नरक का दरवाजा, 42 सालों से लगातार जल रही है आग

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 26 नवम्बर 2014, 12:11 PM (IST)

हमारी पृथ्वी बहुत ही अजूबों से भरी हुई है। ऎसा ही एक अजूबा है "डोर टू हेल" या नरक का दरवाजा जो कि तुर्कमेनिस्तान के दरवेजे गाँव में स्तिथ है। दरवेजे एक पर्सियन शब्द है जिसका हिंदी में अर्थ होता है फाटक या दरवाजा। इस गाँव में एक 230 फीट चौडा क्रेटर या खढढ्ा है जिसमे कि 1971 से अब तक लगातार प्राकर्तिक रूप से आग जल रही है। इस क्रेटर के बनने कि कहानी भी बडी रोमांचक है।
"डोर टू हेल" कि कहानी:-
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जैसा कि हमने आपको बताया कि यह क्रेटर तुर्कमेनिस्तान के दरवेजे गाँव में स्तिथ है। तुर्कमेनिस्तान का 70 परसेंट एरिया डेजर्ट है। पूरा तुर्कमेनिस्तान पांच राज्यों में बटा है। इसका दूसरा सबसे बडा राज्य अहल वेलायत (Ahal Welayat)) है जो कि पूरा ही डेजर्ट एरिया है। यहां पर पुरे तुर्कमेनिस्तान कि केवल 14 परसेंट आबादी रहती है। पर यह डेजर्ट एरिया प्राकर्तिक संसाधनों (Natural Resources) से परिपूर्ण है। दरवेजे गाँव भी इसी डेजर्ट एरिया में स्तिथ है। 1971 में पूर्व सोवियत संघ के वैज्ञानिक इस डेजर्ट एरिया में आयल और गैस कि खोज करने के लिए आये उन्होंने दरवेजे गाँव के पास स्तिथ इस जगह को ड्रिलिंग के लिए चुना। उन्होंने यहां सेटअप लगाकर ड्रिलिंग शुरू करी। पर ड्रिलिंग शरू करने के कुछ देर बाद यह जगह ढह (Collapsed) गयी और यहां पर 230 फीट चौडा और 65 फीट गहरा क्रेटर बन गया। इस दुर्घटना में कोई जन हानि तो नहीं हुई पर इस क्रेटर से बहुत ज्यादा मात्रा में मीथेन गैस निकलने लगी। मीथेन गैस एक ग्रीनहाउस गैस है जिसका कि वातावरण और मानव दोनों पर प्रतिकूल असर होता है। इसलिए इस मीथेन गैस को बाहर निकलने से रोकना जरूरी था। इसके दो विकल्प थे या तो इस क्रेटर को बंद किया जाय या फिर इस मीथेन गैस को जला दिया जाए। पहला तरीका बेहद ही खर्चीला और समय लगने वाला था। इसलिए वैज्ञानिकों ने दूसरा तरीका अपनाया और इस क्रेटर में आग लगा दी। उनका सोचना था कि कुछ एक दिन में सारी मीथेन गैस जल जाएंगी और आग स्वत: ही बुझ जाएंगी। पर वैज्ञानिकों का यह अंदाजा गलत निकला तब कि लगी आग आज 42 साल बाद भी जल रही है इससे आप अंदाजा लगा सकते है कि उस जगह मीथेन का कितना विशाल भण्डार है।
बन चूका है टूरिस्ट स्पॉट:- "डोर टू हेल",

तुर्कमेनिस्तान का एक प्रमुख टूरिस्ट आकर्षण बन चूका है। इस जगह कि पूरी भव्यता रात के समय ही दिखती है जब कई किलोमीटर दूर से भी इस जगह के ऊपर सुनहरी आभा नजर आती है, दिन में सूरज कि रोशनी में यह दूर से एक आम क्रेटर ही नजर आता है।
हो चुकी है बंद करने कि घोषणा:-

सन 2010 में तुर्कमेनिस्तान के नेता Berdimuhamedow ने इस क्रेटर को बंद करने के आदेश दिए ताकि इस क्षेत्र में तेल और गैस का उत्खनन किया जा सके पर शायद वितीय समस्या के कारण इसे अब तक अमल में नहीं लाया जा सका है और "डोर टू हेल" लगातार जल रहा है।