EPF पर ब्याज 8.8%से घटा 8.65%किया

www.khaskhabar.com | Published : सोमवार, 19 दिसम्बर 2016, 5:23 PM (IST)

नई दिल्ली। कर्मचारियों के लिए यह निश्चित तौर पर बुरी खबर है कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफ) ने 2016-17 के लिए भविष्य निधि जमा पर 8.65 प्रतिशत ब्याज दर तय की है। बेंगलुरू में सीबीटी की बैठक में ऎसा फैसला किया गया। पीएफ पर यह ब्याज दर पिछले साल 8.8 फीसदी थी।

याद रहे,ईपीएफओ के अंशधारकों की संख्या चार करोड से अधिक है और इस फैसले से ये सभी लोग प्रभावित होंगे। नौकरीपेशा लोगों के लिए ईपीएफ सेविंग का एक बडा जरिया है। हर महीने उसकी सैलरी का 12 फीसदी हिस्सा इस अकाउंट में चला जाता है। कर्मी के कंट्रीब्यूशन का एक हिस्सा एंप्लॉयी पेंशन स्कीम (ईपीएस) में भी जाता है।

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ईपीएफओ के निर्णय लेने वाले शीर्ष निकाय केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) है। इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस के उपाध्यक्ष अशोक सिंह ने बैठक के बाद न्यूज एजेंसी पीटीआई-भाषा से कहा, सीबीटी ने वर्तमान वित्त वर्ष में ब्याज दर को 8.65 प्रतिशत करने का निर्णय किया है जो 2015-16 में 8.8 प्रतिशत थी। भारतीय मजदूर संघ के महासचिव बृजेश उपाध्याय ने भी कहा कि 2016-17 के लिए भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर को 8.65 प्रतिशत रखने का निर्णय किया गया है।

सूत्रों के अनुसार,यदि 8.8 फीसदी की ब्याज दर दी जाती है तो करीब 383 करो़ड रूपये का नुकसान होगा लेकिन ईपीएफओ 2015-16 के दौरान 8.8 प्रतिशत ब्याज दर की वजह से सृजित 409 करोड रूपये के अधिशेष का इस्तेमाल करना चाहता था। वित्त मंत्रालय ने श्रम मंत्रालय से भविष्य निधि जमाओं पर ब्याज को सरकार की अन्य छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज के अनुसार करने को कहा है। गौरतलब है कि सितंबर में सरकार ने सार्वजनिक भविष्य निधि, किसान विकास पत्र, सुकन्या समृद्धि खाते पर ब्याज दरों को कम कर दिया था। श्रम मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी वित्त मंत्रालय को 8.8 प्रतिशत ब्याज दर को कायम रखने की कोशिश कर रहे थे।

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इससे पहले वित्त मंत्रालय ने इसी साल 2015-16 के लिए ईपीएफ पर ब्याज दर को घटाकर 8.7 प्रतिशत कर दिया था, जबकि श्रम मंत्री की अगुवाई वाली सीबीटी ने 8.8 प्रतिशत ब्याज की मंजूरी दी थी। ट्रेड यूनियनों के विरोध के बाद सरकार ने अपना फैसला वापस ले लिया था और अंशधारकों को 8.8 प्रतिशत ब्याज देने को सहमति दे दी थी।

बता दें, पीएफ के निष्क्रिय खातों में पडे धन पर अब ब्याज मिलेगा लेकिन यह ब्याज केवल उन्हीं खातों पर मिलेगा जो 36 महीने या इससे भी पुराने हैं। 2011 से लेकर अब तक पीएफ के निçष्Rय खातों पर ब्याज नहीं मिलता था। यदि 36 महीनों में किसी पीएफ खाते में कोई कंट्रीब्यूशन नहीं किया गया है तो उन्हें निष्क्रिय खातों की सूची में गिना जाता था इसलिए यदि कोई कर्मी नौकरी छोडने के बाद पीएफ अकाउंट में जमा पैसे 36 महीनों तक न तो निकासी करवाता था और न ही ट्रांसफर करवाता था तो उसका खाता निष्क्रिय मान लिया जाता था और इस पर कोई ब्याज नहीं मिलता था।

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