बनासकांठा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को अपने गृह राज्य गुजरात
में बनासकांठा जिले के डीसा में कहा कि उन्हें लोकसभा में बोलने
नहीं दिया जा रहा इसलिए उन्होंने जनसभा में बोलने का फैसला किया। विपक्ष
को आड़े हाथों लेते हुए मोदी ने कहा, वे संसद नहीं चलने दे रहे हैं। मैं
उनसे अपील करता हूं कि देश का भाग्य बदलने के लिए सरकार के साथ आएं।
यहां
को-ऑपरेटिव डेयरी प्लांट का उद्घाटन करने आए पीएम मोदी ने छोटे नोटों की
तुलना गरीबों से करते हुए कहा कि बड़े नोटों के बंद होने से छोटे नोटों
यानी गरीबों की पूछ बढ़ गई है।
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि
आतंकवादियों, नक्सलियों को मिलने वाली ताकत को नोटबंदी के जरिए सरकार ने
खत्म करने का काम किया है। साथ ही उन्होंने यह भी दोहराया कि नोटबंदी के
कारण होने वाला कष्ट 50 दिन बाद दूर हो जाएगा। हालात धीरे-धीरे सामान्य हो
जाएंगे।
गरीबों की ताकत बढ़ाने के लिए नोटबंदी
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अपने संबोधन में मोदी ने कहा कि आज देश में नोटबंदी की चर्चा चल रही है। 8
नवंबर के बाद से आम लोगों की, गरीब तबके की ताकत बढ़ी है। उन्होंने कहा,
‘पहले 20, 50, 100 रुपये के नोट को कोई पूछता नहीं था, पर 8 तारीख के बाद
बड़ों की तरफ कोई देखने को तैयार नहीं है, मैंने छोटे लोगों की ताकत बढ़ाने
के लिए यह बहुत बड़ा फैसला किया है। नोटबंदी आतंकवाद और भ्रष्टाचार के
खिलाफ हथियार है। ईमानदार लोगों ने सरकार के नोटबंदी के फैसले का स्वागत
किया है। विपक्ष के भडक़ाने के बाद भी देश के लोग सरकार के साथ हैं।
पीएम
मोदी ने कहा, व्यापारी पहले कहते थे, कच्चा बिल कि पक्का बिल, मकान खरीदने
के लिए चेक में इतना, रोकड़े में इतना। इस प्रकार से वे लोग नोट छापते गए,
देश का अर्थतंत्र इन नोटों के ढेर के नीचे दबने लग गया। मेरी लड़ाई
आतंकवाद के खिलाफ है, नकली नोटों का सीमा पार से कारोबार चलता है, नक्सलवाद
में सारे नौजवान सरेंडर हो कर वापस आ रहे हैं, आतंकवादियों को जहां से
ताकत मिलती थी, उन रास्तों को रोकने में हम सफल रहे हैं।’
विपक्ष पर हमला
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मोदी ने कहा कि संसद में चल रहे गतिरोध से राष्ट्रपति भी परेशान
हैं। राष्ट्रपति ने विपक्ष के रवैये की आलोचना भी की। उन्होंने कहा, ‘संसद
चल नहीं रही है, चलने नहीं दी जा रही है, हमारे देश के राष्ट्रपति जिनका
सार्वजनिक जीवन में इतना लंबा अनुभव है, लेकिन संसद में जो कुछ हो रहा है,
उससे वह इतने दुखी हो गए कि दो दिन पहले उन्हें सांसदों को सार्वजनिक तौर
पर टोकना पड़ा। सरकार कहती है कि पीएम बोलने के लिए तैयार हैं, लेकिन उनको
मालूम है, उनका झूठ टिक नहीं पाएगा इसलिए मुझे लोकसभा में बोलने से रोका
जाता है, इसलिए मैंने जनसभा में बोलने का फैसला किया।’
चोर दरवाजे पर लगाए कैमरे
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नोटबंदी से लोगों को हो रही परेशानी का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, ‘पहले
दिन से मैंने कहा कि यह फैसला मामूली नहीं है, बहुत मुश्किल भरा फैसला है।
मैंने कहा था कि बहुत तकलीफ होगी, मुसीबत आएगी और 50 दिन यह तकलीफ होगी ही
