लक्ष्मीकांत: पुजारी से लेकर मंत्री तक का सफर

www.khaskhabar.com | Published : मंगलवार, 17 जून 2014, 9:41 PM (IST)

भोपाल। पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा की जांच कर रही स्पेशल टास्क फोर्स के पास मौजूद सबूतों में पता चला है कि शर्मा ने 40 से अधिक सिफारिशें की थीं। इसमें संघ से जुडे लोगों के अलावा उनके विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्ताओं के नाम भी शामिल हैं। इसमें से चार कार्यकर्ताओं को वे पिछली पूछताछ में पहचान चुके थे। एसटीएफ ने पूर्व मंत्री की सिफारिश से पास हुए सिरोंज निवासी तीन लोगों को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था।

पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा पहले पुजारी थे। इसके बाद वे सरस्वती स्कूल में शिक्षक बने। चार सौ रूपए की तनख्वाह पाने वाले शर्मा की राजनीतिक इच्छा शक्ति जागी। उन्होंने इसके लिए स्कूल के माध्यम से संघ का रास्ता चुना। 1993 में सिरोंज से विधायक चुने गए। ओपी शुक्ला को शर्मा ही डेपुटेशन पर लेकर आए थे। इसके साथ ही उन्होंने पंकज त्रिवेदी का व्यापमं में पदस्थापना कराई। इन तैनाती को लेकर शर्मा पर आरोप लगे हैं। शर्मा पिछले वष्ाü विधानसभा चुनाव हार गए। इसके बाद वे सागर से लोकसभा का टिकट मांग रहे थे।

एक वक्त में सीएम की दौड में रहे लक्ष्मीकांत शर्मा आज सलाखों के पीछे पहुंच गए हैं। एसटीएफ जब उनके बंगले पर पहुंची थी तब वे पूजा करने जा रहे थे। गिरफ्तारी के बाद लक्ष्मीकांत शर्मा ने पूजा के लिए किताबें मांगी थी। यह किताबें उनके राजनीतिक मित्र श्यामसुंदर शर्मा ने एसटीएफ थाने में उन तक पहुंचाई। एसटीएफ जब पहुंची तो घर पर लक्ष्मीकांत शर्मा की पत्नी और बूढी मां घर पर थी। मां का कुछ दिन पहले दिल्ली में पेट का ऑपरेशन कराया है।

पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा पर दूसरी परीक्षाओं में सिफारिश करने के आरोप लगे हैं। बताया जाता है कि उनका नाम नाप-तौल और पीएमटी परीक्षा में सिफारिश करने में भी है। नाप-तौल परीक्षा के एक अभ्यर्थी मिहिर की सिफारिश संघ नेता ने की थी। इसका खुलासा पूर्व मंत्री के ओएसडी रहे ओपी शुक्ला ने किया था। इस महाघोटाले में संघ के एक बडे पदाधिकारी का भी नाम सामने आ रहा है। हालांकि एसटीएफ इस बात से इनकार कर रही है।