पिछोला झील में समा रहा सीवरेज का पानी

www.khaskhabar.com | Published : सोमवार, 19 दिसम्बर 2016, 4:49 PM (IST)

उदयपुर। सीवर पंपिंग में खराबी आने और खुली नालियों के कचरे से अट जाने के बाद शहर का सीवरेज पानी सीधे झील में जा रहा है। ना सिर्फ सीवरेज बल्कि शहर की नालियों का पानी भी पिछोला झील में समा रहा है। जो यहां आने वाले पर्यटकों पर सीधा प्रभाव डालेगी। बताया जा रहा है कि सफाई संधारण, इंफेक्शन और मेंटिनेंस का कार्य नहीं होने के चलते आज ये स्थिति बनी है और जन स्वास्थ्य एवं झील इको सिस्टम के साथ ये खिलवाड़ आपराधिक श्रेणी में भी आता है।
पिछोला झील में समा रहे सीवरेज और नालियों के पानी को लेकर शहरवासियों के साथ झील प्रेमियों ने भी आक्रोश जताया है। डॉ अनिल मेहता और तेजशंकर पालीवाल ने कहा कि स्टैंडबाय पम्प रखने के निर्णय के बावजूद पम्पों की व्यवस्था नहीं हुई और खराब पम्पों की मरम्मत में त्वरित कार्यवाही नहीं होने की देरी तथा मरम्मत में लगने वाले स्वाभाविक समय तक सीवर सड़को पर फैल कर झील में समाता रहता है। उन्होंने इसके लिए पेट्रोलिंग टीम को भी जिम्मेदार ठहराया।

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इससे पहले सोमवार को झील मित्र संस्थान, झील संरक्षण समिति और डॉ मोहन सिंह मेहता मेमोरियल ट्रस्ट के तत्वावधान में आयोजित श्रमदान में झील प्रेमियों ने नई पुलिया समीप घाट से भारी मात्रा में गंदगी निकाली। झील प्रेमियों और पार्षद गणपत सोनी के आग्रह पर गढ़िया देवरा मेनहोल पम्प की मरम्मत का कार्य भी प्रारम्भ हुआ है। श्रमदान में रामलाल गहलोत, मोहन सिंह, रमेश चंद्र राजपूत, अजय सोनी, दीपेश स्वर्णकार, जयदेव जोशी, पोलोमी सान्याल, जयेश कोठारी, पुरकैफ खान, मयंक कुमावत, पल्लब दत्ता, तेज शंकर पालीवाल, डॉ अनिल मेहता और नंदकिशोर शर्मा शामिल हुए।

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