मुरादाबाद: मुरादाबाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सफल रैली
से स्थानीय भाजपाई फूले नहीं समा रहे हैं लेकिन ज्यादातर नेता इस सवाल पर चुप हैं
की रैली का खर्च कैश से हुआ या कैशलेस। वेस्ट यूपी के क्षेत्रीय अध्क्ष्य और
एमएलसी भूप्रेन्द्र सिंह ने कहा कि पूरे मंडल के कार्यकर्ताओं से चन्दा एकत्र
कराकर रैली के खर्च का इंतजाम पार्टी द्वारा किया गया है। आंकड़ों में तो किसी ने जवाब
नहीं दिया लेकिन रैली का ख़र्च करीब दो करोड़ से ऊपर का बताया जा रहा है। दरअसल ये
सवाल इसलिए भी उठ रहा है की जब खुद पीएम मोदी देशवासियों से कैशलेस होने की बात कर
रहे हैं तो देशवासियों के लिए ये भी जानना जरूरी है की इतनी बड़ी रैली में कितना
खर्चा हुआ और कैसे भुगतान हुआ।
स्थानीय
भाजपाई खर्च को बताने में संकोच कर रहे हैं सिर्फ यही बताया की ज्यादातर भुगतान
चेक से हुआ है लेकिन कितना और किस तरह ये नहीं बताया गया। जबकि रैली की भव्यता को
देखकर ही अंदाजा लगाया जा सकता है की इसमें दो करोड़ से ज्यादा खप गए होंगे। वहीं
इसमें कई बड़े नेताओं की विजिट भी लगातार शामिल है। भीड़ की संख्या और उनके लाने ले
जाने के वाहनों का इंतजाम देखे तो आंकड़ा और बढ़ जाता है। फिलहाल स्थानीय भाजपा इकाई
के कुछ नेताओं ने कहा कि अभी खर्च का आंकड़ा बढ़ सकता है और हम जरूर बताएंगे की कुल
कितना खर्चा हुआ, सभी
भुगतान चेक से किए गए हैं।
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आपको बता दें कि 2014 लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान भी मोदी की रैलियों का ख़र्च
कई बार सार्वजनिक हुआ था। यह खर्च 18 से 20 करोड़ और कई बार इससे भी ज्यादा का
आंका गया। वहीं कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने 2014 अप्रैल में आरोप लगाया था की मोदी की
चुनावी रैलियों का खर्च पांच हजार करोड़ रुपए से भी ज्यादा का है जिसमें से अधिकतर
ब्लैकमनी है। इस बात में कितनी सच्चाई है इसकी पुष्टि किसी ने नहीं की।
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