राज्यपाल का प्रदेश में रक्षा अकादमियों की आवश्यकता पर बल

www.khaskhabar.com | Published : शुक्रवार, 16 दिसम्बर 2016, 10:29 AM (IST)

शिमला। राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने हिमाचल में रक्षा आकदमियों खोलने पर बल दिया जिससे राज्य के युवाओं को रक्षा बलों में भर्ती के लिए सेवा चयन बोर्ड की परीक्षा उतीर्ण करने में मदद मिल सके। उन्होंने कहा कि इन अकादमियों से अभ्यर्थियों को रक्षा बलों के प्रति रूचि पैदा होगी और इससे इन बलों में अधिकारियों की कमी दूरी होगी साथ ही प्रदेश के युवाओ को रोजगार के अवसर भी मिलेंगें। राज्यपाल आज यहां राज्य सैनिक कल्याण बोर्ड की 25वीं बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य के युवा यहां की कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के कारण देश की सीमाओं की रक्षा के लिए प्राकृतिक रूप से सक्षम हैं।
उन्होंने कहा कि इन युवाओं को कठिन परिस्थितियों में रहने के कारण ऐसे परिदृश्य में सेवा प्रदान करने का अधिक अनुभव है और उन्हें रक्षा सेवाओं में और अधिक अवसर प्रदान किये जाने चाहिए। उन्होंने भूतपूर्व सैनिकों के पुर्नरोजगार के अधिक अवसर प्रदान करने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि उनके पुनर्वास के लिए के कारगर कदम उठाए जाने चाहिए। सैनिक बोर्ड की बैठक का आयोजन आज यहां राजभवन में किया गया। इस अवसर पर अपने सम्बोधन में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि वर्तमान सरकार पूर्व सैनिकों तथा सेवारत सैनिकों के कल्याण के प्रति कृतसंकल्प है। उन्होंने कहा कि जिन पूर्व सैनिकों को किसी भी प्रकार की पैंशन नहीं मिल रही है उन सैनिकों को पैंशन देने के उददेश्य से यह मामला बजट स्पीच में लाया जाएगा ताकि उन्हें भी नियमित पैंशन की सुविधा प्राप्त हो सके।
मुख्यमंत्री ने बैठक में स्वीकृति दी कि युद्ध विधवाओं की सुपुवित्रयों के विवाह के लिए दी जाने वाली सहायता को 15 हजार से बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दिया जाए। उन्होंने सैनिक कल्याण विभाग में रिक्त पड़े पदों को भी भरने की स्वीकृति दीए जिन पर पूर्व सैनिकों की तैनाती की जाती है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में मिलिटरी स्टेशन स्थापित करने के लिए भूमि का चयन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सोलन में 1.60 करोड़ रुपये की लागत से सैनिक विश्रामगृह का पुननिर्माण भी किया जाएगाए जिसमें पार्किंग का प्रावधान भी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सैनिक विश्राम गृहों की मरम्मत तथा निर्माण के लिए 2.50 करोड़ जारी किए गए हैं। पूर्व सैनिकों को उनके कल्याण से सम्बन्धित जानकारी उपलब्ध करवाने के लिए टॉल फ्री नम्बर लगाने की भी स्वीकृति प्रदान की।
प्रदेश के पूर्व सैनिकों के बच्चों को सेना में एसएसबी की कोचिंग के लिए प्रोत्साहन राशि को 6 हजार रुपये कर दिया गया है। पूर्व सैनिकों तथा उनके बच्चों के पुनर्वास के लिए विशेष निधि से छात्रवृतियों के लिए आय सीमा को एक लाख रुपये से बढ़ाकर तीन लाख रुपये कर दिया गया हैए ताकि ज्यादा बच्चों को इसका लाभ मिल सके।
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