सैकड़ों सफाईकर्मी डयूटी पर, फिर भी गंदगी के ढेर

www.khaskhabar.com | Published : मंगलवार, 29 नवम्बर 2016, 5:59 PM (IST)

झाँसी। महानगर की जनता को नगर निगम जहां झांसी को स्मार्ट सिटी बनाने के सपने दिखा रहा है। वहीं इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही है। कचरे से पटी पड़ी कई वार्डों की सड़कें और बजबजाती नालियां स्वयं चीख चीख कर अपनी हकीकत बयां कर रही हैं। सैकड़ों सफाई कर्मी और आधुनिक मशीनें मौजूद होने के बावजूद सफाई व्यवस्था नाकाफी साबित हो रही है। महानगर को स्वच्छ और सुन्दर बनाने के लिये नगर निगम आये दिन कोई न कोई योजना बनाती रहती है। इसमें से कितनी योजनाऐं सफल हो पाती हैं। यह किसी से छुपा नहीं हैं। नगर की सफाई व्यवस्था के लिये महानगर के 60 वार्डों में पार्षद, हवलदार व सफाई कर्मी नियुक्त किये गये हैं। इन वार्डों में से सिविल लाइन जैसे क्षेत्रों में तो सफाई व्यवस्था चौकस होती है। परन्तु अधिकांश वार्डों की हालत काफी दयनीय है। वहां न तो सफाई कर्मी झाड़ू लगाने पहुंचते हैं और न ही नाला गेंग के कर्मचारी नाले साफ करने के लिये पहुंचते हैं। इससे इस क्षेत्रों में जगह जगह गंदगी का अंबार लगा हुआ है। ऐसा नहीं है कि महानगर में धड़ाम हुई सफाई व्यवस्था की जानकारी अधिकारियों को नहीं है। असल बात यह है कि कई वार्डों में तो अधिकारी नियमित निरीक्षण पर जाते ही नहीं हैं। यही कारण है कि वहां के हवलदार जो भी रिपोर्ट उन्हें दे देते हैं, वह उस पर बिना जांच किये ही कार्यकुशलता की मोहर लगा देते हैं। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि अधिकारी तो छोड़ो हवलदार स्वंय क्षेत्रों की सफाई व्यवस्था पर पूरी गंभीरता से नजर नहीं रखते हैं। इससे वार्डों में सफाई करने वाले सफाईकर्मियों को काम न करने का मौका मिल जाता है। अधिकारियों की लापरवाही से महानगर के कई क्षेत्रों में सफाई कर्मियों की बल्ले-बल्ले हो रही है।
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