टूल -पाने से चेहरे पर इतने किये वार, की हत्यारा खुद भूल गया, कितने किये वार

www.khaskhabar.com | Published : रविवार, 04 दिसम्बर 2016, 3:42 PM (IST)

उदयपुर। साईकोसिस बीमारी के मरीज एक सीए स्टूडेण्ट ने अपने सनकीपन के चलते महिला अधिवक्ता की नृशंस हत्या कर दी। हत्या के बाद से ही पूरे मामले को कभी लव ट्राईंगल, घरेलू झगडे तो कभी ऑनर किलींग से जोडकर पुलिस अपनी जांच करती रही। अपनी जांच मे पुलिस मृतका के पति के.वी. गुप्ता को ही हत्यारा मान रही थी, पर आखिरकार पुलिस की जांच जा कर अटकी पडौसी युवक पर जिसके बाद हुआ इस मर्डर मिस्ट्री का सनसनीखेज खुलासा।
इतने वार किये, की खुद भी भुल गया हत्यारा
उदयपुर के बहुचर्चित हत्याकांडो में से एक अधिवक्ता रुचिका गुप्ता की जिन्दगी सिर्फ साइकोसिस नामक बिमारी के भेट चढ़ गयी। जी हां बिल्कुल दिव्य नाम के इस आरोपी को यह बिमारी थी जिसके चलते उसने रुचिता को मौत के घाट उतार दिया ! पुलिस को इस मर्डर मिस्ट्री को खोलने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ी। इस मामले में सबसे पहले शक की सूई रूचि के पति केबी गुप्ता पर जा कर अटकी लेकिन पूछताछ मे ऐसा कोई भी क्लू पुलिस के हाथ नही लगा।जांच के दौरान ही पुलिस को दिव्य के कमरे से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ जिसमे उसने रूचि को नहीं मारने की बात लिखी। पर पुलिस ने उस सुसाईड नोट को गंभीरता से नहीं लिया गया। रूचि के परिजनों ने भी केबी गुप्ता के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई जिसमे पति - पत्नि के बीच लम्बे समय से झगडे होने की बात सामने आई। जिससे पुलिस का शक सिर्फ उसके पति के उपर ही था। लेकिन जब दिव्य अपने द्वारा किये गये पछतावे का प्रायश्चित करने पुलिस चोकी पंहुचा तो पुलिस के होश उड गए। पुलिस के सामने दिव्य ने जाते ही रूचि की जघन्य हत्या करना कबूल कर लिया, लेकिन इसके पीछे कोई ठोस वजह नहीं होने के कारण पुलिस ने इसे मानसिक अवसाद से पीडि़त मानते हुए गंभीरता से नहीं लिया। पुलिस अधिकारियो के सामने जब बार बार उसने रूचि की गलती से हत्या की बात करना कबूला तो पुलिस ने इसे फिर गंभीरता से लेना शुरू किया। पुलिस ने सबसे पहले दिव्य और रूचि के मोबाइल के लोकेशन की जानकारी जुटाई तो मौत की ये कहानी सबके सामने खुलकर सामने आ गयी।



