राजस्थान बनेगा भारत की बौद्धिक राजधानी - मुख्यमंत्री

www.khaskhabar.com | Published : सोमवार, 19 दिसम्बर 2016, 11:04 PM (IST)

नई दिल्ली/जयपुर। आने वाले समय में राजस्थान शिक्षा के क्षेत्र में भारत की बौद्धिक राजधानी बनेगा और प्रदेश में शिक्षा के अवसरों और संभावनाओं को तराशने और देश दुनिया से रुबरू कराने के लिए अप्रेल 2017 में राजधानी जयपुर में दो दिवसीय जयपुर फेस्टिवल आॅफ एजुकेशन का भी आयोजन किया जाएगा। जो देश में अपने ढंग का पहला प्रयास होगा। ये कहना है सीएम वसुंधरा राजे का। वे सोमवार को दिल्ली के होटल हयात रेजीडेंटसी में जयपुर फेस्टिवल आॅफ एजुकेशन के कर्टेन रेजर कार्यक्रम को संबोधित कर रहीं थी।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि ये ग्लोबल आयोजन प्रतिष्ठित जेम्स एजुकेशन फाउंडेशन के साथ मिलकर किया जाएगा। इस कार्यक्रम का उद्देश्य हमारी भावी पीढ़ी और देश के भविष्य के सपनों को साकार करना और उनकी प्रतिभा एवं रचनात्मकता को तराशने के साथ उनके आत्म विश्वास को मजबूती प्रदान करना है। ताकि देश-विदेश में उन्हें रोजगार के अच्छे अवसर मिल सकें। राजे ने कहा कि राजस्थान देशभर में शिक्षा का हब बनकर उभर रहा है। प्रदेश में 60 प्रतिशत जनसंख्या युवा है, जिनमें ग्लोबल स्तर पर छा जाने की क्षमता है। युवाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए राज्य सरकार एवं शैक्षिक संस्थाएं निरंतर प्रयासरत हंै। शैक्षणिक गतिविधियों में सुधार, ‘प्रशासनिक क्षमता का सुदृढ़ीकरण और प्रबंधन क्षमता को बढ़ाकर हम शैक्षिक जगत की समस्याओं के निराकरण के लिए कार्य कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि ‘जयपुर एजुकेशन फेस्टिवल’ की शुरूआत कर शिक्षा के क्षेत्र में राज्य सरकार एक महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। जयपुर के बाद इसे राज्य के सभी सात संभागों पर भी आयोजित किया जाएगा। इससे राज्य के शिक्षा जगत एवं बच्चों को ग्लोबल शिक्षा प्रणाली और कार्यविधि से रूबरू होने के अवसर पैदा होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार राज्य में शिक्षा के उन्नयन और ढांचागत विकास के लिए लगातार कार्य कर रही है। जिसकी देश-विदेश में प्रशंसा हो रही है। राज्य में चल रहे करीब 10 हजार आदर्श विद्यालयों का जिक्र करते हुए राजे ने कहा कि इन स्कूलों को मॉडल स्कूलों के रूप में उभारा जा रहा है। यहां शिक्षक-अभिभावक बैठक, आधारभूत सुविधाओं और खेल सुविधाओं आदि के बहुत अच्छे परिणाम देखने में आ रहे हैं। राजे ने कहा कि सरकार अपने न्यूनतम संसाधनों से राज्य में शिक्षा के आधुनिकीकरण के साथ ही कमजोरियों को ठीक करने में लगी हुई है। शिक्षा में सार्वजनिक-निजी भागीदारी से शैक्षिक विकास को गति देने पर ध्यान दिया जा रहा है।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के लगातार प्रयासों से 2014 के बाद राज्य में 10 लाख विद्यार्थियों का रिकॉर्ड नामांकन हुआ है। वहीं अध्यापकों और शैक्षणिक स्टाफ के 60 प्रतिशत रिक्त पदों को भरकर 25 प्रतिशत तक लाया गया है। इसका परिणाम ये हुआ कि 10वीं बोर्ड के परीक्षा परिणाम 58 प्रतिशत से बढ़कर 72 प्रतिशत तक की उत्साहवर्द्धक स्थिति तक पहुंचे हंै। उन्होंने कहा कि राज्य में ‘शालादर्पण’ वेब पोर्टल के माध्यम से अध्यापकों के प्रमोशन और स्थानांतरण के प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने में हम सफल हुए हैं। इससे शिक्षा जगत में विश्वास का माहौल पैदा हुआ है। इस मौके पर शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि राजस्थान में पिछले तीन वर्षांे में सेवा शिक्षा क्षेत्र में अभूतपूर्व विकास हुआ है। उन्होंने मरूभूमि को शिक्षा क्षेत्र में विश्वभर में अग्रणी करने के लिए किए प्रयासों की चर्चा करते हुए कहा कि राजकीय विद्यालयों में नामांकन में जहां 12 लाख से अधिक की वृद्धि हुई है, वहीं राजस्थान के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों, ट्रक ड्राइवरों के बच्चों का चिकित्सा क्षेत्र में ऑल इंडिया स्तर पर चयन अपने आप में उदाहरण है। इस मौके पर जेम्स फाउंडेशन के ग्रुप चेयरमेन अम्बरीश चंद्रा ने राजस्थान में शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे बदलावों की चर्चा की। उन्हांेने कहा कि राजस्थान अब रंग-बिरंगी पगड़ियों वाले लोगों या पर्यटन के क्षेत्र में ही अपनी पहचान नहीं बना रहा। बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में एक नए युग की ओर बढ़ रहा है। चन्द्रा ने बताया कि फाउंडेशन इस वर्ष दुबई में 6 व 7 मार्च को आयोजित होने वाले ग्लोबल टीचर्स प्राइड अवाॅर्ड में राजस्थान के 10 श्रेष्ठ शिक्षकों को भी अवार्ड प्रदान करेगा। इस मौके पर जेम्स इंटरनेशनल स्कूल के बच्चों ने गीत और नृत्य के रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए। मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस मौके पर राजे ने जयपुर फेस्टिवल ऑफ एजुकेशन का लोगो भी जारी किया। समारोह में सांसद दुष्यंत सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव उच्च शिक्षा राजहंस उपाध्याय, शिक्षा सचिव नरेश पाल गंगवार, सर्वशिक्षा आयुक्त जोगाराम और प्रारंभिक शिक्षा निदेशक पीसी किशन भी मौजूद रहे।

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