पाक जेल से भारतीय की ये चिट्ठी पढ़कर आंसू नहीं थमेंगे

www.khaskhabar.com | Published : शुक्रवार, 16 दिसम्बर 2016, 4:55 PM (IST)

कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर नगर के घाटमपुर तहसील के गांव मोहम्मदपुर में पाकिस्तान की जेल से भारतीय कैदी का पांचवा खत आया है। जिसको पढ़कर सभी आंखें नम हो गई।
प्राप्त जानकारी के मुबताकि मोहम्मदपुर गांव के तीन युवकों संजय कुरील, रविशंकर गौड़ और जयचंद्र गौड़ 15 अक्तूबर 2015 को पाक सैनिकों के हत्थे चढ़े थे। तभी से पाकिस्तान की मलीर लांदी जेल में बंद हैं। गुरुवार को युवकों का पत्र उनके घर पहुंचा। युवक संजय के पिता पूर्व प्रधान रामप्रताप कुरील ने पत्र दिखाया। युवकों ने नए वर्ष में रिहाई होने की उम्मीद जताई है। [@ फ्लिपकार्ट कंपनी को लगाया पचास लाख का फटका]

लिखा है कि यदि विदेश मंत्रालय से फैक्स पहुंच जाता है तो उनकी रिहाई हो सकती है। संजय कुरील ने पत्र में लिखा है कि जिस जेल में वह बंद है उसमें 525 मछुआरे बंद हैं। 21 नवंबर को पाक सैनिक 43 और भारतीयों को लाए थे। सजंय की 5 वीं चिट्ठी आई जिसमें उसने अपना दर्द छिपाते हुए लिखा कि माँ और बाबू जी मैं यहां पर ठीक हूँ आप सब कैसे है और मेरा बेटा वो कैसा है आस पड़ोस के लोगों का भी हाल संजय ने पूछते हुए कहा कि मैं बहुत मजबूर हूँ लेकिन क्या कर सकता हूँ।

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शायद आने वाला नया साल अपने भारत में ही हो और होली का त्यौहार में घर पर ही मनाऊं। संजय ने खत में लिखा है कि माँ यहां पर सब सही है। मैं अब यहां का मुंशी बन गया हूँ रवि और जयचन्द भी सही है बस सब अपने वतन लौटने का इंतजार कर रहे है।यहां पर आने वाले अधिकरियों से रिहाई के बारे में पूछने पर वो यही कहते है कि भारत से फैक्स आने पर हम तुम लोगों को आजाद कर देंगे। अभी तक यहां पर 525 भारतीय मछुआरे कैद है अगर 100 लोग भी छोड़े गए तो माँ उन 100 लोगों में हमारा नम्बर भी होगा। अगर बार्डर में शांति होती तो हम शायद घर पर होते।

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