राज्य वित्त आयोग के चेयरमैन ने निगम का दौरा किया, वित्तीय जानकारी ली

www.khaskhabar.com | Published : शुक्रवार, 16 दिसम्बर 2016, 3:05 PM (IST)

गुरूग्राम । राज्य वित्त आयोग हरियाणा के चेयरमैन मुकुल जी. असहर ने आयोग के सदस्यों के साथ आज नगर निगम गुडग़ांव पहुंचकर निगम की वित्तीय स्थिति तथा कार्यों के बारे में अधिकारियों के साथ बैठक कर जानकारी ली।आयोग के चेयरमैन असहर ने कहा कि हरियाणा सरकार के निर्देश पर राज्य वित्त आयोग प्रदेश के विभिन्न शहरों में जाकर वहां के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक करके उनसे फीडबैक लेकर डाटा तैयार कर रहा है, ताकि आने वाले समय में जिस मद में फंड की आवश्यकता हो, उसी हिसाब से ग्रांट जारी हो।

मौजूदा वित्त आयोग अपने कार्यालयों में बैठकर डाटा तैयार नहीं कर रहा, बल्कि विभिन्न शहरों में जाकर स्थानीय प्रशासन से फीडबैक लेकर डाटा ले रहा है। इससे वास्तविक स्थिति की जानकारी प्राप्त हो रही है। उन्होंने कहा कि स्थानीय अधिकारियों को पता होता है कि उनके यहां की आवश्यकताएं क्या हैं और किस मद में ग्रांट की जरूरत है।
नगर निगम आयुक्त टी एल सत्यप्रकाश ने एक प्रैजेंटेशन के माध्यम से आयोग की टीम को जानकारी देते हुए बताया कि 500 फॉर्चून कंपनियों में से 250 कंपनियां गुरूग्राम में हैं। नगर निगम के बारे में उन्होंने बताया कि नागरिकों की शिकायतों का समाधान करने के लिए नगर निगम द्वारा ग्रीवैंस रिडर्सल सिस्टम बनाया गया है, जिसमें मोबाइल एप, वैब-पोर्टल तथा कॉल सैंटर शामिल हैं।

इनके माध्यम से मिली शिकायतों का समाधान जल्द से जल्द किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मौजूदा समय में स्वच्छ मैप मोबाइल एप का इस्तेमाल नागरिकों द्वारा काफी किया जा रहा है तथा इस पर प्राप्त होने वाली शिकायतों के निपटारे के लिए अधिकारियों की जवाबदेही बढ़ी है। उन्होंने बताया कि प्रोपर्टी टैक्स के लिए प्रति वर्ष 200 करोड़ रूपए का लक्ष्य रखा जाता है। इस वर्ष अभी तक लगभग 50 प्रतिशत प्रोपर्टी टैक्स प्राप्त हो चुका है। उन्होंने बताया कि प्रोपर्टी टैक्स में रिबेट का इंतजार करने के कारण अधिकतर प्रोपर्टी मालिक जनवरी से मार्च तक प्रोपर्टी टैक्स जमा करते हैं। इस पर आयोग के चेयरमैन ने सुझाव दिया कि प्रोपर्टी टैक्स के मामले में कमर्शियल प्रोपर्टी पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है।[@ ग्राम्य देव ने की राजनीति में भारी उथल पुथल की भविष्यवाणी]

नगर निगम निजी आय पर अधिक ध्यान दे। उन्होंने गुरूग्राम में पार्किंग सुविधाएं बढ़ाने का सुझाव भी दिया, ताकि नगर निगम की आय में और अधिक वृद्धि हो सके। निगमायुक्त ने बताया कि प्रोपर्टी टैक्स के अलावा स्टाम्प ड्यूटी से प्राप्त राशि भी नगर निगम की आय का बड़ा साधन है। साथ ही विकास शुल्क, इलैक्ट्रिसिटी शुल्क, विभिन्न बैंकों में जमा एफडी आदि के बारे में भी उन्होंने जानकारी दी।

स्टाफ के बारे में उन्होंने बताया कि नगर निगम में अधिकतर स्टाफ आऊटसोर्स और डेपुटेशन आधार पर कार्यरत है। सॉलिड वेस्ट मैनेजमैंट के बारे में उन्होंने बताया कि बंधवाड़ी प्लांट में फिलहाल लिचट मैनेजमैंट का कार्य हो रहा है। उन्होंने बताया कि नगर निगम द्वारा दो स्थानों पर डि-सैंट्रलाईज्ड प्लांट लगाए गए हैं, जिनके सफल होने के बाद अन्य वार्डों में भी लगाने की योजना है। इसके साथ ही कुछ निजी सोसायटियां भी अपने स्तर पर कचरे का निस्तारण कर रही हैं।

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अपने स्तर पर कचरे का निस्तारण करने के लिए सोसायटियों को प्रोपर्टी टैक्स में रिबेट या ग्रांट देने बारे प्रस्ताव मुख्यालय को भेजा गया है। उन्होंने बताया कि नागरिकों को सैग्रीगेशन एट सोर्स के बारे में जागरूक किया जा रहा है।

पॉलिथीन बैन के बारे में उन्होंने बताया कि इसके लिए पॉलीथीन विक्रेताओं पर छापे मारे गए हैं तथा जिला जेल से कपड़े के एक लाख थैले तैयार करवाकर नागरिकों को उपलब्ध करवाए गए हैं। उन्होंने बताया कि अगले तीन माह में 10 लाख कपड़े के थैले उपलब्ध करवाने का लक्ष्य रखा गया है, ताकि लोग पॉलीथीन का इस्तेमाल ना करें।

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