अजमेर। नोटबंदी के दौर में बड़ी संख्या में नकली नोट भी बैंकों में जमा हुए हैं। अब आरबीआई नकली नोटों की जांच में जुटी है। जांच के बाद यह खुलासा हो पाएगा की कितनी संख्या में नकली नोट प्रचलन में थे। उसका दुष्प्रभाव किस तरह अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा रहा था। यह जानकारी शुक्रवार को अजमेर आए केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने दी।
मेघवाल अजमेर के महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय के उद्यमिता एवं लघु व्यवसाय प्रबंध केन्द्र के तत्वावधान में आयोजित पांचवीं द्विवार्षिक अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी ‘उद्यमिता, पर्यटन एवं पर्यावरण’ की दो दिवसीय संगोष्ठी का शुभारंभ करने अजमेर आए थे। समारोह की अध्यक्षता महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. कैलाश सोडानी ने की। संगोष्ठी के मुख्य वक्ता प्रो. निमित रंजन चौधरी नैल्लोर थे।
इस दौरान पत्रकारों से बातचीत में केंद्रीय मंत्री मेघवाल ने एक बार फिर दावा किया की नोटबंदी का उद्देश्य सफल रहा है। कालाधन आतंकवाद और नकली नोटों के खिलाफ नोटबंदी कारगर रही। मेघवाल ने दावा किया कि हम शुरू से कह रहे थे कि भारत में नकली नोट आतंकवाद को बढ़ाने के साथ ही अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा रहे हैं, लेकिन नोटबंदी के बाद बैंकों पर बढ़े दबाव के चलते बड़ी संख्या में फेक करेंसी भी बैंकों में जमा हो गई है। इस फेक करेंसी को अब आरबीआई चिह्नित कर आंकड़े जुटा रही है।
[@ अदिति बनीं मिस कोहिनूर-ए-ताज, SEE PIC ]
समारोह में केंद्र के विषय में प्रो. सारस्वत ने संगोष्ठी की थीम उद्यमिता, पर्यटन एवं पर्यावरण को भी विस्तारित करते हुए वर्तमान समय में इनकी महत्ता को बताया। उन्होंने कहा कि हम ऐसे देश में रहते हैं, जहां न केवल पशु-पक्षियों को बल्कि वनस्पति को भी पूजा जाता है। ऐसे देश में पर्यावरण को सुरक्षित रखना हमारी आवश्यकता ही नहीं, जिम्मेदारी भी है। कुलपति प्रो. कैलाश सोडानी ने भी विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि हमारे देश में आवश्कता है आधारभूत सुविधाओं को विकसित करने की, ताकि विदेशी पर्यटकों को आकर्षित कर पर्यटन को और अधिक विकसित किया जा सके। साथ ही उन्होंने बताया कि एक पर्यटक से कम से कम 15 लोगों को रोजगार दिया जा सकता है।
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