भारत-पाक सीमा पर लगेगी स्मार्ट बाड,फिर गश्त की जरूरत नहीं रहेगी

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 30 नवम्बर 2016, 10:28 PM (IST)

नई दिल्ली। सीमा पर भारत और पाकिस्तान के बीच जारी भारी तनाव के बीच सेना के जवानों के लिए एक राहत भरी खबर आई है। अब जल्द ही भारत-पाकिस्तान और भारत-बांग्लादेश की सीमा पर पट्रोल फ्री स्मार्ट ब़ाडे लगाए जाएंगे।

बीएसएफ महानिदेशक केके शर्मा ने बताया कि 2017 के आखिर तक सीमा पर ऎसे बाड लगाई जाएंगी कि वहां जवानों की गश्त की जरूरत ही नहीं होगी। बीस अंतरराष्ट्रीय फर्म इसकी तैयारी कर रहे हैं। शर्मा ने बताया,गृह मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद हम ऎसे सिस्टम पर काम कर रहे हैं जिससे बॉर्डर पर जवानों को गश्त न करनी पडे। स्मार्ट बाड लगने के बाद किसी भी घुसपैठ की जानकारी राडार के माध्यम से जवानों को मिल जाएगी। हम अपनी सीमाओं को सुरक्षित रखने के लिए बाड को आधुनिक तकनीक के हिसाब से बना रहे हैं।


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कॉम्प्रिहेंसिव इंटिग्रेटेड बॉर्डर मैनेजमेंट सिस्टम यानी सीआईबीएमएस को डेवलप करने के लिए 20 कंपनियां काम कर रही हैं। उम्मीद है कि अगले डेढ साल में यह काम जमीन पर दिखाई देने लगेगा। महानिदेशक ने कहा, इस मामले में कुछ पायलट प्रॉजेक्ट्स पर काम शुरू हो चुका है। इसमें पंजाब, जम्मू और गुजरात के वे क्षेत्र शामिल हैं, जहां जमीन बहुत दलदली है। इसमें से एक प्रॉजेक्ट असम के धुबरी में पूरा होने वाला है।

उन्होंने कहा कि 2.5 लाख जवानों वाली देश की सबसे बडी बॉर्डर सिक्यॉरिटी फोर्स को आधुनिक होने की जरूरत है। जवानों के साथ जब आधुनिक यंत्र जुड जाते हैं, तो इससे उनकी ताकत और बढ जाती है।

छुपी हुई सुरंगों का पता लगा सकेंगे...

शर्मा ने बताया कि सीआईबीएमएस को शुरू करने के बाद इसमें लेजर बाड, राडार का इस्तेमाल किया जाएगा और इसे सैटलाइट से भी जोडा जाएगा। इसके बाद जवानों को तभी ऎक्शन लेना होगा जब उन्हें किसी घुसपैठ या हमले के संकेत मिलेंगे।


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उन्होंने बताया कि छुपी हुई सुरंगों का पता लगाने के लिए भी गैजट तैयार हो रहे हैं। इससे अंतरराष्ट्रीय सीमा पर होने वाली घुसपैठ और गोलीबारी को रोकने में मदद मिलेगी और सांबा में हुए आतंकी हमले की तरह कोई दूसरा हमला नहीं हो सकेगा। इसमें इजरायल की भी मदद ली जा रही है और आईआईटी जैसे संस्थान इसके लिए काम कर रहे हैं।

शर्मा ने कहा,हम पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच घुसपैठ और सीमा रेखा के उल्लंघन के मामलों को तकनीक के जरिए रोकना चाहते हैं। हम आतंकवादियों के मंसूबों को विफल करने के लिए हर प्रयास कर रहे हैं। इस साल जो भी घुसपैठ हुई हैं, वे सभी एलओसी से हुई हैं। मैं इस बात की गारंटी लेता हूं कि हम अब अंतरराष्ट्रीय सीमा से घुसपैठ नहीं होने देंगे।
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