दृष्टिहीन मुस्लिम ल़डकी को कंठस्थ है श्रीभागवत गीता

www.khaskhabar.com | Published : मंगलवार, 16 फ़रवरी 2016, 2:14 PM (IST)

मेरठ। यदि आप से कहा जाए कि भागवत गीता के पांच श्लोक सुनाओं तो आप शायद ही सुना पाओगे। लेकिन एक सात साल की दृष्टिबाधित मुस्लिम लडकी है। जिसे पूरी भागवत गीता कंठस्थ है। गीता के बारे में पूछने पर वह हाथ जो़डकर एक-एक श्लोक सुनाने लगती है। रिदा जेहरा के दिल में गीता बसती है। वह पिछले तीन साल से मेरठ के आवासीय दृष्टिबाधित स्कूल में पढ रही है। उसने किताबें कभी नहीं देखीं और न ही ब्रेल लिपि के जरिए गीता पढी है।
एक अंग्रेजी अखबार में प्रकाशित खबर के अनुसार, उसके स्कूल के शिक्षक ने उसे पढ़ कर गीता के हर श्लोक याद करा दिए हैं। ब्रिज मोहन स्कूल में तीसरी कक्षा की छात्रा जेहरा कहती हैं कि उनके लिए यह बात मायने नहीं रखती कि वह किस ईश्वर को पूजा रही है क्योंकि वह उन्हें कभी देख नहीं पाएगी। वह कहती है कि मुझे ईश्वर की अराधना करना पसंद है, चाहे वह गीता पढ़ करूं या कुरान पढ़कर। जेहरा के माता-पिता लोहियानगर में रहते हैं, जहां वह गर्मी की छुटि्टयों और त्योहारों में जाती है।
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उसके पिता ने तीन साल पहले उसका दाखिला इस स्कूल में कराया था। प्रिंसिपल प्रवीण शर्मा ने बताया कि साल 2015 में उन्हें पता चला कि शहर में गीता प्रतियोगिता होने वाली है। तभी मैंने सोचा कि हमारे बच्चों को भी उसमें हिस्सा लेना चाहिए। इसी विचार के साथ मैंने पंडितों से गीता पाठ करना सीखा और फिर स्कूल के बच्चों को भी इसे सिखाया। जेहरा सबसे पहले गीता याद करने और सीखने वाले बच्चों में थी। स्कूल में 30 छात्र-छात्राएं और पांच शिक्षक हैं, जिनमें से दो शिक्षक भी दृष्टिहीन हैं। जेहरा पढ-लिखकर दृष्टिहीन बच्चों को पढाना चाहती है, ताकि वे शिक्षा के जरिए जिंदगी देख पाएं। दिल्ली में बिरयानी बेचकर परिवार चलाने वाले जेहरा के पिता रईस हैदर ने बताया कि मेरे लिए यह मायने नहीं रखता कि वह गीता पढती है या कुरान। मेरे लिए गर्व की बात है कि वह दोनों धमोंü के बारे में जानती है।