उद्धव का भाजपा पर निशाना, कहा- उड ही गए पितृपक्ष के कौवे

www.khaskhabar.com | Published : शुक्रवार, 26 सितम्बर 2014, 09:24 AM (IST)

मुंबई। शिवसेना ने अपनी पूर्व सहयोगी भाजपा पर हमला तीखी हमला करते हुए 25 साल पुराना गठबंधन तोडने वालों को महाराष्ट्र का शत्रु करार दिया है। शिवसेना ने शनिवार को कहा कि हमारे अन्य (महायुति) गठबंधन सहयोगी चाहते थे कि शिवसेना-भाजपा गठबंधन कायम रहे। इससे बडी बात यह भी थी कि महाराष्ट्र के 11 करोड लोग क्या चाहते हैं, जिन लोगों ने इन भावनाओं को आहत किया, वे महाराष्ट्र के शत्रु हैं।
दोस्ती टूटने पर उद्धव ठाकरे ने शिवसेना के मुखपत्र सामना में संपादीकय लिखा है, यह (गठबंधन को तोडना) संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलनु के 105 मराठी शहीदों का अपमान है। शिवसेना प्रमुख ने लिखा है, पिछले 25 सालों में हिंदुत्व की विचारधारा से मजबूती से बंधी शिवसेना-भाजपा का गठबंधन दुर्भाग्य से टूट गया। हमने इसके बने रहने के लिए अंतिम क्षण तक ईमानदारी और महाराष्ट्र की जनता के हित में पूरी कोशिश की।
लेकिन दुर्भाग्य से ये बरकरार नहीं रह सकी। अब आगे क्या होगा वह देखा जाएगा। जो भी मां तुलजा भवानी की इच्छा होगी वही होगा। केवल एक इच्छा है कि इस पूरी राजनीति में महाराष्ट्र के भविष्य का गणित न बिगडे। उद्धव ने लिखा कि अगर महाराष्ट्र धराशायी हुआ तो इतिहास माफ नहीं करेगा। आज हर राजनीतिक दल में गुट, जाति के सेनापति का उदय हो चुका है। ऎसे असंख्य सेनापति विधानसभा समर में उतरकर एक दूसरे पर तलवार चला रहे हैं। कल तक जो इस तंबू में आरती करते थे वे दूसरे क्षण दूसरे तंबू में जाकर नमाज पढ रहे हैं। इससे विश्वास हो जता है कि विचार, निष्ठा या शब्दों का कोई मोल नहीं रह गया है।
संपादकीय में कहा गया है कि कांग्रेस और उसके नेताओं को एकीकृत मुंबई और महाराष्ट्र की चिंता नहीं करनी चाहिए, क्योंकि शिवसेना और उसका केसरिया ध्वज महाराष्ट्र की रक्षा करेगा। उद्धव ने भाजपा पर निशाना साधते हुए लिखा है कि पितृ पक्ष खत्म हो चुका है लेकिन पितरों के राजनीतिक वारिस मात्र सीटों के बंटवारे का पिंडदान करने के लिए तैयार नहीं थे। आखिर में पितृपक्ष के कौवे उड ही गए।
संपादकीय में आगे कहा गया है, जल्दी ही यह वास्तविकता उजागह हो जाएगी कि जो (भाजपा) छोडकर गए वे पितृपक्ष के काग (कौवे) हैं, जो बने रहे वे मावले (छत्रपति शिवाजी के सैनिकों के लिए प्रयोग किया जाने वाला शब्द) हैं। शिवसेना-भाजपा की युति बनी रहे, ऎसा मित्र दलों और महाराष्ट्र की 11 करोड जनता को लगता था। इस भावना को तोडने वालों को महाराष्ट्र का दुश्मन ही कहा जाएगा। शिवसेना सूत्रों ने बताया कि पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे रविवार को मुंबई में एक सार्वजनिक रैली में अपने विचार रखेंगे। उद्धव ने गठबंधन टूटने पर अब तक कोई सीधी प्रतिक्रिया नहीं दी है।