तनातनी: जीतने की क्षमता पर हो सीटों का बंटवारा:बीजेपी

www.khaskhabar.com | Published : शुक्रवार, 19 सितम्बर 2014, 09:13 AM (IST)

मुंबई। महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना का गठबंधन टूटने के कगार पहुंच चुका है। बीते कुछ दिनों से दोनों पार्टियों के बीच सीट बंटवारे को लेकर चल रही तनातनी के बीच शुक्रवार को हुई कोर कमेटी की बैठक के बाद भाजपा ने कहा कि हम चाहते हैं कि शिवसेना के साथ गठबंधन बरकरार रहे, लेकिन सीटों का बंटवारा जीतने की क्षमता के आधार पर होना चाहिए। पार्टी ने शिवसेना के 119 सीटें के प्रस्ताव के सिरे से खारिज कर दिया है। पार्टी ने कहा कि हम अपना प्रस्ताव सीधे शिवसेना प्रमुख को देंगे। भाजपा ने आज अपरान यहां प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर कहा कि उद्धव ठाकरे से हम सकारात्मक जवाब की उम्मीद कर रहे हैं। भाजपा ने आज साफ कर दिया कि वह सम्मान के साथ ही गठबंधन में रहेगी। उसने कहा कि 59 सीटें ऎसी हैं जिन पर शिवसेना कभी जीत हासिल नहीं कर पाई। पार्टी ऎसी सीटों पर हिस्सेदारी चाहती है। इसी के साथ भाजपा गेंद शिवसेना के पाले में डालने जा रही है। देखना यह है कि शिवसेना भाजपा का नया प्रस्ताव स्वीकार करती है या नहीं।

वहीं, शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि महाराष्ट्र के स्वाभिमान के साथ कोई समझौता नहीं करेंगे। हम चाहते हैं कि भाजपा-शिवसेना गठबंधन बना रहे। हम महाराष्ट्र को कांग्रेस मुक्त बनाना चाहते हैं। शिवसेना भाजपा का अलग होना आसान नहीं है। राउत ने कहा कि हम चाहते हैं कि कांग्रेसमुक्त सरकार बने और शिवसेना का मुख्यमंत्री बने। गठबंधन पर अभी कुछ नहीं बोलेंगे। हमारा दिल बडा है, हम सभी की बात करते हैं। हालांकि भाजपा गठबंधन तोडने के मूड में नहीं है। भाजपा 20 और 21 सितंबर को महाराष्ट्र विधानसभा के लिए अपने उम्मीदवारों का ऎलान कर सकती है। भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की 20 और 21 सितंबर को दिल्ली में बैठक होनी है। इससे पहले खबरें आई थीं कि सीटों के बंटवारे को लेकर भाजपा ने शिवसेना को 12 घंटे की डेडलाइन दी है। जिस पर शिवसेना भी दबाव में न आने का संकेत देते हुए कह रही है कि वह ऎसी किसी डेडलाइन को नहीं मानती। वहीं भाजपा सूत्र यह भी कह रहे थे कि हमने कोई अल्टीमेटम दिया ही नहीं। भाजपा और शिवसेना के बीच पिछले काफी समय से तकरार चल रही है। गुरूवार को भी भाजपा और शिवसेना के नेता देर रात तक अलग-अलग सीट बंटवारे पर मंधन करते रहे।

गुरूवार को भाजपा ने शिवसेना को 12 घंटे का अल्टीमेटम दिया था। जिसके बाद शिवसेना ने भाजपा का अल्टीमेटम ठुकरा दिया था। पार्टी ने गठबंधन का फैसला उद्धव ठाकरे पर छोडा है। गौरतलब है कि महाराष्ट्र की 288 सीटें हैं और पिछले चुनाव में भाजपा 119 और शिवसेना 169 सीटों पर लडी थी। लेकिन लोकसभा में जीत के बाद भाजपा उत्साहित है और ज्यादा सीटों की मांग कर रही है, लेकिन शिवसेना का कहना है कि उसे 150 सीटों से कम पर समझौता मंजूर नहीं है। शिवसेना का मांग यह भी है कि राज्य का अगला मुख्यमंत्री भी उनकी पार्टी का होना चाहिए। दूसरी तरफ भाजपा चाहती है कि महाराष्ट्र की 288 सीटों में दोनों पार्टियां 135-135 पर लडे। बाकी सीटें गठबंधन की अन्य छोटी पार्टियों को दी जाएं।