मैंने रोका था NCP-BJP गठबंधन:उद्धव

www.khaskhabar.com | Published : शनिवार, 04 अक्टूबर 2014, 3:18 PM (IST)

नई दिल्ली। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने खुलासा किया है कि अगर मैंने नहीं रोका होता तो लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा और राकांपा हाथ मिला लिये होते। उद्धव ने यह खुसासा एबीपी न्यूज के खास कार्यम घोषणापत्र के दौरान किया। उन्हौंने कहा, मैं बाला साहेब की विरासत, शिवसेना की विरासत आगे ले रहा हूं. मैं किसी को चुनौती तो नहीं दूंगा लेकिन चुनौती स्वीकार करना मेरी विरासत है। उद्धव ठाकरे के सामने भाजपा से अलग होने के बाद शिवसेना को अकेले दम पर महाराष्ट्र चुनाव में विजय दिलाने की सबसे बडी राजनीतिक चुनौती है। कार्यक्रम के दौरान उनसे पूछा गया था कि क्या नतीजों के बाद भाजपा से हाथ मिलाएंगे! उन्होंने कहा कि पहले उन लोगों को यह उत्तर देना होगा कि शिवसेना के साथ गठबंधन क्यों तोडा! आज आप कह रहे हैं कि हम साथ आ सकते हैं तो पहले यह बताइए कि आपने गठबंधन तोडा ही क्यों! उद्धव ने इस आरोप को खारिज किया कि मुख्यमंत्री पद के लालच में गठबंधन तोडा।

 उन्होंने कहा, यह बिल्कुल गलत है। 25 साल से भाजपा से हमारा रिश्ता था। ऎसा नहीं है कि पहले तनाव नहीं था। लेकिन पहले प्रमोद जी और नेताओं को पता था कि कहां तक खिंचना है, पर इस बार कुछ बात अलग थी। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह जब मातोश्री आए तो हमसे कहा कि यह मसला है और आपके साथ आगे अब ओम माथुर जी बात करेंगे। इसके बाद ओम माथुर हर बार कहते थे दिल्ली से यह निर्देश है। पहली बार ऎसा हुआ। हर बार महाराष्ट्र में फैसला होता था और दिल्ली सूचना दी जाती थी। अबकी बार अलग हुआ। वे हर बार कहते थे कि हमने सर्वे कराया है, आप इन सीटों पर जीतते नहीं हैं इसलिए हमें दे दो। ऎसा थोडे ही होता है। कोई भी बेवकूफ नहीं है कि अपनी पार्टी को खत्म करे।

शिवसेना सुप्रीमो ने कहा, मैं मुख्यमंत्री बनूं या मेरी पार्टी का, मुख्यमंत्री कौन नहीं चाहेगा! शिवसैनिकों ने भी भाजपा सांसदों के लिए काम किया है। मोदी के लिए मेरे पिताजी बाला साहेब हमेशा साथ रहे। जब मोदी को सभी हटा रहे थे तब भी हमारे पिता जी मोदी के साथ थे। एक दो बार छोड दें तो हर वक्त हम महाराष्ट्र से अधिक सीटें लाए थे। उद्धव ठाकरे ने कहा, यह बात सच है कि लोकसभा चुनाव में भाजपा में चर्चा थी कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) को गठबंधन में शामिल करना चाहते थे। फिर गोपीनाथ जी और हम लोगों ने इसका विरोध किया तब जाकर शरद पवार से गठबंधन नहीं हुआ। शिवसेना अध्यक्ष ने कहा कि नरेंद्र भाई से उनका कोई विवाद नहीं है। लोकसभा चुनाव में लहर नहीं है, ऎसा मैंने कभी नहीं कहा है, लेकिन विधानसभा चुनाव में अलग बात है।

 ऎसा कौन सी खास बात अखिलेश यादव, उत्तराखंड और लालू - नीतीश कुमार ने विधानसभा चुनाव के दौरान कर दिया कि विधानसभा में विजयी हुए। महाराष्ट्र में एक भावना यह है कि महाराष्ट्र के साथ उन लोगों ने धोखा दिया है। एक बात तो तय है कि महाराष्ट्र को भाजपा तोडना चाहती है। इनको पता है कि शिवसेना साथ रहेगी तो ऎसा नहीं होने देगी। एक बार 2012 में जून-जुलाई के दौरान बाला साहेब ने मुझ से कहा, सुषमा स्वराज कहां हैं। मैंने सुषमाजी को फोन पर बताया कि आपसे बाला साहेब मिलना चाहते हैं। इसके बाद वह मेरे यहां आईं। बाला साहेब ने सुषमा को आशीर्वाद दिया कि तुम प्रधानमंत्री बनोगी। इस पर वह भी चौंक गईं। यह मेरे सामने की घटना है।