न्यूयार्क। मोतियाबिंद से पीडित लोगों के लिए योग की कुछ खास मुद्राएं हानिकारक हो सकती हैं। अमेरिका के न्यूयार्क आई एंड ईयर इनफर्मेटरी ऑफ माउंट सिनाई (एनवाईई) के शोधार्थियों का दावा है कि सिर को नीचे करने की विभिन्न मुद्राएं, पुश अप्स और भारी वजन उठाने जैसी कई योग मुद्राएं मोतियाबिंद के रोगियों में आंखों पर दबाव को बढ़ाती हैं। इनमें "फेसिंग डॉग", "स्टैडिंग फॉरवर्ड बेंड", "प्लो" तथा "लेग्स अप द वॉल" योग की चार मुद्राएं इस अध्ययन के लिए महत्वपूर्ण साबित रही हैं। इसके द्वारा वैज्ञानिकों को पता चला है कि मोतियाबिंद रोगी के लिए ये मुद्राएं घातक हो सकती हैं।
इस अध्ययन के मुख्य लेखक और एनवाईई के ग्लोकोमा रिसर्च के निदेशक रॉबर्ट
रिच ने बताया, "चिकित्सकों को सक्रिय और स्वस्थ्य जीवनशैली के लिए
प्रोत्साहित करते वक्त मोतियाबिंद रोगियों को सलाह देने पर विशेष ध्यान
देना चाहिए।"
मोतियाबिंद रोगियों में ऑप्टिक नर्व को नुकसान पहुंचने से आंख के अंदर तरल
पदार्थ का दबाव बढ़ जाता है। यह एलिवेटड इंट्राकुलर प्रेशर (आईओपी) सबसे आम
जोखिम कारक है। रिच बताते हैं कि कई योग मुद्राएं आईओपी के खतरे को बढ़ाती
हैं।
यह अध्ययन पत्रिका "पीएलओएस वन" में प्रकाशित हुआ है।
(आईएएनएस)