लखनऊ। पूरे उत्तर प्रदेश में भारत बंद का खास असर नहीं है। विपक्षी दलों ने कुछ शहरों में प्रदर्शन किए हैं लेकिन दुकानदार पहले से ही चौपट कारोबार से परेशान हैं और बंद में सहयोग देकर और नुकसान के लिए तैयार नजर नहीं आ रहे हैं।न दुकानें बंद हुई ना बाजार, लोगों ने कहा दो घंटे ज्यादा करेंगे, मनाएंगे त्यौहार । जी यह शब्द है इलाहाबादियों के जिन्होंने भारत बंद को न सिर्फ नकार दिया है । बल्कि यह संदेश भी दिया कि कालाधन पर नोटबंदी का फैसला सही है । सुबह 10 बजे तक खुलने वाली दुकाने 8 बजे ही खुलने लगी। जहां कहीं भी बंद का प्रयास हुआ व्यापारियों ने खुलेआम विरोध किया । लोगों ने कहाकि नोटबंदी में अभी भले नुकसान हो लेकिन दूर का नफा है । इसका असर यह रहा कि कांग्रेस कार्यकर्ता सड़क पर प्रदर्शन करते रहे। कांग्रेस नेता आनंद शर्मा का कहना था, दशकों की मेहनत के बाद भारत इस मुक़ाम पर पहुंचा था और प्रधानमंत्री ने अपने अहंकार की वजह से देश का अपमान किया है। उन्होंने कहा, भारत जैसे गरीब देश में जहां बैंकिंग की सुविधा कई लोगों के पास नहीं है। उन्हें क्रेडिट और डेबिट कार्ड, मोबाइल बैंकिंग इस्तेमाल करने की ताक़ीद देना सही नहीं है। पूरी दुनिया में कैशलेस इकोनॉमी कहीं नहीं है। सरकार के इस फ़ैसले ने पूरी बैंकिंग व्यवस्था को चौपट कर दिया है।
विवादित पोस्टर लहराते रहे। लेकिन कोई साथ देने
नहीं आया। समाजवादी पार्टी के नेता कार्यकर्ता प्रदर्शन करने निकले । रेलवे ट्रैक
पर खड़े होकर फोटो खिंचवाई, नारेबाजी की लेकिन जन समर्थन न मिलने
पर अभद्र भाषा में पीएम मोदी पर निशाना साधा ।
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी बंद के
समर्थन में नहीं हैं, लेकिन नोटबंदी के विरोध में एकजुट प्रदर्शन का
आह्वान करते हुए कोलकाता में सोमवार को रैली करेंगी। ममता बनर्जी का कहना है कि वो
काले धन के ख़िलाफ़ हैं लेकिन इसके लिए आम लोगों को परेशान नहीं किया जाना चाहिए। यहां डॉक्टर नहीं, खेजड़ी भगाती है कुकर खांसी
एक तरह से नोटबंदी के विरोध में भारत बंद का
ऐलान करने वाली विपक्षी पार्टियों को आज मुंह की खानी पड़ी । जिस जन आक्रोश की बात
कर भारत बंद का आह्वान किया गया उसका कोई असर जनता पर नहीं दिख रहा है।
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गौरतलब है कि केंद्र सरकार के सरकार के 500 व
एक हजार रुपए के नोटबंदी के फैसले के खिलाफ आज विपक्षी पार्टियों के जन आक्रोश
दिवस के तौर सुबह 7 बजे से ही तैयारी शुरू कर दी । इलाहाबाद में समाजवादी पार्टी
के कुछ कार्यकर्ता इसका विरोध रेलवे ट्रैक पर करते नजर आये।
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विपक्ष के जनाक्रोश दिवस में बहुजन समाज पार्टी
के साथ तृणमूल कांग्रेस के अलावा लेफ्ट पार्टियां, सीपीएम, आम
आदमी पार्टी और समाजवादी पार्टी शामिल हैं। इन सभी ने आज जन आक्रोश दिवस के रूप
में देशबंद का आह्ववान किया है। लेकिन फ्लाप सो को देखते हुए कांग्रेस का कहना है कि उसने भारत बंद नहीं
बुलाया है मगर केंद्र सरकार की बदइंतजामी के खिलाफ लोगों के गुस्से को देखते हुए
वो इस प्रदर्शन में शामिल होंगे।
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के साथ तृणमूल कांग्रेस के अलावा लेफ्ट पार्टियां, सीपीएम, आम
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में देशबंद का आह्ववान किया है। लेकिन फ्लाप सो को देखते हुए कांग्रेस का कहना है कि उसने भारत बंद नहीं
बुलाया है मगर केंद्र सरकार की बदइंतजामी के खिलाफ लोगों के गुस्से को देखते हुए
वो इस प्रदर्शन में शामिल होंगे।
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पूरा मामला
इलाहाबाद में इसी क्रम में आज सुबह बघाड़ा
क्षेत्र में समाजवादी पार्टी के कुछ कार्यकर्ता नोटबंदी के खिलाफ बघाड़ा में ट्रैक
परप्रदर्शन किया। हाथ में तख्तियां लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
प्रदर्शन करने वाले सपा नेता रविंद्र यादव ने बताया की सुबह सात 7 रेल ट्रैक पर
प्रदर्शन किये है। उस समय कोई ट्रेन नहीं थी। आधे घंटे वह ट्रैक पर खड़े थे तब तक
कोई ट्रेन नहीं आयी तो वे लोग लौट गए।
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आप को याद दिला दे कि प्रधानमन्त्री मोदी ने
आतंकवाद और काले धन पर रोक लगाने को लेकर 8 नवम्बर की रात 500 और हजार के नोटबंदी
करने की घोषणा कर दी। इनकी जगह नये 500 और 2000 के नोट चलाये गये हैं । इसे लेकर
विपक्षी पार्टियों में काफी आक्रोश है।
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नोटबंदी के विरोध में केंद्र के विपक्षी
पार्टियों ने आज भारत बंद रखने का निर्णय किया है। इसी क्रम में इलाहाबाद में सोमवार छिटपुट
प्रदर्शन हुआ। जिसमें कार्यकर्ताओ की संख्या भी दयनीय रही। सपा व कांग्रेस ने पीएम
मोदी का पुतला फूंका कर नोट बंदी के विरोध में भारत बंद रखने में सहयोग की बात
कही।
कांग्रेसी नेता इरसाद उल्ला ने नोटबंदी के खिलाफ पोस्टर जारी किया है जिसमें
पीएम मोदी को हिटलर बताया है।पोस्टर में जनता की परेशानी को दिखाते हुए लिखा है कि
हर तरफ त्राही त्राही कैसी तेरी तानाशाही लिखा है। वहीं कांग्रेसियों ने मोदी के
खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। घंटाघर के पास बैनर लगाकर जन आक्रोश दिवस पर पीएम को
हिटलर बताया।
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हालांकि यह प्रदर्शन स्वयं में हास्यास्पद नजर
आया। भीड़ नाम कार्यकर्ता ही नजर आये और पार्टी के आवाह्न की लाज बचाते रहे । जिले
के ग्रामीण इलाकों में भी बंद का असर नहीं रहा। दुकाने और बाजार रोज की तरह ही
खुले ।
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