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आत्महत्या में नाकाम रहने पर किया आत्मसमर्पण
डिप्रेशन और मानसिक अवसाद का शिकार दिव्य रूचि की हत्या नहीं करना चाहता था लेकिन वो साइकोसिस नामक बीमारी से ग्रसित था इस वजह से उसने इस हत्याकांड को अंजाम दिया। पुलिस के अनुसार दिव्य 2 बार सीए की परीक्षा में फैल हो चूका हे और इस वजह से घर वालो के ताने सुन सुन कर वो डिप्रेशन में आ गया हे। हत्या वाले दिन दिव्य ने डिप्रेशन की वजह से चूहे मारने वाली दवाई को खाकर मरने की ठानी। इस दौरान दिव्य जब लिफ्ट से अपने फ्लेट में आ रहा था तो उसने अपनी फ्लेट की मंजिल की जगह गलती से रूचि के फ्लेट की मंजिल का बटन दबा दिया। दिव्य जहरीली दवा के नशे में सातवी मंजिल पर पंहुचा तो उसे लगा की वो अपने फ्लेट पर पहुच चूका था, चूँकि दिव्य और रूचि का फ्लेट अलग अलग मंजिल पर जरुर हे लेकिन दोनों की दिशा और दशा लिफ्ट के खुलने के बाद बिल्कुल एक जैसी ही हे और नशीली दवा के कारण जब वह रूचि के फ्लेट को अपना फ्लेट समझकर उसमे जाने लगा तो उसे रूचि वहा मिल गयी। रूचि ने उसे सहारा देते हुए अपने फ्लेट में ले गयी। पुलिस के अनुसार रूचि ने दिव्य को होश में लाने के लिए मुह पर धीरे धीरे चांटे मारे गये तो उस साइकोसिस नामक बिमारी का दौरा पड़ा। दौरा पड़ते ही दिव्य को कुछ याद नहीं आया और उसने रूचि के कमरे में पड़े स्कूटर के टूल से उसके सिर में ताबड़तोड़ कई वार कर दिए जिससे रूचि वही फर्श पर गिर गई। पुलिस का कहना हे की इस दौरान उसके दिमाग में उस बीमारी का असर जोरदार रहा होगा। हत्या के बाद भी दिव्य रूचि के फ्लेट को अपना फ्लेट समझ रहा था इसलिए वह आराम से उसी फ्लेट के बाथरूम में नहाया। कुछ देर बाद जब वो इस गंभीर बीमारी के शिकंजे से बाहर आया तो उसे लगा की उसके हाथो से ये अनहोनी हो गयी हे। जिस पर वो जल्दबाजी में रूचि के फ्लेट से निकला और रूचि के मोबाइल को अपना मोबाइल समझ कर अपार्टमेंट से अपने साथ लेकर निकल गया। साइकोसिस बीमारी के चंगुल से निकलने के बाद दिव्य को अपने द्वारा किये गए कृत्य को लेकर पछतावा हुआ। दिव्य ने मर्डर के बाद और पुलिस के समक्ष उपस्थित होने से पहले कुल 8 बार सुसाइड अटेम्प्ट किये लेकिन उसे कही भी सफलता हासिल नहीं हुई। थक हार कर रूचि की हत्या के पाप का प्रायश्चित करने के लिए दिव्य सीधा अम्बामाता थाने की फतहपुरा पुलिस चोकी पंहुचा और आत्मसमर्पण करते हुए रूचिता की जघन्य हत्या करना कबूल किया। इस पूरे मामले मे जहां पूलिस रूचिका के पति के.वी. गुप्ता को हत्यारा मानते हुए पूछताछ करती रही लेकिन दिव्य द्वारा हत्या कबूलने के बाद के.वी. को निर्दोष मानते हुए इस मामले से दूर कर दिया गया।



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पुलिस का खुलासे पर लोग नहीं कर रहे पा रहे विश्वास
भले ही पुलिस ने इस मामले में दिव्य कोठारी को गिरफ्तार कर खुलासा कर दिया है, लेकिन कुछ सवाल जो अभी भी अनसुलझे है। की एक तरफ़ दिव्य को साईको बताया गया, तो दूसरी तरफ वो एक सीए का विद्यार्थी है, जिसके साईको होने की भनक तक उसके दोस्तों और पड़ोसियों को नहीं थी ? पुलिस जांच में हत्या के दिन से ही रूचि के पति को हत्यारा माना जा रहा था और दबीं आवाज में यह भी सामने आया की केवी गुप्ता ने अपना जुर्म कुबूल कर लिया, तो अचानक कहानी में नया मोड़ कैसे आया ? पुलिस ने रूचिका हत्याकाण्ड मामले का जो खुलासा किया वो अब लोगो मे चर्चा का विषय बना हुआ है। पुलिस ने जिस दिव्य कोठारी को साईकोसिस बीमारी होना बताया वो सीए का स्टुडेण्ट हो इस हत्या से पहले कभी उसे इस बीमारी के दौरे पडना भी सामने नही आया। हालांकि पुलिस ने अपनी तरफ से मामले का खुलासा कर दिया है लेकिन कई अनसुलझे सवाल अभी भी सुलझने बाकी है।
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