नूंह। कृषि
विभाग के कर्मचारियों की मनमानी व लापरवाही से किसानों को सरकारी योजनाओं
का लाभ नहीं मिल पा रहा है। किसान कर्मचारी न मिलने के कारण कार्यालयों के
चक्कर काट कर बिना जानकारी के वापिस लौट रहे है। सरकारी योजना कृषि
कार्यालयों तक सिमट कर रह गई है। फिरोजपुर झिरका कृषि कार्यालय के अधीन 59
गांवों में कृषि संबंधित योजनाओं की जानकारी व लाभ पंहुचाने की जिम्मेदारी
है।
प्रदेश सरकार किसानों को बेहतर बनाने के लिए अनेक प्रकार की योजनाओं
को लागू करने के लिए दिन,रात एक किए हुए है,नूंह जिले में सबसे अधिक
अशिक्षित किसान है। यंहा के अधिकांश किसानों को अभी तक कृषि विभाग के मतलब
का पता नहीं है। विभाग के कर्मचारी चंद किसानों से मिलकर सरकारी डयूटी
पूरी कर योजनाओं को पलीता लगा रहें है। कर्मचारियों की लापरवाही के कारण
सरसों का मिक्चर व भूमि की जांच करने वाला लाखों रूपयें के संयंत्र झिरका
कार्यालय में बेकार पड़े हुए है। झिरका कृषि कार्यालय में
शुक्रवार को बिना कर्मचारियों के खाली पड़ा रहने सेंकड़ो किसान बिना जानकारी
के वापिस लौट गए। वापिस लौट रहे किसान जावेद,नसरू,खालीद,फातिमा,सतीश,फकरू,वाजिद
आदि ने बताया कि कार्यालय में कर्मचारी कम ही मिल पाते है। उन्होंने
बताया कि विभाग के कर्मचारियों की मनमानी व लापरवाही के कारण सरकार की
योजना किसानों तक नहीं पंहुच पा रही है। झिरका उपमंडल में सबसे ज्यादा
किसानों को कृषि योजनाओं की आवश्यकता होती है। क्योंकि इस क्षैत्र में
जमीनी पानी मीठा व कृषि योग्य है।
किसान सरकारी योजनाओं का लाभ उठा कर
कम कीमत पर ज्यादा लाभ की फसल पैदा कर सकते है। किसानों ने बताया कि
विभाग के कर्मचारी हर योजना के नाम पर गांव के चंद किसानों से बात कर कागजी
कार्यवाई पूरी कर रहे है। किसानों का मानना है। कि कृषि विभाग के अधिकारी
कर्मचारी मेवात के किसानों को सही समय पर सरकारी योजनाओं की जानकारी दें।
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