होगी। तकलीफ बढ़ती जाएगी, 50 दिन बाद धीरे-2 कर स्थिति सुधर जाएगी। यह
भ्रष्टाचार से मुक्ति का कदम है, सरकार पीछे लगी है, बैंक वाले जेल जा रहे
हैं, उन्हें लगा था कि आगे का दरवाजा बंद हो गया तो वे पीछे वाले दरवाजे से
अपना काम कर लेंगे, उन्हें नहीं पता था कि मोदी ने पिछले दरवाजे पर भी
कैमरे लगाए हुए हैं। जिन्होंने ने भी 8 नवंबर के बाद नए पाप किए हैं , वे
किसी हाल में बचने वाले नहीं है, उन्हें सजा मिलेगी।’
कागज के नोटों का जमाना जाने वाला है
नोटबंदी को ऐसे रखा गया था सीक्रेट
प्रधानमंत्री ने यहां भी डिजिटल करंसी की जमकर वकालत की। उन्होंने
कहा कि कागज के नोटों का जमाना जाने वाला है। कसी जमाने में चांदी के
सिक्के हुए करते थे, वक्त बीतने के साथ पैसा कागज में आने लग गया। आपको
एटीएम और बैंकों के बाहर लाइन में लगने की जरूरत नहीं है, अपने मोबाइल का
इस्तेमाल कीजिए, आपका बुटआ आपके मोबाइल में है। हिंदुस्तान तेज गति से
दुनिया से आगे जाना चाहता है, देश कालाधन और जाली नोट बर्दाश्त नहीं करेगा।
नोटों के पहाड़ अर्थतंत्र को दबोच रहे हैं। मोदी ने कहा, ‘अब वक्त और बदल
चुका है, अब मोबाइल में ही पैसा है। वहीं विपक्षी दलों से भी डिजिटल करंसी
के लिए लोगों को जागरूक करने की अपील करते हुए मोदी ने कहा, ‘चुनाव में हम
एक दूसरे का घोर विरोध करते हैं, लेकिन मतदान बढ़ाने के लिए लोगों को
जागरुक करते हैं। मेरा खुलकर विरोध करिए, आलोचना कीजिए, पर लोगों को
बैंकिंग सिखाइये, इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग सिखाइये। आप भी फायदा उठाइये,
राजनीति से ऊपर राष्ट्रनीति होती है, दल से बड़ा देश होता है।’
हिंदी में इसलिए भाषण
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इसके पहले पीएम मोदी ने शुरुआत में ही गुजराती के बजाय हिंदी में भाषण देने
की वजह भी बताई। उन्होंने कहा कि वह हिंदी में इसलिए बोल रहे हैं कि ताकि
देश के लोगों को यह पता चले कि बनासकांठा के किसान किस तरह काम कर रहे हैं।
उन्होंने बनासकांठा के किसानों की जमकर तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने
जिले की बंजर धरती को सोना उगलने वाली जमीन में तब्दील कर दिया।
श्वेत क्रांति के बाद अब स्वीट क्रांति की जरूरत
पीएम
मोदी ने किसानों को संबोधित करते कहा कि बनासकांठा के लोग रोजी-रोटी के
लिए बाहर जाते थे, लेकिन किसानों ने यहां की तस्वीर बदल दी। बनासकांठा आज
आलू उत्पादन के लिए जाना जाता है। बनास डेयरी ने अमूल के साथ चीज उत्पादन
शुरू किया, अब श्वेत क्रांति के साथ साथ स्वीट क्रांति का भी बिगुल बजाया
है। उन्होंने कहा, ‘अब स्वीट क्रांति भी होने वाली है, मधु क्रांति।
मधुमक्खी पालन के लिए यहां किसानों ने ट्रेनिंग ली और अब उससे मिलने वाला
शहद बाजार में भी आ गया है। अगर दूध के साथ साथ सभी किसान अपने खेतों में
मधुमक्खी पालन भी कर लें तो शहद और दूध साथ साथ जाएगा। किसानों को अतिरिक्त
फायदा मिलेगा।’
पीएम मोदी ने कहा कि मैं आपके बीच प्रधानमंत्री बनकर
नहीं, इस धरती की संतान के रूप में आया हूं। बनासकांठा के किसानों ने
रेगिस्तान जैसी जमीन को सोने में तब्दील कर दिया। बनासकांठा को बचाने के
लिए पानी को बचाना होगा।
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