रतन व टाटा संस के खिलाफ याचिका, अवैध लेनदेन,आतंकवाद से जोड़ा

www.khaskhabar.com | Published : गुरुवार, 22 दिसम्बर 2016, 4:37 PM (IST)

मुंबई। शापूरजी पालोनजी ग्रुप की दो कंपनियों- साइसर इन्वेस्टमेंटस और स्टर्लिंग इन्वेस्टमेंट कॉर्प. ने एक कानूनी याचिका में टाटा संस और रतन टाटा को एयरएशिया इंडिया में 22 करोड़ रुपये के कथित अवैध लेनदेन से सीधा जोड़ दिया है। नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्युनल में दायर इस याचिका में इससे भी बड़ा आरोप लगाया है कि इस लेन-देन में रतन टाटा की ओर से टाटा संस की डीलिंग हामिद रजा मलकोटिपुर के साथ हुई जो प्रतिबंधित खूंखार आतंकवादी है। दोनों आरोपों पर डिलॉइट की रिपोर्ट का हवाला दिया जिसने एयरएशिया इंडिया पर फॉरेंसिक जांच की थी।
याचिका में दोनों कंपनियों ने कहा, ‘इसलिए, प्रतिवादी 2 (रतन टाटा) के निर्देश पर एयरएशिया के साथ डीलिंग्स में टाटा ग्रुप परोक्ष रूप से आतंकवाद का फाइनेंसर रहा और प्रतिवादी 2 (रतन टाटा) ने अपने कामकाज से टाटा ग्रुप की पुरानी छवि को भरपाई नहीं किया जा सकने वाला नुकसान पहुंचाया। इससे न केवल टाटा ग्रुप के शेयरहोल्डरों का बल्कि इसके एंप्लॉयीज का भी भरोसा टूटा।’

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टाटा संस के एक प्रवक्ता ने कहा कि याचिका में रतन टाटा और टाटा संस पर लगाए गए आरोप पूरी तरह आधारहीन हैं और दोनों (साइसर इन्वेस्टमेंटस और स्टर्लिंग इन्वेस्टमेंट कॉर्प) को इसका जवाब देकर उन्हें गलत साबित किया जाएगा। उन्होंने आगे कहा, ‘एयरएशिया इंडिया ने 31 अक्टूबर को ही यह सार्वजनिक कर दिया था कि एयरएशिया इंडिया के कुछ पूर्व कर्मचारियों के खिलाफ अनियमित व्यक्तिगत खर्च के दावों और कुछ खास कंपनी चार्जेज को लेकर जांच चल रही है।’

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डिलॉइट रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि एयरएशिया इंडिया के पूर्व सीईओ मिट्टू चंडालिया ने सिंगापुर की एक ऐसी संस्था को 22 करोड़ रुपये दिए जिसने कंपनी को कोई सेवा नहीं दी और एक हिस्सा भारत की एक ऐसी कंपनी को मिला जिसका सरकारी रिकॉड्र्स में कोई अस्तित्व नहीं है। रिपोर्ट में कहा गया है कि आतंकवादी मलकोटिपुर मिट्टू चांडिल्य के कथित रूप से करीबी सहायक राजेंद्र दुबे के साथ शेयरधारक रहे हैं। मलकोटिपुर ईरानी एयरलाइंस कंपनी माहन एयर के पूर्व क्षेत्रीय प्रबंधक थे जबकि दुबे एयर कार्गो इंडिया के ग्लोबल हेड थे।
डिलॉइट की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका के ट्रेजरी डिपार्टमेंट ने मलकोटिपुर को ‘विशेष नामित वैश्विक आतंकवादी’ बताया है। इस पर ईरान की स्पेशल ऑपरेशन फोर्स इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड को भी औजार आपूर्ति करने का भी आरोप है जिसे अमेरिका ने 2007 में आतकंवाद की समर्थक घोषित किया था।

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