जयपुर। एटीएस में तैनात एएसपी आशीष प्रभाकर ने एक नहीं दो सुसाइड नोट छोड़े हैं। इसमें उन्होंने लिखा है कि पूनम कोचिंग के बहाने अफसरों को अपने प्यार में फंसाती थी, फिर उन्हें ब्लैकमेल करती थी। मुझे भी वह चार साल से ब्लैकमेल कर रही थी। बता दें कि आशीष ने गुरुवार देर रात कार में अपनी महिला मित्र पूनम को गोली मारने के बाद खुद को भी गोली मार कर जान दे दी थी। पुलिस को आशीष के लिखे दो सुसाइड नोट्स मिले हैं। एक पुलिस के नाम तो दूसरा परिवार के नाम है। इसमें लिखा है कि पूनम मुझे पिछले 4 साल से ब्लैकमेल कर रही थी। वह आरएएस की कोचिंग के बहाने मेरे संपर्क में आई। पूनम अपने प्यार के जाल में फंसाती और फिर ब्लैकमेल करती थी। इसलिए मैं उसे सजा देना चाहता था। वह मुझे ही नहीं और अधिकारियों को भी अपने प्यार में फंसाती और ब्लैकमेल करती। मैं अपने परिवार से प्यार करता हूं। मैं अपने बच्चों से प्यार करता हूं। मैं सबके लिए कुछ करना चाहता था। आशीष ने जिस महिला मित्र पूनम की गोली मारकर हत्या की, वह अलवर के राजगढ़ की रहने वाली है। आशीष ने जयपुर में कोचिंग इंस्टीट्यूट खोला था। यहीं पूनम उनके कॉन्टैक्ट में आई। फिलहाल पुलिस अभी इस लडक़ी के बारे में कुछ नहीं बता रही है। उधर, आशीष की पत्नी अनीता जयपुर में मायके में रह रही थीं। प्रभाकर को अजमेरी गेट के पास पुलिस क्वार्टर मिला हुआ था। प्रभाकर के साथी अफसरों के मुताबिक, वे उदास रहते थे। राजस्थान पुलिस एकेडमी (आरपीए) में 10 महीने की ट्रेनिंग पूरी कर 20 दिन पहले ही एटीएस में प्रशासनिक काम देखने लगे थे। आशीष ने गाड़ी में सुसाइड नोट भी छोड़ा है। पुलिस मान रही है कि आशीष ने सुसाइड नोट महिला मित्र से मिलने से पहले लिखा था।
साहित्यकार के बेटे थे आशीष
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आशीष मूलत: अजमेर में अलवरगेट के रहने वाले थे। वे अजमेर के नामी साहित्यकार व समाजसेवी प्रफुल्ल पटेल के बेटे हैं। आशीष की दो बहने हैं। एक बहन का जयपुर में तो एक का ग्वालियर में ससुराल है। आशीष ने सेंट एंसलम से स्कूलिंग करने के बाद डीएवी कॉलेज से ग्रेजुएशन किया। पत्रकारिता की पढ़ाई करने के बाद एक साल अखबार में बतौर ट्रेनी नौकरी भी की। इसके बाद उनका राजस्थान पुलिस सर्विस (आरपीएस) में सिलेक्शन हो गया। आशीष काम के प्रति काफी ईमानदार थे। वे शर्मीले और सीधे-सादे माने जाते थे। कुछ समय से वे घरेलू विवाद के चलते तनाव में थे।