Fail: एक ही दिन में 11 गायों की मौत, यहां तस्कर नहीं है मौत का कारण

www.khaskhabar.com | Published : मंगलवार, 29 नवम्बर 2016, 10:39 AM (IST)

हिसार। सरकार ने गौ-संवर्धन को लेकर सख्त कानून बना दिया और गौ-तस्करी को रोकने के लिए नि:संदेह शहर के विभिन्न गौ सेवक सक्रिय भी हो गए। मगर शहर में अब गौ-तस्करी से ज्यादा भयावह स्थिति शहर की सडक़ों पर बेसहारा घूम रही गायों को लेकर है। हिन्दू धर्म में गाय में 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास होने की मान्यता है, मगर शहर में गऊ कूड़े जरिए ही अपना पेट भरने को मजबूर है। इसी का भयावह परिणाम यह निकला कि बीती रात शहर की अनाज मंडी क्षेत्र, सेक्टर-14, सुंदर नगर सहित अन्य क्षेत्रों में 11 गायें मर गईं। इस बात की सूचना जैसे ही पशुपालन विभाग के चिकित्सकों को मिली, तो वे तुरंत अनाज मंडी क्षेत्र में पहुंचे। आरंभिक जांच में चिकित्सक गायों के मरने का कारण फूड प्वाइजनिंग मान रहे हैं। सही रिपोर्ट पोस्टमार्टम होने पर ही की जा सकेगी।
शहर में एक साथ 11 गायों के मरने पर विभिन्न गो सेवक आज अनाज मंडी में एकत्र हुए। गौ सेवक सीता राम सिंगल ने बताया कि शहर में मरीं 11 बेसहारा गायों में से सबसे ज्यादा 6 गायें अनाज मंडी में मरी हैं। जबकि दो गायें सेक्टर-14 और एक सुंदर नगर में और दो पटेल नगर में मरी हुई मिली हैं। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन बेसहारा गायों के लिए कोई व्यवस्था करने में पूरी तरह नाकाम साबित हो रहा है। प्रशासन इतना ही शहर की सडक़ों एवं आवासीय क्षेत्रों में उन दुधारू पशुओं को भी पकडऩे में नाकाम हो रहा है, जिन पशुओं को उनके पशुपालक सुबह और शाम के वक्त केवल दूध निकालने के लिए ही अपने घर लेकर जाते हैं।
मुख्यमंत्री की वीडियो कॉन्फे्रन्सिग का भी नहीं हुआ असर
जिले को बेसहारा गायों से मुक्त करने के लिए करीबन डेढ़ महीना पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने वीडियो कॉन्फ्रेन्सिग के जरिए अधिकारियों से बात की थी और प्रदेशभर की स्थिति रखी थी, जिसमें हिसार बेसहारा पशुओं की संख्या में दूसरे स्थान पर था। प्रशासनिक अधिकारियों ने पहले तो 1 अक्टूबर तक शहर को बेसहारा पशुओं से मुक्त करने का लक्ष्य रखा था और फिर नवंबर तक। अब नवंबर भी बीतने को है, मगर अभी तक शहर में बेसहारा पशुओं का जमावड़ा कम नहीं हो पाया है। हैरत की बात है कि सरकार ने हाल ही में पशुबाड़े के लिए जगह निर्धारित कर दी है, मगर अभी तक वहां पर कोई व्यवस्था नहीं हो पाई है। शहर की सडक़ों पर बेसहारा पशुओं के घूमने के कारण अनेक सडक़ हादसे हो चुके हैं और कई लोगों की जानें जा चुकी हैं।


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