कार्रवाई में रात के साढ़े बारह बजे का। पुंछ से एएलएच ध्रुव पर 4 और 9 पैरा के 25 कमांडो सवार होकर पीओके में दाखिल हुए। नियंत्रण रेखा के पार हेलिकॉप्टर ने इन जवानों को जंगल में उतार दिया, इसके बाद पाकिस्तानी सेना की फायरिंग की आशंका के बीच इन कमांडोजऩे तकऱीबन तीन किलोमीटर का फासला रेंग कर तय किया। देश में तबाही मचाने के लिये यहां आतंकियों के लॉन्च पैड्स भिम्बर, केल, तत्तापानी और लीपा इलाकों में थे।

यह कार्रवाई इतनी सफाई से हुई कि पाकिस्तान को भनक तक नहीं लगी। हमले के दौरान सात लॉन्चिंग पैड को पूरी तरह तबाह कर दिया। पलक झपकते ही कमांडोज़ ने आतंकियों पर ग्रेनेड से हमला किया. अफरा तफरी मचते ही स्मोक ग्रेनेड के साथ ताबड़तोड़ फायरिंग क 38 आतंकवादियों को ढेर कर दिया गया। इस हमले में पाकिस्तानी सेना के दो जवान भी मारे गए। इसके बाद हुई प्रेसकांफ्रेस में सेना के डीजीएमओ ले. जनरल रणवीर सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस में विस्तार से इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कैसे इस ऑपरेशन को अंजाम दिया गया और आतंकियों को कितना नुकसान हुआ।



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6. दिल्ली में ऑड-इवन की शुरूआत:
दिल्ली में साल 2016 की पहली तारीख से ही ऑन इवन फार्मूला लागू किया गया। दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के मद्देजनर दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने ये फैसला लिया। इस फैसले के मुताबिक 1,3,5,7,9 (ऑड नंबर) नंबर वाली गाडिय़ां एक दिन और दूसरे दिन 2,4,6,8,0 (इवन नंबर) नंबर की गाडिय़ां चलनी थी। इसका मतलब यह हुआ कि पहले दिन ऑड नंबर वाली और दूसरे दिन इवन नंबर वाली गाडिय़ों का चलना तय किया गया।

जनवरी में लागू की गई इस योजना के पहले चरण में प्रदूषण के स्तर में कमी देखने को मिली थी। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी द्वारा जारी के रिपोर्ट के अनुसार चार प्रमुख जगहों पर पीएम 2.5 का स्तर 100 से 200 के बीच में देखा गया, जबकि 18 जगहों पर पीएम 2.5 का स्तर 59 से 301 के बीच देखा गया। सडक़ पर वाहनों की संख्या कम होने के असर को देखने के लिए दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी की रिपोर्ट ने लाइट स्केटरिंग तकनीक के जरिए 18 प्रमुख जगहों पर प्रदूषण के स्तर को जांचा।

जिसके अनुसार वाहनों की संख्या कम होने के कारण प्रदूषण में 50 प्रतिशत कमी का दावा दिया गया। रिपोर्ट के अनुसार चार प्रमुख जगहों पर पीएम 2.4 का स्तर 100 से 200 के बीच में देखा गया। जबकि 18 प्रमुख जगह पर 2.5 का न्यूनतम स्तर 59 और अधिकतम स्तर 301 देखा गया। एक जनवरी से दस जनवरी के बीच डीपीसीसी द्वारा दिल्ली एनसीआर की 50 प्रमुख जगह पर निलंबित कण 2.5 और 10 के सैंपल उठाए गए।

इसके बाद दूसरे चरण को अप्रेल में चलायागया। ऑड-ईवन फॉर्मूला सोमवार से शनिवार तक सुबह आठ बजे से रात आठ बजे तक लागू रहेगा। रविवार को यह नियम लागू नहीं होगा। 15 से 30 अप्रैल तक इस फॉर्मूले के अनुसार ही सडक़ों पर निजी कारों का परिचालन होगा। इसके तहत ऑड दिन को ऑड नंबर और ईवन दिन को ईवन नंबर की गाडिय़ां ही चलाई जा सकती हैं। नियम का उल्लंघन करने पर दो हजार रुपए जुर्माना भरना पड़ेगा।


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7. सायरस मिस्त्री की टाटा ग्रुप से छुट्टी:
साइरस मिस्त्री को एकाएक टाटा संस के चेयरमैन पद से हटा दिया गया। करीब 150 साल पुराने टाटा समूह के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है। उनकी जगह रतन टाटा अंतरिम चेयरमैन बनाए गए हैं। टाटा संस देश के सबसे बड़े बिजनेस समूह टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी है। 29 दिसंबर, 2012 को साइरस ने रतन टाटा की ही जगह ली थी। घटना ने पूरी दुनिया के उद्योग जगत को चौंका दिया। क्योंकि घोषणा से पहले कहीं ऐसी चर्चा तक नहीं थी।

साइरस के शपूरजी पैलनजी समूह ने फैसले को गैर-कानूनी बताया है। समूह इसे अदालत में चुनौती देगा। सोमवार को बोर्ड बैठक में मिस्त्री को हटाने और रतन टाटा को अंतरिम चेयरमैन बनाने का फैसला हुआ। बोर्ड ने स्थायी चेयरमैन चुनने के लिए पांच सदस्यों की कमेटी बनाई। इसमें रतन टाटा भी हैं। पांच सदस्यों के पैनल ने ही नवंबर 2011 में मिस्त्री को रतन टाटा का उत्तराधिकारी चुना था। इसके बाद उन्हें होल्डिंग कंपनी का डिप्टी चेयरमैन बनाया गया। मिस्त्री 2006 से टाटा संस के बोर्ड में थे।

इसकेबाद टाटा समूह की ओर से कहा गया कि सायरस के फैसलों ने ग्रुप का विश्वास खो दिया था। वे अपने फैसलों से प्रभावित नहीं कर पाए थे। दूसरी तरफ सायरस ने रतन टाटा पर फैसले लेने में स्वतंत्रता नहीं दिए जाने का आरोप लगाया था।

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8. कन्हैया कुमार, जेएनयू:
नौ फरवरी को जेएनयू में डेमोक्रेटिक स्टूडेंट यूनियन की तरफ से अफज़ल गुरु की बरसी पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में कश्मीर की आजादी पर चर्चा होनी थी और अफजल गुरु से जुड़ी एक फिल्म भी दिखाई जानी थी। सांस्कृतिक संध्या के नाम यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इजाजत दी थी लेकिन शुरू होने के करीब बीस मिनट पहले रद्द कर दिया गया। इसके बाद डीएसयू के उमर खालिद की अगुवाई में कार्यक्रम हुआ और उसमें देश विरोधी नारे लगे। एबीवीपी केलोगों ने इसका विरोध किया।

अगले दिन थाने में शिकायत दर्ज करवाई और यूनिवर्सिटी कैंपस में विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया। बारह फरवरी को जांच के लिए पुलिस जेएनयू पहुंची और छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार को गिरफ्तार कर लिया। 15 फरवरी को पटियाला हाउस कोर्ट में कन्हैया की पेशी के दौरान वकीलों ने पत्रकारों और कोर्ट में मौजूद जेएनयू के छात्रों के साथ मारपीट की. कोर्ट में कन्हैया की पेशी को लेकर सुप्रीम कोर्ट के सख्त दिशा निर्देश के बावजूद 17 फरवरी को पटियाला हाउस कोर्ट में फिर हंगामा हुआ। वकीलों ने पेशी के दौरान कन्हैया पर हमला किया. पत्रकारों के साथ भी बदसलूकी हुई।

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