जोधपुर के गांवों में शुरू हुई पेट्रोलियम की खोज, 32 साल पहले हुआ था सर्वे

www.khaskhabar.com | Published : मंगलवार, 13 दिसम्बर 2016, 09:05 AM (IST)

जोधपुर। बाड़मेर के बाद अब जोधपुर में भी पेट्रोलियम पदार्थ मिलने की संभावना है। ऑयल एंड नैचुरल गैस कंपनी द्वारा जिले के लगभग एक हजार गांवों में पेट्रोलियम पदार्थ जैसे पेट्रोल, डीजल, गैस व कोयले का सर्वे करवाया जा रहा है। फिलहाल यह सर्वे बालेसर पंचायत समिति के गांवों में चल रहा है। फिर शेरगढ़, फलौदी व रामदेवरा के साथ जैसलमेर, नागौर, पाली से जुड़ती जोधपुर जिले की सीमाओं पर भी होगा। 1984 में ओएनजीसी ने सैटेलाइट सर्वे किया था जिसमें बाड़मेर के साथ ही जोधपुर जिले की जमीन के नीचे पेट्रोलियम पदार्थ होने की संभावना सामने आई थी। उसी के तहत यह सर्वे विदेशी वाइब्रो मशीनों से अल्फा जिओ कंपनी के सहयोग से करवाया जा रहा है। ओएनजीसी के पीआरओ जगदीश विश्नोई ने बताया कि सर्वे के लिए बालेसर ग्राम पंचायत के 20 गांव चयनित हैं। इनमें बावरली, बासनी मनणा, उटांबर, कानासर, गोपालसर, झिनझिनयाला, बस्तवा आदि शामिल हैं। रविवार को कानासर सहित एक-दो अन्य गांव में सर्वे किया गया। सोमवार को तकनीकी खराबी के कारण सर्वे नहीं हो सका। मंगलवार को काम फिर से शुरू होगा। सर्वे के लिए खेतों में चार मशीनें लगाई जाती है। इनके माध्यम से जमीन के अंदर उपकरण डाले जाते हैं। जब उपकरण चलते हैं तो ऐसा कंपन पैदा होता है, जो आठ किलोमीटर दूर तक सुनाई दे जाता है। जांच के बाद इन मशीनों से एक स्लिप निकलती है जिसे एक माह तक एकत्रित करने के बाद टेस्टिंग के लिए बाहर भेजा जाएगा। लैब में जांच के बाद जमीन में पेट्रोलियम पदार्थों होने या न होने का पता चलता है। सर्वे में यह भी सामने आ जाएगा कि जमीन के नीचे कितना पेट्रोलियम भंडार है। सर्वे में काम ली जा रही चौड़े टायरों की इन भारी-भरकम मशीनों से खेतों में खड़ी फसलें खराब होने का डर रहता है। अगर फसलों का खराबा हो तो सरकार के निर्देशानुसार एसडीएम द्वारा जो दरें निर्धारित की जाती है, उसके अनुसार मुआवजा दिया जाता है। सर्वे में काम ली जा रही मशीनें इतनी विशाल है कि वे ग्रामीणों के कौतुहल का विषय बनी हुई है। बड़ी संख्या में ग्रामीण इन्हें देखने पहुंच रहे हैं।

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