कानपुर में बाहुबली का खेल बिगाड़ने आ रहे ओवैशी

www.khaskhabar.com | Published : शनिवार, 24 दिसम्बर 2016, 8:13 PM (IST)

कानपुर। समाजवादी पार्टी मतदाताओं के लिहाज से सबसे महफूज कैंट विधानसभा सीट से बाहुबली अतीक अहमद को मैदान पर उतारा है। लेकिन बाहुबली के शहर में पैर जमने के पहले ही एआईएमआईएम सक्रिय हो गई है। बताया जा रहा है कि पार्टी अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैशी 30 दिसंबर को शहर आ रहे हैं।
आगामी विधानसभा चुनाव में कानपुर व उसके आस-पास मुस्लिम मतों को अपने पाले में करने के लिए सत्ताधारी पार्टी ने इलाहाबाद की राजनीति में दखल रखने वाले बाहुबली पूर्व सांसद अतीक अहमद को आगे किया और कैंट सीट से प्रत्याशी भी बना दिया।[@ अनोखी शादी: दूल्हा और दूल्हन क्रिकेट खेलकर शादी के बंधन में बंधे]

जिसके बाद से शहर की राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई और सभी पार्टियों ने रणनीति में बदलाव करने के लिए जुट गई। ऐसे में हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैशी की पार्टी एआईएमआईएम भी अपनी गतिविधियां तेज कर दी। इन दिनों लगभग प्रतिदिन पार्टी की बैठक हो रही है और खासतौर पर कैंट सीट को लेकर रणनीति बनाई जा रही है।
पार्टी की राजनीतिक भविष्य को देखते हुए पार्टी प्रमुख ओवैशी भी शहर किसी समय आ सकते हैं। जिलाध्यक्ष अतीक आसिफ खान ने बताया कि पार्टी प्रमुख 30 दिसंबर को शहर आने की संभावना है।

[@ छेड़छाड़ का विरोध करने पर महिला को सरेआम पीटा, वीडियो वायरल]

जिसके लिए सोमवार को जिला प्रशासन से सभा के लिए अनुमति मांगी जाएगी। जिला प्रशासन की अनुमति के बाद ही तिथि पर निश्चय हो सकेगा। कहा कि इस बार यह तय है कि पार्टी विधानसभा चुनाव में शहर की मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर अच्छा प्रदर्शन करने जा रही है।
आगे कहा कि सीसामऊ, आर्यनगर व कैंट सीटों में अपने प्रत्याशी उतारे जाएगें पर कैंट पर अधिक फोकस रहेगा। बताया कि यहां पर मुस्लिम मतों की संख्या लगभग 65 फीसदी से अधिक है ऐसे में कोशिश होगा कम से कम कैंट सीट पार्टी के पक्ष में आए।

[@ अदिति बनीं मिस कोहिनूर-ए-ताज, SEE PIC ]

अंसारियों को मिल सकता है मौका
बताते चलें कि कानपुर की कैंट विधानसभा सीट ऐसी सीट जहां पर कुल मतदाताओं में लगभग 65 फीसदी मतदाता मुस्लिम है। उनमें भी लगभग एक लाख दस हजार के आस.पास अंसारी मुस्लिम मतदाता है। ऐसे में एआईएमआईएम की कोशिश है कि अंसारियों को आगे करके सीट पर कब्जा किया जाए। पांच बार विधायक व एक बार सांसद होने के बावजूद बाहुबली इलाहाबाद की धरती पर कमजोर हो गया है।
जिसके चलते 2004 के बाद एक भी चुनाव नहीं जीत सका। बताया जा रहा है इसका कारण विधायक राजू पाल हत्याकांड है। ऐसे में यह देखना होगा कि कानपुर की जनता बाहुबली का इलाहाबादी पुराना गौरव वापस दिलाती है या वर्तमान समय की भांति केवल चर्चा का केन्द्र ही बना रहेगा।

[@ 90 की उम्र फिर भी आंख से तिनका निकाल लेते भगत राम]