पुलिस, आबकारी को नहीं पता, चुनाव से पहले धधकने लगी शराब भट्टी

www.khaskhabar.com | Published : शुक्रवार, 23 दिसम्बर 2016, 3:25 PM (IST)

कानपुर। चुनाव की अभी घोषणा नहीं हुई, लेकिन शराब माफियाओं की भट्टिया धधकना शुरु हो गई है। बताया जाता है कि यह शराब प्रत्याशी अपने मतदाताओं को रिझाने के लिए उपयोग करते है। आबकारी और पुलिस भी इन पर कोई कार्रवाई नहीं करती है।
बताते चले कि विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही जहां एक ओर जिला से लेकर पुलिस प्रशासन बैठक कर अपनी रणनीति तैयार कर रही है। तो वहीं बिधनू थाने के 500 मीटर दूरी पर ही हरबशपुर गांव में खुलेआम शराब की भट्टिया धधक रही है। जब हमारे सवांददाता ने इस अवैध शराब के बारे में पूछा तो गांव के ही सुखराम ने बताया कि उनका पुस्तैनी कारोबार है।

[@ अमेरिका के 911 की तर्ज पर बना डायल 100 कैसे काम करेगा...जानिए इसकी टेक्नोलॉजी]

इस कारोबार में बहुत ही कमाई होती है और चुनाव में तो वह 100-100 लीटर शराब बनाते हैं। जब पुलिस और आबकारी के छापेमारी में पूछा तो बताया कि अगर कभी पकड़ लेते है तो वह प्रत्याशियों से फोन बात कराते है और कुछ ले दे कर अधिकारी छोड़ देते है।
गांव के ही राजा ने बताया कि विधानसभा चुनाव की अभी तक कोई घोषण नहीं हुई हैए लेकिन प्रत्याशियों ने शराबों की डिमांड शुरु कर दी है और हम लोग उन्हे सप्लाई करने के लिए शराब बना रहे है। उनके इस काम में घर की महिलाओ और बच्चों का भी साथ लेते है।

[@ अनोखी शादी: दूल्हा और दूल्हन क्रिकेट खेलकर शादी के बंधन में बंधे]

अलकोहल अधिक होने से होती मौत
उन्नाव जिले में बीते दिनों अवैध शराब पीने से दो दर्जन से ज्यादा लोगों की मौत हो गई तो कईयों का जिला अस्पताल में इलाज भी चला। इसपर जब पूछा गया तो शराब पीने से कैसे मौत हो जाती है तो इब्राहिम ने बताया कि शराब में अलकोहल की कोई निश्चित डिग्री नहीं होती हैं। जिससे ये पीने वाले को पता नही कब मौत का रास्ता दिखा दे।
शराब बनाने के दौरान अगर मानक से ज्यादा अलकोहल मिल गया तो वह जहर का काम करती है। हम लोग जब शराब बना लेते है तो अलकोहल को चेक करने के लिए शराब पीते है। जब मुझे ठीक लगता है तो बाजार और चुनाव में प्रत्याशियों के बेच देते है।

[@ अदिति बनीं मिस कोहिनूर-ए-ताज, SEE PIC ]