जयपुर। कैब सर्विसेज का झांसा देकर 5 करोड़ की ठगी का बिजनेस प्लान तैयार करने वाले बदमाशों को विद्याधर नगर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने इन बदमाशों के बिजनेस प्लान को चौपट करते हुए फर्जीवाड़े के सारे दस्तावेज जब्त कर तीनों शातिर ठगों को गिरफ्तार किया है। कैब सर्विस का झांसा देकर 500 से ज्यादा टैक्सी चालकों के साथ ठगी करने की योजना बनाने वाले तीन शातिर बदमाशों को विद्याधर नगर थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों ने 5 करोड़ रुपए ऐंठने का एक बिजनेस प्लान तैयार किया था, लेकिन पुलिस ने समय रहते आरोपियों को दबोच लिया और इस बिजनेस प्लान को चौपट कर दिया।
डीसीपी नोर्थ अंशुमन भौमिया ने बताया कि आरोपी कन्हैयालाल शर्मा, संदीप शर्मा, भूपेन्द्र सिंह, जयप्रकाश और महेन्द्र ने षडय़ंत्रपूर्वक बिजनेस प्लान तैयार किया और अपने नौकर विनोद कुमार के नाम से कैब सर्विस कंपनी रजिस्टर करवाई। बाद में लुभावने पोस्टर और पैपलेट छपवाए। साथ ही अखबारों में भी विज्ञापन दिए और टैक्सी चालकों को प्रति महीना 67 हजार रुपए देने का लालच दिया।
[@ ये कैसी जलन, चाची ने नवजात को अस्पताल की छत से फेंका]
दो माह मेें ऐंठे 20 लाख
कमाई का लालच देने के कारण सेन्ट्रल स्पाइन
स्थित ऑफिस में टैक्सी चालकों का तांता लग गया और इन शातिर बदमाशों ने
रजिस्ट्रेशन और कागजी कार्रवाई के नाम पर प्रत्येक से 4 हजार से लेकर
ग्यारह हजार रुपए तक वसूलने शुरू कर दिए। बीते दो महीनों में करीब 20 लाख
रुपए से ज्यादा की रकम ऐंठ ली। इन शातिर बदमाशों का बिजनेस प्लान देखकर
पुलिस हरकत में आई।
डमी टैक्सी चालक भेज कर पुलिस ने फांसा
पुलिस ने
भी कुछ टैक्सी चालकों को डमी प्रतिनिधि के रूप में भेजकर ततीश शुरू की।
जांच में सामने आया कि कुबेर कैब नाम की यह कपनी तो एक नौकर के नाम
रजिस्टर्ड है और रुपए ऐंठने वाले सभी व्यक्तियों के दस्तावेज फर्जी हैं।
फर्जी दस्तावेज व परिचय पत्र मिले
डीसीपी
अंशुमन भौमिया ने बताया कि गिरतार किए गए तीनों आरोपियों से फर्जी परिचय
पत्र मिले हैं। पोस्टर्स में दिए गए हेल्पलाइन नबर भी फर्जी थे, जिन टैक्सी
चालकों से रुपए लिए गए उसकी पूरी डिटेल आरोपियों के कब्जे से जब्त की गई
है। जांच में यह भी पता चला कि कुछ दिनों पहले इन्हीं बदमाशों ने गुवाहाटी
में इसी तरह की फर्जी कैब सर्विस कंपनी खोली और लोगों से लाखों रुपए ऐंठकर
गायब हो गए।
कई थानों में मामले दर्ज
पुलिस के मुताबिक इन तीनों
युवकों के खिलाफ टोंक, सवाई माधोपुर और जयपुर के कई थानों में धोखाधड़ी के
मुकदमें दर्ज हैं। पुलिस के मुताबिक, आरोपियों ने प्रतिष्ठित कैब सर्विस
प्रतादा कंपनी से मिलता-जुलता नाम रखकर लोगों को झांसे में लिया। आरोपियों
का प्लान करीब पांच हजार लोगों से पांच से छह करोड़ रुपए ऐंठने का था,
लेकिन पुलिस ने इनके प्लान पर पानी फेर दिया।