नई दिल्ली। सरकार ने शुक्रवार को वायुसेना को एक और भारी परिवहन विमान
सी-17 ग्लोबमास्टर खरीदने की अनुमति दे दी। साथ ही 5500 करोड रूपये में छह
बहुउद्देश्यीय समुद्री विमान खरीदने के लिए तटरक्षक बल के प्रस्ताव को भी
मंजूर कर लिया। इन विमानों का विकास तथा डिजाइन डीआरडीओ द्वारा किया जाएगा।
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर की अध्यक्षता वाली रक्षा खरीद परिषद (डीएसी) ने
डीआरडीओ के कामकाज की भी समीक्षा की। साथ ही 1265 करोड रूपये की लागत से
इन्फैंट्री लडाकू विमानों के लिए स्वदेश में डिजाइन और विकसित 1500
न्यूक्लियर बायलॉजिकल एंड केमिकल (एनबीसी) युद्ध संरक्षण प्रणाली की खरीद
को भी मंजूरी दी।
डीएसी ने 419 करोड रूपये में 500 निम्न स्तर के हल्के राडारों की खरीद के
लिए सेना और वायुसेना के एक और प्रस्ताव को भी मंजूर किया।
[@ अदिति बनीं मिस कोहिनूर-ए-ताज, SEE PIC ]
समझा जाता है कि
विशेष बलों के लिए शस्त्र और गोला-बारूद खरीदने के लिए दो गोपनीय
प्रस्तावों और एयरबोर्न वानिंüग एंड कंट्रोल सिस्टम (अवाक्स) से संबंधित एक
प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है।
[@ अदिति बनीं मिस कोहिनूर-ए-ताज, SEE PIC ]
सी-295 विमान का चयन...
तटरक्षक बल के लिए सी-295 विमान का चयन किया जा सकता है जिसे वायु सेना के
एव्रो परिवहन बेडे की जगह पर लेने के लिए पहले ही बातचीत हो चुकी है। जब
पूछा गया कि वायु सेना पहले ही 10 सी-17 ग्लोबमास्टर विमान होने के बाद इस
श्रेणी का केवल एक अतिरिक्त विमान क्यों खरीद रही है, इस पर सूत्रों ने कहा
कि क्योंकि बोइंग के पास केवल यही विमान उपलब्ध था। बता दें, ग्लोबमास्टर
दुनिया का सबसे विशाल मालवाहक विमान है और भारत ने यह अमेरिका से खरीदा है।