महाराष्ट्र: सभी छोटे दल भाजपा के साथ, पर राकांपा नहीं साथ!

www.khaskhabar.com | Published : शुक्रवार, 26 सितम्बर 2014, 1:20 PM (IST)

मुंबई। महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना का 25 साल पुराना गठबंधन टूटने के बाद से यह सवाल उठ रहा था कि महायुति की छोटी पार्टियां किसके साथ जाएंगी- शिवसेना या भाजपा! एक न्यूज चैनल के दावे के मुताबिक, ये दल चुनाव में भाजपा के साथ जा सकती हैं। सूत्रों ने बताया कि इन पार्टियों को भाजपा के साथ गठबंधन करना ज्यादा फायदेमंद लग रहा है. इसका ऎलान जल्द हो सकता है।

इस बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने दावा किया है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) भाजपा के साथ गठबंधन कर सकती है, मगर महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष ने साफ कह दिया है कि वे राकांपा को गठबंधन में नहीं लेंगे। राकांपा के कांग्रेस के साथ गठबंधन तोडने के ऎलान के कुछ देर बाद ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि भाजपा-शिवसेना गठबंधन टूटने के कुछ देर बाद ही राकांपा ने भी अपना फैसला सुनाया, यह बेहद ही रोचक है। गठबंधन टूटने की मुख्य वजह अजित पवार के मुख्यमंत्री बनने की चाहत और केंद्र की सत्ता में भाजपा के साथ साझेदारी है। 15 साल में यह पहली बार हुआ है, जब राकांपा ने 30 महीने के लिए अपनी पार्टी के लिए मुख्यमंत्री पद मांगा, वह भी आखिरी मौके पर। हालांकि भाजपा ने कांग्रेस के इन दावों को खारिज कर दिया।

महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि ऎसा नहीं होने वाला। भाजपा किसी भी कीमत पर शरद पवार की पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेगी। इस बीच, कांग्रेस उत्तर प्रदेश विधानसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी के अच्छे प्रदर्शन को भुनाने में जुट गई है। पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा, हम समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन करने वाले हैं। हमने सारे फैसले महाराष्ट्र के हित में लिए, ना कि गठबंधन के साथियों के हित में। वहीं, सपा नेता अबु आजमी ने कहा कि पूरे देश की सेकुलर ताकतों को साथ आना होगा ताकि भाजपा को रोका जा सके।

बता दें कि 22 दिनों की मैराथन बैठकों और भारी उठापटक के बाद आखिरकार भाजपा और शिवसेना का 25 साल पुराना गठबंधन टूट गया। रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई), राष्ट्रीय समाज पक्ष और स्वाभिमानी शेतकारी संगठन जैसी छोटी पार्टियां भी इस गठबंधन की हिस्सेदार थीं।