बिलासपुर में है एकमात्र आईएसआई मार्का बिरोजा फेक्टरी

www.khaskhabar.com | Published : सोमवार, 28 नवम्बर 2016, 2:22 PM (IST)

बिलासपुर। बिलासपुर जिला के जबली में स्थापित बिरोजा व तारपिन आयल फेक्टरी पिछले चार दशकों से निरंतर सफलता के पायदान पर अग्रसर है। इस कारखाने के माध्यम से सैकड़ों लोगों को रोजगार के साथ-साथ हिमाचल सरकार को अच्छा राजस्व भी प्राप्त हो रहा है। इस कारखाने में वार्षिक 7400 टन बिरोजे को प्रोसेस करने की क्षमता है।

प्रदेश के विभिन्न जिलों हमीरपुर, बिलासपुर, कांगड़ा, ऊना, मंडी, कुल्लू तथा चंबा से बिरोजे को वैज्ञानिक तरीके से चीड़ के वृक्षों से कीप के माध्यम से निकालकर जबली में स्थित इस कारखाने में लाया जाता है। यह कारखाना अपने उत्पादन की गुणवत्ता के लिए देश के साथ-साथ एशिया में भी प्रसिद्ध है। यह पूरे भारत में आईएसआई चिन्हित एक्स ग्रेड बिरोजा उत्पादन करने वाली एकमात्र फैक्टरी है। यहां विभिन्न प्रकार के ग्रेड का बिरोजा तैयार किया जाता है, जिसमें एक्स, डब्ल्यूडब्ल्यू, डब्ल्यूजी, एन, एम, के, एच, डी तथा बी शामिल है। बी-ग्रेड को छोड़कर सभी बिरोजे की किस्में आईएसआई चिन्हित हैं।

बिरोजा व तारपीन फैक्टरी के लिए कच्चा बिरोजा जंगलों से आता है, उसे गर्म व फिल्टर करके रेस्टवार्ड में लगभग 16 घण्टे तक रखा जाता है ताकि शुद्ध अवशेषों को अलग किया जा सके। इस कारखाने में आधुनिक यंत्रों से सुसजित अपनी प्रयोगशाला भी है तथा प्रयोगशाला में योग्य स्टाफ को रखा गया है। फैक्टरी के पास गम- विरोजे के लिए बीआईएस प्रमाणन है। प्रयोगशाला के वरिष्ठ कैमिस्ट के कथन के अनुसार प्रयोगशाला में बिरोजा टेस्ट करने के लिए सभी उपकरण उपलब्ध है और बिरोजा टेस्ट करने के उपरान्त सारा रिकार्ड प्रयोगशाला में रखा जाता है। बिरोजे का इस्तेमाल कागज छपाई में, स्याही, पेंट, वार्निश, रोगन, फिनाइल, धूप, अगरबती, रबड़, बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। कारखाने के महा प्रबन्धक जेके डोगरा ने बताया कि बिरोजा व तारपिन के खरीददारों में महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब, दिल्ली, पश्चिमी बंगाल तथा जम्मू कश्मीर शामिल हैं। वर्तमान में इस कारखाने को दो शिफ्टों में चलाया जा रहा है। मार्किट में बिरोजे व तारपिन की काफी डिमांड है। विगत चार वर्षों के दौरान इस फैक्टरी से 129163.22 क्विंटल बिरोजा प्राप्त किया गया। चालू वित्त वर्ष में 15 नवम्बर तक 8,156 क्विंटल बिरोजे का उत्पादन किया जा चुका है और 10,476 क्विंटल बिरोजा बेचा गया है, जिस से अभी तक 8,45,39,900 रुपये की आय प्राप्त हो चुकी है। इसी प्रकार गत 15 नवम्बर तक 1,95,200 क्विंटल तारपिन का उत्पादन हो चुका है और 2,41,254 क्विंटल तारपिन बेचा गया, जिस से अब तक 1,90,65,116 रुपये आय प्राप्त हो चुकी है ।
नोटबंदी की राय देने वाले की पूरी राय नहीं मानी...