कुल्लू।
पार्वती जलविद्युत परियोजना चरण दो के मणिकर्ण परिसर में हिन्दी कार्यशाला का
आयोजन किया गया, जिसमें विद्वानों ने अपने प्रपत्र पढ़े। कार्यशाला का शुभारंभ मुख्य
अभियंता (सिविल) संतोष कुमार ने किया। उन्होंने कार्यशाला में आये प्रतिभागियों को
संबोधित करते हुए कहा कि हिन्दी हमारी राजभाषा है और हम सबको अपने कार्यालय का
कामकाज हिन्दी में करना चाहिए। इस कार्यशाला में कुलभूषण सिंह प्रबन्धक (सिविल) भी
उपस्थित रहे। पार्वती जलविद्युत परियोजना चरण दो के मणिकर्ण परिसर में बीते एक वर्ष
में यह तीसरी कार्यशाला थी। इससे पहले दो हिन्दी कार्यशालाओं का आयोजन परियोजना के
नगवाईं परिसर में किया गया था।
कार्यशाला
के प्रथम में सत्र डॉ. दयानन्द गौतम प्रोफेसर राजकीय महाविद्यालय कुल्लू ने हिंदी
पर अपना सारगर्भित प्रपत्र पढ़ा। इसमें उन्होंने प्रतिभागियों की हिन्दी की
संकल्पना, प्रकृति और संरचना
पर प्रकाश डाला। दूसरे सत्र में डॉ. दयानन्द सारस्वत प्राध्यापक ने प्रतिभागियों
को हिन्दी व्याकरण की बारीकियों से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि किसी भी भाषा को
सीखने में व्याकरण की प्रमुख भूमिका होती है। डॉ. दयानन्द सारस्वत ने कहा कि
हिन्दी भाषा वैज्ञानिक है, इसकी देवनागरी
लिपि समृद्ध और वैज्ञानिक है। इसमें जैसा लिखा जाता है, वैसा ही उच्चारण किया जाता है।
परियोजना
के राजभाषा अधिकारी कंवर सिंह चौहान ने भी प्रतिभागियों को राजभाषा नीति और यूनिकोड के बारे में विस्तार से बताया। इस हिन्दी कार्यशाला में मंच संचालन कंवर सिंह चौहान, राजभाषा अधिकारी ने किया।
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