समकालीन शासकों में सूरजमल सर्वधर्म सद्भाव के प्रतीक थे

www.khaskhabar.com | Published : शनिवार, 24 दिसम्बर 2016, 8:45 PM (IST)

भरतपुर । महाराजा सूरजमल के स्मृति दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित स्मृति व्याख्यान माला के तहत वक्ताओं ने समकालीन शासको में महाराजा सूरजमल को उत्तरी भारत के एक मात्र ऐसे शासक बताया जिन्हे सर्वधर्म सद्भाव का प्रतीक माना जा सकता है। सूरजमल के शासनकाल में मुगल एवं अफगान आक्रान्ताओं से भारतीय संस्कृति एव धरोहरों की रक्षा के लिए भी युद्ध लडे । सूरजमल के काल में मराठाओं, राजपूतों के सामंज्यस के अनेकों प्रसंग इतिहास में दर्ज है जो महाराजा सूरजमल को कुषल कूटनीतिकार, प्रषासक, सेनापति, राजा और कला एवं संस्कृति के पारखी के रूप में स्थापित करते है। उनके द्वारा मैदानी नदियों का कुशलता पूर्वक उपयोग कर खेती एवं पीने के लिए की गई जल प्रबंधन योजना आज भी विश्व में अनोखी एवं विख्यात है। पानीपत की लडाई, आगरा फतह, दिल्ली कूच की चर्चा भी इस व्याख्यान माला में हुई। सर छोटूराम पशुधन सहायक प्रशिक्षण केन्द्र पर ईश्वर सिंह बछामदी की अध्यक्षता में आयोजित व्याख्यान माला में मुख्य वक्ता के रूप में डौ शिवदेव सिंह, मुख्य अतिथि के रूप में बोलते शिक्षाविद ओम प्रकाश आजाद,संयोजक राकेश फौजदार, उप संयोजक डॉ प्रेम सिंह कुन्तल के अलाबा अन्य लोगो ने भी अपने विचार प्रकट किये।

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