तंबुओं में सर्द रातें काटने की मजबूरी, योजनाओं का नहीं मिला लाभ

www.khaskhabar.com | Published : सोमवार, 19 दिसम्बर 2016, 09:08 AM (IST)

झालावाड़। भले ही सरकार गरीब को स्थाई रूप से बसाने के लिए प्रयासरत हो, लेकिन सुनेल क्षेत्र में आर्थिक रूप से पिछड़े परिवारों के लिए संचालित योजनाएं कागजों में ही सिमटती जा रही हैं। ऐसे में इन परिवारों की उम्मीदों पर पानी फिरता जा रहा है। जानकारी के अनुसार सरकार की ओर से घुमंत, अद्र्धघुमतू इन गाडिय़ा लुहारों को सरकार की ओर से प्रधानमंत्री आवास योजना सहित कई योजनाओं की जानकारी नहीं होने से अभी तक एक भी परिवार लाभान्वित नही हो सका है। इसका प्रमुख कारण इन परिवारों के पास पहचान-पत्र, राशन कार्ड सहित अन्य रिकॉर्ड नहीं होना है। जबकि ये लोग आए दिन ग्राम पंचायत, पंचायत समिति में भटकते दिखाई देते है, लेकिन इन्हें नियमों के पेंच बता कर टरका दिया जाता है। कस्बे के पिड़ावा रोड़ पर डेरा डालकर जीवन यापन कर रहे गाडिय़ा लुहार पानबाई, सरदार, प्रहलाद, कालूलाल, माथु, शंकर, रामप्रसाद आदि ने बताया कि वे सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए कई बार ग्राम पंचायत, पंचायत समिति के चक्कर काट चुके है, लेकिन अभी तक राशन कार्ड पहचान पत्र सहित रिकॉर्ड नहीं बना है। जबकि आवेदन भी कर चुके हैं। विनोद, मुकेश आदि ने बताया कि वह मजदूरी करके पालन पोषण कर रहे हैं। जिन बच्चों की उम्र विद्यालय में पढऩे की है। वे बच्चे आर्थिक तंगी से जूझने से शिक्षा की मुख्य धारा से दूर होते जा रहे हैं। तम्बुओं मे लाइट नही होने से अंधेरे में रहना पड़ता है। बच्चे भी कुछ दिन विद्यालय जाकर पढ़ाई छोड़ देते है। ये बच्चे इधर-उधर मजदूरी करते दिखाई देते हैं। वही कुछ बच्चे तो भीख मंागते दिखाई देते हैं। इस बारे में पंचायत समिति सुनेल के विकास अधिकारी महेश चौधरी ने कहा कि गाडिय़ा लुहारों का सर्वे करने एंव इन्हें समाज की मुख्यधारा से जोडऩे के लिए सरकार की ओर से संचालित योजनाओं से लाभान्वित किए जाने के लिए प्रयास किया जाएगा।

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