विश्वविद्यालय का बड़ा फैसला, ‘इनको’ नहीं देनी होगी एमपेट

www.khaskhabar.com | Published : सोमवार, 19 दिसम्बर 2016, 9:23 PM (IST)

जयपुर। राजस्थान विश्वविद्यालय में चालू सत्र तक के एमफिलधारी छात्रों और विवि शिक्षकों (वर्किंग) को पीएचडी के पूर्व प्रवेश परीक्षा(एमपेट) नहीं देनी होगी। ये निर्णय सोमवार को विवि में हुई एकेडमिक कौंसिल की विशेष बैठक में लिया गया है। प्रस्ताव को एक बार फिर अनुमोदन के लिए 21 दिसंबर को होने वाली सिंडीकेट की बैठक में रखा जाएगा। हालांकि ये नियम पूर्व में खुद विवि ने प्रस्तावित किया था, जिसे एकेडमिक कौंसिल में स्वीकृति भी हो गई, लेकिन बाद में मुद्दे पर छात्रों व फैकल्टी का विरोध दर्ज होने पर इसे फिर से पुर्नविचार की बात कहते हुए एकेडमिक कौंसिल के लिए लौटाया गया था। ऐसे में देखा जाए तो एकेडमिक बॉडी की ये विशेष बैठक में विवि ने अपने इस प्रस्ताव को वापस ले लिया है।
घटा टीचर्स का नो लिमिट कोटा,मिलेंगी सिर्फ दो-दो सीटें....
एकेडमिक कौंसिल की बैठक में एमपेट में छूट के अलावा इस पर भी सहमित दे दी है कि विवि की फैकल्टी अपनी निर्धारित शोध सीटों के अलावा दो-दो सीटें पर दो दो वर्किंग टीचर्स को भी पीएचडी करा सकेंगे। यानि पहले विवि टीचर्स के लिए शोध में जो नो लिमिट कोटा था जिसे अब लिमिट में करते हुए सिर्फ दो-दो सीटें ही मिल पाएंगी। उधर, प्रोफेसर को आठ सीटें,एसोसिएट प्रोफेसर के छह और असिस्टेंट प्रोफेसर के पास चार सीटें यथावत रहेगी। सिंडीकेट भी होगी विशेष, तय होगा कुलपति सर्च कमेटी नॉमिनी -उधर 21 को होने वाली सिंडीकेट की बैठक भी विशेष होगी। जिसमें सबसे महत्पूर्ण मुद्दा कुलपति सर्च कमेटी का नॉमिनी तय किया जाएगा। चूंकि विवि वर्तमान कुलपति जे पी सिंघल का कार्यकाल मार्च 2017 की शुरूआत में ही समाप्त हो जाएगा ऐसे मेें नॉमिनी का नाम तय होते ही विवि के नए कुलपति की सर्च की कवायद मेें तेजी लाने के लिए सिंडीकेट की बैठक की जा रही है। बैठक में नाम प्रस्तावित होगा जिसपर सभी सदस्यों की सहमति ली जाएगी और बहुमत से पास किए जाने वाले नाम पर मोहर लगा दी जाएगी। जिसके साथ ही शिक्षाविदों में शुरू होगी नए कुलपति बनने की दौड़। बताया जा रहा है करीब 10 मुद्दों पर चर्चा एजेंडे में शामिल किए गए हैं। जिनमें यही मुद्दा सबसे खास।

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